पैट के पैटर्न में बदलाव की प्रक्रिया पूरी तरह वैध : कुलपति

बीआरए बिहार विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो.हनुमान प्रसाद पांडेय ने कहा कि राजभवन के नियमों के अनुसार ही पैट-2020 का आयोजन किया गया है।

By JagranEdited By: Publish:Tue, 21 Sep 2021 01:56 AM (IST) Updated:Tue, 21 Sep 2021 01:56 AM (IST)
पैट के पैटर्न में बदलाव की प्रक्रिया पूरी तरह वैध : कुलपति
पैट के पैटर्न में बदलाव की प्रक्रिया पूरी तरह वैध : कुलपति

मुजफ्फरपुर : बीआरए बिहार विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो.हनुमान प्रसाद पांडेय ने कहा कि राजभवन के नियमों के अनुसार ही पैट-2020 का आयोजन किया गया है। परीक्षा आयोजन से लेकर परिणाम जारी करने तक की पूरी प्रक्रिया पारदर्शी तरीके से की गई है। पैट-2020 में गड़बड़ी का आरोप पूरी तरह निराधार है। यदि कोई पैसा लेकर परिणाम जारी करने का आरोप लगा रहा है तो पैसा विवि में किसे दिया गया उसके नाम के साथ शिकायत करे। उसके खिलाफ कानूनी कार्रवाई की जाएगी। सिर्फ हवाई आरोप लगाकर विवि की छवि को खराब करने का प्रयास किया जा रहा है। वे सोमवार को विवि के अतिथि गृह में मीडिया से मुखातिब थे। उन्होंने कहा कि राजभवन के निर्देश पर दोनों पेपर में वस्तुनिष्ठ प्रश्न पूछे गए हैं। राजभवन की ओर से स्पष्ट निर्देश था कि पैट में सफल होने के लिए सामान्य छात्रों को 50 फीसद व आरक्षित को 45 फीसद एग्रीगेट मा‌र्क्स लाना होगा जबकि दोनों पेपर में वस्तुनिष्ठ प्रश्न पूछने को लेकर भी राजभवन ने पत्र जारी किया था। इसमें कहा गया था कि कोरोना के कारण सत्र विलंब हो रहा है। एकेडमिक सत्र और विलंब नहीं हो इसको देखते हुए विवि अपने अनुसार पैटर्न में बदलाव कर सकती है। उन्होंने प्रदेश के अन्य विवि की ओर से भी इसी पैटर्न पर पैट के आयोजन का उदाहरण दिया। कहा कि विवि को राजभवन से यह अधिकार प्राप्त है कि वह छात्र हित और सत्र नियमित करने को लेकर निर्णय ले सकता है। यदि किसी को परिणाम पर आपत्ति थी तो इसके लिए समय दिया गया था।

एजेंसी से मांगा गया स्पष्टीकरण :

पैट के नोडल पदाधिकारी प्रो.प्रमोद कुमार ने बताया कि पैट-2020 में विभिन्न विषयों में जिन अभ्यर्थियों की ओर से प्रश्नों पर आपत्ति दर्ज कराई है। उसके आधार पर एजेंसी से स्पष्टीकरण पूछा गया है। एक सप्ताह के भीतर एजेंसी का उत्तर मिलने के बाद विवि की ओर से गठित विभिन्न संकाय के डीन उसे देखेंगे। इसके बाद यदि कोई प्रश्न गलत होगा तो इसके लिए सभी विद्यार्थियों को या तो उसके अंक दिए जाएंगे या उस प्रश्न का अंक घटाकर मूल्यांकन किया जाएगा। ऐसा तभी होगा जब एजेंसी की ओर से प्रश्नों की गड़बड़ी की बात स्वीकार की जाएगी। साथ ही कमेटी भी इसे प्रमाणित कर देगा। छात्रों को धैर्य रखने की जरूरत है।

पद नहीं देखें कार्य हो रहा प्रभावित तो करें शिकायत, होगी कार्रवाई : कुलपति ने कहा कि लगातार यह दुष्प्रचार किया जा रहा है कि एक ही अधिकारी के पास एक दर्जन पद हैं। यह आरोप निराधार है। जिन पदों को लेकर वरीयता का विवाद था उसे विवि के अधिकारियों के जिम्मे प्रभार में दिया गया है। विद्यार्थियों का कार्य प्रभावित नहीं हो इसको देखते हुए अधिकारी निरंतर कार्य कर रहे हैं और विभागाध्यक्ष व प्राचार्यो की नियुक्ति की प्रक्रिया चल रही है। शीघ्र ही इसपर निर्णय हो जाएगा। यदि कहीं कार्य में लापरवाही हो रही है तो उसकी शिकायत करें। संबंधित अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई होगी। कहा कि बैठक कर शीघ्र ही संबंधित पदों पर अधिकारियों की नियुक्ति की जाएगी। प्रेसवार्ता में कुलसचिव डा.आरके ठाकुर, कुलानुशासक डा.अजीत कुमार, डीएसडब्ल्यू डा.प्रमोद कुमार, सीसीडीसी डा.अमिता शर्मा, परीक्षा नियंत्रक डा.संजय कुमार, यूएमआइएस कोऑíडनेटर डा.ललन झा, ओएसडी डा.पंकज कुमार आदि थे।

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