सीएम नीतीश कुमार के मंत्री मुकेश सहनी एक और बड़े विवाद में फंसे, यहां जानें पूरा मामला

दारोगा ने बोचहां के वीआइपी विधायक मुसाफिर पासवान के पुत्र पर धमकाने का लगाया आरोप। इंटरनेट मीडिया पर वायरल हो रहे वीडियो में प्रभारी मंत्री मुकेश सहनी के सामने विधायक पुत्र केस को रफा-दफा करने के लिए दारोगा को कहते हुए दिख रहे हैं।

By Ajit KumarEdited By: Publish:Fri, 06 Aug 2021 06:19 AM (IST) Updated:Fri, 06 Aug 2021 06:19 AM (IST)
सीएम नीतीश कुमार के मंत्री मुकेश सहनी एक और बड़े विवाद में फंसे, यहां जानें पूरा मामला
दारोगा ने कहा, प्रभारी मंत्री की बैठक के बाद केस को रफा-दफा करने का बनाया दबाव। फाइल फोटो

मुजफ्फरपुर, जासं। नई सरकार के बनने से पहले और उसके बाद भी वीआइपी सुप्रीमो सह जिला के प्रभारी मंत्री मुकेश सहनी सुर्खियां बटोर रहे हैं। अभी यूपी प्रकरण शांत भी नहीं हुआ था कि उनकी उपस्थिति में एक दारोगा को धमकाने का मामला इंटरनेट मीडिया पर वायरल हो रहा है। मामला मुजफ्फरपुर से जुड़ा है। जहां बोचहां सुरक्षित सीट से उनकी पार्टी के विधायक मुसाफिर पासवान के पुत्र अमर पासवान पर एक दारोगा ने धमकी देने और अभद्र व्यवहार करने का आरोप लगाया है। विपक्षी दल के नेता एक वायरल हो रहे वीडियो का हवाला देते हुए यह आरोपल लगा रहे हैं कि यह सबकुछ मुकेश सहनी की उपस्थिति में हुआ और वे शांत रहे। 

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दरअसल कुछ दिनों पहले प्रभारी मंत्री के रूप में मुकेश सहनी मुजफ्फरपुर समाहरणालय में बैठक करने आए थे। वायरल वीडियो के हवाले से कहा जा रहा है कि बैठक के बाद अहियापुर थाना में पदस्थापित दारोगा राजेंद्र पासवान को उनकी पार्टी के विधायक मुसाफिर पासवान के पुत्र ने धमकी दी और एक केस को रफा-दफा करने को कहा। इस संबंध में दारोगा ने मीडिया को बयान दिया कि बोचहां से वीआइपी विधायक के पुत्र अमर पासवान ने अभद्र व्यवहार करते हुए धमकी दी। कहा, दो पक्षों में भूमि विवाद को लेकर गत दिनों मारपीट हुई थी। इसकी प्राथमिकी अहियापुर थाने में दर्ज कराई गई थी। वे इस केस के जांच अधिकारी हैं। इसी मामले को विधायक पुत्र रफा-दफा करने का दबाव बना रहे। उन्होंने कहा, प्रभारी मंत्री की बैठक में आने को कहा गया था। बैठक जितने समय तक चली वे वहां बैठे रहे। बैठक समाप्त होने के बाद विधायक पुत्र एवं अन्य कार्यकर्ताओं ने उन्हें धमकाया।

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इस मामले में विधायक के पुत्र अमर पासवान ने कहा कि अहियापुर थाना क्षेत्र के एक भूमि विवाद को लेकर दारोगा राजेंद्र पासवान ने एक पक्ष की शिकायत दर्ज नहीं की। निष्पक्ष जांच के लिए उनसे दोनों पक्षों की रिपोर्ट दर्ज करने का आग्रह किया गया था। वे एक पक्ष की बात को आधार बनाकर दबाने का प्रयास कर रहे। किसी तरह का दबाव बनाने या धमकी देने का दारोगा का आरोप गलत है। वहीं दूसरी ओर विधायक मुसाफिर पासवान ने पुत्र के पटना में होने की बात कही। 

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