यूपी के CM योगी आदित्यनाथ को लेकर बिहार से बड़ी खबर, मुजफ्फरपुर के सीजेएम कोर्ट में याचिका दायर
मुजफ्फरपुर की एक सामाजिक कार्यकर्ता तमन्ना हाशमी ने मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट की अदालत में उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के खिलाफ याचिका दायर की है। तमन्ना का आरोप है कि उनकी टिप्पणी अब्बाजान से मुस्लिम समुदाय अपमानित हुआ है।
मुजफ्फरपुर, जासं। उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के खिलाफ मुख्य न्यायिक दंडाधिकारी (सीजेएम) के कोर्ट में सोमवार को परिवाद दाखिल किया गया है। यह परिवाद अहियापुर थाना के भीखनपुर गांव के समाजसेवी तमन्ना हाशमी ने दाखिल किया है। इसमें यूपी के सीएम के अब्बा जान संबोधन पर एक समुदाय विशेष को बदनाम करने का आरोप लगाया गया है। कोर्ट ने परिवाद को सुनवाई पर रखा है। इसके लिए 21 सितंबर की तारीख मुकर्रर की है।
परिवाद में यह लगाया आरोप परिवाद में हाशमी ने कहा है कि न्यूज पोर्टल व समाचार माध्यमों में यूपी के मुख्यमंत्री ने एक समुदाय विशेष को निशाना बनाते हुए उसे अपमानित करने का बयान दिया है। उनका बयान आया है कि अब्बा जान कहने वाले पहले गरीबों का राशन डकार जाते थे। देश में एक समुदाय विशेष के लोग अपने पिता को अब्बा जान कहते हैं। उनका यह बयान देश में सारे अब्बा जान कहने वाले समुदाय को बदनाम करने की साजिश है। वह भी उसी समुदाय से आता है। उनके इस बयान से अपने को अपमानित महसूस कर रहा है। अब्बाजान शब्द को लेकर विवाद बढ़ता जा रहा है। उत्तर प्रदेश के कुशीनगर जिले में चलते-चलते योगी आदित्यनाथ ने एक टिप्पणी किया था। अब उसका असर मुजफ्फरपुर में भी दिखने लगा है। अब मामला अदालत तक पहुंच गया है यूपी के सीएम योगी आदित्यनाथ के बयान को लेकर पहले भी कुछ समुदाय के लोग आपत्ति दर्ज करा चुके हैं।
मुजफ्फरपुर में देश के कई दिग्गजों पर है परिवाद
इससे पहले भी मुजफ्फरपुर में सोनिया गांधी, डॉ. मनमोहन सिंह, राज ठाकरे, अन्ना हजारे, अमिताभ बच्चन, सचिन तेंदुलकर, लालू प्रसाद यादव, नवजोत सिंह सिद्धू पर सहित 585 बड़ी हस्तियों पर मामले दर्ज करा चुके हैं सुधीर ओझा, कांग्रेस की राष्ट्रीय महासचिव प्रियंका वाड्रा के खिलाफ भी यहां परिवाद दाखिल किया जा चुका है। पहलू खां हत्याकांड में आरोपितों की रिहाई को लेकर उनके आपत्तिजनक बयान को आधार बनाया गया था।