Railway News: विवाह पंचमी में ट्रेन से जनकपुर जाने के जगे आसार, रेल परिचालन का रास्ता साफ
Madhubani News सात साल बाद भारत-नेपाल के बीच रेल सेवा फिर शुरू होने की संभावना से सीमावर्ती क्षेत्र में खुशी की लहर रेल परिचालन शुरू होने से पहले नेपाल रेलवे के अधिकारी इरकॉन के साथ करेंगे फाइनल इंस्पेक्शन।
मधुबनी (जयनगर), जासं। इस साल विवाह पंचमी में ट्रेन से जयनगर से जनकपुर जाने के आसार जग गए हैं। जयनगर से जनकपुर होते हुए नेपाल के कुर्था तक सात साल बाद एक बार फिर रेल सेवा शुरू होने का रास्ता साफ हो चुका है। इससे सीमावर्ती क्षेत्र में खुशी की लहर है। सीमावर्ती जयनगर स्टेशन से नेपाल के कुर्था तक 34.90 किलोमीटर में तैयार रेलखंड को रेल परिचालन शुरू करने के लिए नेपाल रेलवे को हस्तानांतरित कर दिया गया है। अब नेपाल सरकार की ओर से कभी भी इस रेलखंड पर रेल परिचालन शुरू करने की घोषणा हो सकती है। बता दें कि वर्ष 2014 में भारत सरकार ने जयनगर से बर्दीबास तक 65 किलोमीटर में रेलखंड निर्माण को लेकर भारतीय कंपनी इरकॉन को प्रोजेक्ट सौंपा था।
प्रथम चरण में जयनगर से कुर्था तक 34.90 किलोमीटर में रेलखंड का निर्माण पूरा कर रेल परिचालन शुरू करने का लक्ष्य निर्धारित है। नेपाल रेलवे को रेलखंड हस्तांनांतरित किए जाने के बाद कभी भी इस रेलखंड पर रेल सेवा शुरू हो सकती है। इरकॉन के सूत्रों की मानें तो नेपाल सरकार विवाह पंचमी तक रेल परिचालन शुरू कर सकती है। बता दें कि नेपाल के जनकपुर में विवाह पंचमी काफी धूमधाम से मनाई जाती है जिसमें भारत से बड़ी संख्या में लोग शामिल होते हैं। इस साल विवाह पंचमी आठ दिसंबर को है।
एक जोड़ी ट्रेन परिचालन को तैयार
नेपाल रेलवे ने परिचालन प्रारंभ करने को लेकर एक जोड़ी ट्रेन कोंकण रेलवे से खरीदी है। यह ट्रेन जयनगर से सटे इनरवा स्टेशन पर खड़ी है। नेपाल रेलवे की ओर से कोंकण रेलवे से ही एक वर्ष के लिए रेलकर्मी का भी अनुबंध किया गया है। कोंकण रेलवे के कर्मी भी नेपाल रेलवे के अधीन कार्य करने के लिए पहुंच चुके हैं। नेपाल रेलवे की ओर से नियुक्त कर्मियों को भी कोंकण रेलवे प्रशिक्षित करेगा।
नेपाल रेलवे के अधिकारी करेंगे फाइनल इंस्पेक्शन
जयनगर-कुर्था रेलखंड पर भारतीय निर्माण कंपनी इरकॉन ही तीन महीना के अंदर सभी रिपेयर वर्क और एडिशनल वर्क पूरा करेगा। शुक्रवार को नेपाल में रेलखंड के हस्तानांतरण प्रक्रिया के दौरान यह सहमति भी बनी कि नेपाल रेलवे के अधिकारी और इरकॉन के अधिकारी संयुक्त रूप से रेलखंड का फाइनल इंस्पेक्शन करेंगे। इससे पूर्व रिपेयर का काम पूरा किया जाएगा। निरीक्षण के दौरान किसी भी स्तर पर उत्पन्न गड़बड़ी का मेंटीनेंस इरकॉन ही करेगा।
तीन चरणों में पूरा होगा प्रोजेक्ट
जयनगर से बर्दीबांस तक 65 किलोमीटर में निर्माण कार्य तीन चरणों में पूरा होगा। प्रथम चरण में जयनगर से कुर्था तक 34.90 किलोमीटर में कार्य पूरा हो चुका है। दूसरे चरण में 17 किलोमीटर रेलखंड का निर्माण कर कुर्था से विजलपुरा तक रेल सेवा का विस्तार होगा और तीसरे चरण में विजलपुरा से बर्दीबांस तक 13 किलोमीटर रेलखंड का निर्माण पूरा किया जाएगा।
इंडो-नेपाल रेल सेवा पर 2014 में लगा था विराम
इंडो-नेपाल रेल सेवा पर 2014 में विराम लगाया गया था। उस समय जयनगर से नेपाल के विजलपुरा तक छोटी लाइन पर ट्रेन दौड़ती थी। आमान परिवर्तन व रेलखंड के विस्तार की योजना को लेकर 2014 में इस रेलखंड पर रेल परिचालन बंद किया गया था। सात साल बाद जयनगर से कुर्था तक ब्रॉड गेज में आमान परिवर्तन कर रेल सेवा फिर से शुरू होने वाली है।