दो दिनों तक इसी तरह का मौसम रहेगा, उसके बाद बदलाव की उम्मीद

अगले दो दिनों तक इसी तरह का मौसम रहेगा। उसके बाद से बदलाव की उम्मीद है। आसमान में बादल छाए रहेंगे सूर्य प्रकाश निकलने की कम संभावना है। इस बीच अधिकतम 16 से 18 डिग्री व न्यूनतम तापमान सात से नौ डिग्री सेल्सियस के बीच रहेगा।

By Edited By: Publish:Sun, 17 Jan 2021 04:32 AM (IST) Updated:Sun, 17 Jan 2021 07:04 AM (IST)
दो दिनों तक इसी तरह का मौसम रहेगा, उसके बाद बदलाव की उम्मीद
सूरज कोहरे की ओट में छुपा रहा और लोग रजाई में दुबके रहे।

मुजफ्फरपुर, जासं। शीतलहर का कहर जारी है। शनिवार को न्यूनतम तापमान 8.2 डिग्री और अधिकतम तापमान 15.0 डिग्री सेल्सियस रिकॉर्ड किया गया। मौसम विशेषज्ञों के मुताबिक इस तिथि के अधिकतम तापमान में शनिवार का तापमान सामान्य से छह डिग्री सेल्सियस नीचे रहा। वहीं न्यूनतम तापमान सामान्य के आसपास रहा। सुबह से ही कुहासा का प्रभाव रहा। सूरज कोहरे की ओट में छुपा रहा और लोग रजाई में दुबके रहे। आसमान से टपकती रहीं ओस की बूदें 

शनिवार को दिन में धूप नहीं निकली। शीतलहर के कारण कनकनी बरकरार रही। शाम होते ही सड़कों पर सन्नाटा पसर गया। ठंड से बचने के लिए लोग अलाव व हीटर का सहारा लेते रहे। डॉ. राजेंद्र प्रसाद केंद्रीय कृषि विश्वविद्यालय मौसम विज्ञानी डॉ. ए. सत्तार ने कहा है कि अगले दो दिनों तक इसी तरह का मौसम रहेगा। उसके बाद से बदलाव की उम्मीद है। आसमान में बादल छाए रहेंगे, सूर्य प्रकाश निकलने की कम संभावना है। इस बीच अधिकतम 16 से 18 डिग्री व न्यूनतम तापमान सात से नौ डिग्री सेल्सियस के बीच रहेगा। पछिया हवा सात से 10 किलोमीटर की गति से चलेगी। पश्चिमी विक्षोभ बना ठंड का कारण मौसम वैज्ञानिक डॉ.सत्तार ने बताया कि पश्चिमी विक्षोभ की पूर्ण सक्रियता एवं पछिया हवा के कारण ठंड के प्रकोप में ज्यादा वृद्धि हुई है। शुक्रवार की तुलना में शनिवार को तापमान में थोड़ी वृद्धि अवश्य हुई लेकिन सूर्य का प्रकाश नहीं निकलने के कारण ठंड का प्रभाव बहुत ज्यादा रहा। ठंड का कहर अगले दो-तीन दिनों तक बना रहेगा। सुबह एवं शाम में हल्के से घना कुहासा लग सकता है। डॉ. सत्तार ने किसानों को सुझाव दिया कि वह अपने पशुओं को ठंड से बचाने का उपाय करें। जहां उनको रखते हैं वहां गर्मी बने रहे इसका उपाय होना चाहिए। बीमारियों का बढ़ा प्रभाव : अचानक ठंड बढ़ने के कारण बीमारियों का प्रभाव बढ़ा है। बच्चों पर सबसे ज्यादा कोल्ड डायरिया का असर है। केजरीवाल अस्पताल के विशेषज्ञ चिकित्सक डॉ. बीएन तिवारी ने बताया कि बच्चों को अगर उल्टी-दस्त हो तो उनको नमक चीनी पानी का घोल दें। अगर परेशानी अधिक हो तो अस्पताल लाएं।

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