मुजफ्फरपुर के सिविल सर्जन ने मानव बल से काम नहीं लेने का जारी किया पत्र, संशय का अंत

अब समय से पहले हटाए जाने के मामले में मानव बल का उच्च न्यायालय पर भरोसा। मुख्यालय के निर्देशानुसार नियोजित कर्मियों के रद करने संबंधी पत्र को संलग्न कर सभी प्रभारियों को अनुपालन कराने का दिया निर्देश ।

By Ajit KumarEdited By: Publish:Wed, 23 Jun 2021 11:44 AM (IST) Updated:Wed, 23 Jun 2021 11:44 AM (IST)
मुजफ्फरपुर के सिविल सर्जन ने मानव बल से काम नहीं लेने का जारी किया पत्र, संशय का अंत
03 माह से लिए किया गया था बहाल, 20 दिन ही कर सके काम।

मुजफ्फरपुर, जासं। मानव बल को रखने और फिर हटाने व दोबारा काम लेने के मामले में राज्य मुख्यालय के आदेश पर सीएस ने पत्र जारी कर दिया। इसके साथ ही तीन दिन से जारी संशय का अंत हो गया है। इस बीच तीन माह से लिए काम पर बहाल होने के बाद भी समय से पहले हटाए जाने पर नाराज मानव बल को अब उच्च न्यायालय पर भरोसा है। उनकी ओर से इस मामले को हाई कोर्ट तक पहुंचाने वाले अधिवक्ता सुधीर कुमार ओझा ने कहा कि पहले 60 लोगों की ओर से रिट दायर की गई है। तीन से चार दिनों के अंदर और दो सौ लोगों की ओर से रिट डालने की तैयारी है। उन्होंने कहा कि मानव बल के साथ नाइंसाफी हुई है। कोर्ट से पीडि़तों को न्याय मिलेगा।

पीएचसी प्रभारी के नाम जारी हो गया पत्र

सिविल सर्जन ने मंगलवार को नियोजित मानव बल को रद करने संबंधी मुख्यालय के पत्र के बाद सभी पीएचसी प्रभारियों को आदेश का अनुपालन करने संबंधी चि_ी निकाल दी। तीन दिनों बाद सीएस कार्यालय से पत्र निकला। उन्होंने इस बार हटाने का ठीकरा मुख्यालय के माथे पर फोड़ा है। अपने पत्र में सीएस ने इतना ही लिखा है कि स्वास्थ्य विभाग के विशेष कार्य पदाधिकारी के पत्र का अनुपालन कराना सुनिश्चित करें। प्रशासनिक महकमे से जो खबर सामने आ रही है उसके मुताबिक मुख्यालय और जिला प्रशासन के भारी दबाव के बाद आखिरकार सिविल सर्जन को पत्र निकालना पड़ा।

मालूम हो कि कोरोना महामारी में सहयोग के लिए दैनिक वेतन के आधार पर 780 मानव बल को बहाल किया गया। 20 दिन काम लेने के बाद नियोजन को राज्य मुख्यालय की ओर से अनियमितता का आरोप लगाते हुए निरस्त कर दिया गया है।

पत्र की आशा में कई जगहों कर करते रहे कार्य

सीएस की ओर से पत्र जारी नहीं होने से मंगलवार को भी कई पीएचसी में कुछ कर्मियों ने काम किया। हालांकि अधिकतर प्रभारियों ने इन कर्मियों से काम नहीं लिया। औराई पीएचसी में वैक्सीनेशन कार्य में कई कर्मी जुटे रहे। उनका कहना था कि वह अपनी तरफ से सेवा दे रहे हैं। पूछे जाने पर सिविल सर्जन डा. एसके चौधरी ने बताया कि मुख्यालय के निर्देशानुसार नियोजित कर्मियों के रद करने संबंधी पत्र को संलग्न करते हुए सभी प्रभारियों को उसका अनुपालन कराने का निर्देश दे दिया गया है। सभी को उनके काम से हटा दिया गया है।

काम नहीं मिलने से मायूस होकर लौटीं युवतियां

मुजफ्फरपुर : टीकाकरण अभियान के तहत मानव बल के हटाने की जानकारी मिलने के बाद सीएस की ओर से पत्र की आशा मेें दो दर्जन से अधिक युवतियां जिला प्रतिरक्षण कार्यालय आईं, लेकिन वहां पर उनको वैक्सीन नहीं मिली। इससे वे मायूस होकर वापस हो गईं। जिला प्रतिरक्षण कार्यालय से बताया गया कि उन सबका नाम माइक्रोप्लान से गायब है। इसलिए उनको काम नहीं दिया जा सकता। काम करने आईं युवतियों का कहना था कि सिविल सर्जन की तरफ से नया आदेश नहीं आया है इसलिए उनको काम दिया जाए। इसके बाद सब नाराज होकर वापस चली गईं।  

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