मुजफ्फरपुर में एंटीजन किट वितरण व खपत की बदली व्यवस्था, स्वास्थ्य ने किया बदलाव

एंटीजन की कालाबाजारी के बाद विभाग ने किया बदलाव सिविल सर्जन कार्यालय से मिली जानकारी के अनुसार शहरी क्षेत्र के जांच केंद्रों को निर्गत एंटीजन किट और उसके खपत की रिपोर्ट हर दिन कोरोना जांच के नोडल अधिकारी डॉ.अमिताभ सिन्हा को सौंपी जाएगी।

By Dharmendra Kumar SinghEdited By: Publish:Mon, 17 May 2021 04:22 PM (IST) Updated:Mon, 17 May 2021 04:22 PM (IST)
मुजफ्फरपुर में एंटीजन किट वितरण व खपत की बदली व्यवस्था, स्वास्थ्य ने किया बदलाव
कोरोना संक्रमण से बचाव के ल‍िए टीकाकरण जरूरी है।

मुजफ्फरपुर, जासं। एंटीजन किट कालाबाजारी के बाद नियम में बदलाव किया गया है। अब किट के उठाव व खपत की सख्त निगरानी होगी। हालांकि पिछले एक साल से हर जगह पर उठाव व वितरण का कार्य संविदा कर्मी ही कर रहे थे। उसकी जांच के बाद बदलाव होना चाहिए था, लेकिन ऐसा नहीं करने से पूरे व्यवस्था पर सवाल उठ रहा है। इधर सिविल सर्जन कार्यालय से मिली जानकारी के अनुसार, शहरी क्षेत्र के जांच केंद्रों को निर्गत एंटीजन किट और उसके खपत की रिपोर्ट हर दिन कोरोना जांच के नोडल अधिकारी डॉ.अमिताभ सिन्हा को सौंपी जाएगी। प्रखंडों के सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्रों को आवंटित एंटीजन किट का हिसाब सीएचसी प्रभारी प्रतिदिन जिला नोडल अधिकारी को सौंपेंगे।

कोरोना जांच के नोडल अधिकारी डॉ. अमिताभ सिन्हा ने बताया कि अब सरकारी कर्मचारी ही कोरोना जांच किट के कार्यों को देखेंगे। स्वास्थ्य विभाग के प्रधान लिपिक को सदर अस्पताल स्थित जांच केंद्र को एंटीजन किट उपलब्ध कराने और वहां की खपत का हिसाब रखने का निर्देश दिया गया है। जिले के सभी जांच केंद्रों को हर दिन किट रिपोर्ट उपलब्ध करानी होगी।

अब सरैयागंज के दवा दुकान में मिलेगा रेमडेसिविर

सदर अस्पताल के क्षेत्रीय दवा स्टोर से मिलने वाला रेमडेसिविर अब निजी दवा दुकानों में भी उपलब्ध होगी। सीएस ने बताया कि इसके लिए स्वास्थ्य विभाग ने अनुमति दे दी है। जिले में अभी केवल सरैयागंज स्थित एनबी फार्मा में रेमडेसिविर बेचने की अनुमति दी गई है। निजी दवा दुकान में भी दवा सरकारी रेट पर ही दी जाएगी। चिकित्सक के पुर्जा पर रेमडेसिविर लिखा होना चाहिए, इसके बाद ही निजी मेडिकल स्टोर से दिया जाएगा। रविवार को चार सौ वायल दवा दुकानदार को उपलब्ध करा दी गई हैं। सदर अस्पताल से यह दवा अब सिर्फ सरकारी अस्पतालों में सप्लाई दी जाएगी। निजी दवा दुकानदार रेमडेसिविर की पूरी रिपोर्ट हर दिन स्वास्थ्य विभाग का उपलब्ध कराएंगे। अगर कहीं भी गड़बड़ी हुई तो संबंधित के दवा बेचने पर पाबंदी लगा दी जाएगी।

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