जैविक खेती ने बदल दी किसान की तकदीर
सकरा प्रखंड के गन्नीपुर बेझा गाव निवासी रामनंदन प्रसाद आधुनिक तकनीक से जैविक खेती कर न सिर्फ अच्छी कमाई कर रहे बल्कि युवा बेरोजगारों के लिए प्रेरणास्रोत बन गए हैं।
मुजफ्फरपुर : सकरा प्रखंड के गन्नीपुर बेझा गाव निवासी रामनंदन प्रसाद आधुनिक तकनीक से जैविक खेती कर न सिर्फ अच्छी कमाई कर रहे, बल्कि युवा बेरोजगारों के लिए प्रेरणास्रोत बन गए हैं। उन्हें विरासत मे सात एकड़ पैतृक जमीन मिली थी जिसमें एक एकड़ में उन्होंने जैविक खेती शुरू की थी। आज कड़ी मेहनत और लगन से वे 20 एकड़ से अधिक जमीन पर जैविक खेती कर 50 से अधिक लोगों को रोजगार भी दे हैं। उन्होंने बताया कि बिहार विवि से वर्ष 1999 में एमएससी करने के बाद रोजगार व नौकरी की बजाए खेती को जीविकोपार्जन का जरिया बनाया। मटर, आलू, प्याज आदि की व्यावसायिक खेती कर अच्छी आमदनी प्राप्त कर रहे हैं। इस साल वर्मी कंपोस्ट व जैविक उर्वरक डालकर अदरक, ग्रीन एप्पल, अमरूद, नींबू, आलू और गेहूं व प्याज की खेती की है। इससे चार से पांच लाख की आमदनी हो जाएगी। कहा कि सरकार ने समय रहते इसपर ध्यान नहीं दिया तो किसानों को नुकसान उठाना पड़ेगा।
किसानों को दे रहे प्रशिक्षण
उनका कहना है कि जैविक खेती केवल उनका व्यापार नहीं, मिशन है। लोगो को बिना खाद व कीटनाशक का अनाज मिलना चाहिए। इसके लिए उन्होंने वर्ष 2016 में गन्नीपुर बेझा कृषक हितकारी संघ का गठन किया जिसमें गांव के सबल किसानों को जोड़ा। उनलोगों को समय-समय पर जैविक खेती के लिए जागरूक किया। किसानों को उपज का सही दाम मिले, इसके लिए वर्ष 2020 में बेझा फार्मा प्रोड्यूसर्स कंपनी लिमिटेड का गठन किया जिसमें पांच सौ किसानों को जोड़ा गया है। अब वे जैविक उपज की कीमत खुद तय करते हैं तथा बाजार में शुद्ध सामग्री मुहैया कराते हैं।
कीटनाशक व यूरिया से बढ़ रही बीमारी
उनका कहना है कि समाज में जिस तरह की बीमारी बढ़ रही है, उसका कारण कीटनाशक और खाद से तैयार अनाज व फल है। बहुत कम लोग ऐसे कोशिश कर पाते हैं कि इसे खत्म करने के लिए खुद मैदान में आएं। लेकिन, उन्होंने इस मुहिम को आगे बढ़ाने की ठान ली है। निश्चित रूप से जैविक खाद से तैयार सामग्री लोगों के लिए वरदान साबित होगी।