Chaitra Navratri 2021: चैत्र नवरात्र कलश स्थापना के साथ शुरू, श्रद्धालु अपने घरों में ही कर रहे माता की आराधना
Chaitra Navratri 2021 dates इस बार भी नवरात्र के दौरान कोरोना गाइडलाइन का पालन किया जा रहा है। मंदिरों में भीड़ जुटाने पर है सख्त पाबंदी। इस बार भी श्रद्धालु अपने घरों से ही माता की आराधना कर रहे हैं।
समस्तीपुर, जागरण संवाददाता। समस्तीपुर, जागरण संवाददाता। कोरोना वायरस के संक्रमण के बीच मंगलवार से चैत्र नवरात्र प्रारंभ हो गया। कलश स्थापन के साथ ही या देवी सर्वभूतेषु शक्तिरूपेण संस्थिता,नमस्य तस्यै...के मंत्रोच्चार से पूरा वातावरण गुंजने लगे। कोरोना महामारी के कारण इस वर्ष सिर्फ नियमानुसार पूजा अर्चना की जाएगी। पूजा कमेटी की ओर से इस बार सांस्कृतिक कार्यक्रम के आयोजन नहीं करने का निर्णय लिया गया है। इसके अलावा रामनवमी और चैती छठ की तैयारियां भी चल रही है। हिंदू घर्म के पावन पर्वाें में चैत्र नवरात्र का विशेष महत्व है। यह हर्षोल्लास से मनाया जाता है। इस दौरान मां दुर्गा के नौ अलग-अलग रूपों की उपासना के साथ व्रत किए जाते हैं। कोरोना संक्रमण को लेकर इस बार पूजा स्थलों पर साफ-सफाई के अतिरिक्त इंतजाम किए जा रहे हैं। जरूरत पडऩे पर फाङ्क्षगग की भी व्यवस्था की जाएगी। बता दें कि जिले में धूमधाम से चैत्र नवरात्र, रामनवमी और चैती छठ पूजा का वृहद आयोजन होता रहा है। कोरोना संक्रमण के बढ़ रहे आंकड़ों को देखकर श्रद्धालुओं में मायूसी छाई है।
घरों में ही कलश स्थापित कर पूजा अर्चना की तैयारी में जुटे श्रद्धालु
कोरोना के नए स्ट्रेस सामने आने के बाद लोग सतर्क हो गए हैं। शारीरिक दूरी और कोविड- 19 प्रोट्रोकॉल का विशेष ख्याल रखा जा रहा है। पिछले साल भी मार्च-अप्रैल में होने वाले चैत्र नवरात्र का मेला कोरोना के कारण प्रभावित हो गया था। 22 मार्च को लॉकडाउन शुरु हुआ। शासन की ओर से सार्वजनिक स्थानों पर सख्ती बढ़ा दी गई थी। लॉकडाउन के चलते धार्मिक स्थलों के कपाट बंद थे। लोगों ने घरों में पूजा की थी। इस वर्ष भी चैत्र नवरात्र मेले पर एक बार फिर कोरोना संक्रमण का साया दिख रहा है। प्रतिदिन संक्रमितों की संख्या बढ़ रही है। इसको लेकर लोग घरों में ही पूजा अर्चना के लिए तैयारी में जुटे हैं।
बाजार में पूजन सामग्री की दुकानें सज गई है।
इस बार नवरात्र और रमजान का पवित्र महीना एक साथ शुरू हो रहा है। नवरात्र और रमजान में फलों की खपत सबसे ज्यादा होती है। एक तरफ व्रत रखने वाले जहां फलाहार करते हैं तो वहीं रोजेदार इफ्तार के वक्त फलों का भरपूर सेवन करते हैं। इसको देखते हुए फलों के थोक कारोबारी तैयारी में जुट गए हैं। कारोबारियों के मुताबिक पपीता, केला, अनानास, मौसमी, तरबूज, अंगूर, सेब और केला की कमी नहीं होगी। सेब और संतरा कोल्ड स्टोरेज से आ रहे हैं। फलों का राजा आम भी मार्केट में उपलब्ध है। नवरात्र, रमजान एवं लगन में फलों की किल्लत न हो इसके लिए व्यापारियों ने तैयारियां शुरू कर दी है।
सांस्कृतिक कार्यक्रम रद्द होने से व्यापार प्रभावित
पिछले वर्ष कोरोना के कारण हुए लॉकडाउन से व्यवसाय अधिक प्रभावित हुए। शादी- विवाह समेत भीड़-भाड़ वाले सांस्कृतिक आयोजन स्थगित हो गए। करीब तीन माह तक मंदिरों के कपाट बंद रहे। इसके कारण फूल माला, टेंट पंडाल लगाने वाले व्यवसायी अधिक प्रभावित हुए। पूजा-पाठ सामग्री की दुकानों में भी मंदी का असर देखने को मिला। लॉकडाउन के कारण लोग अपने घरों से नहीं निकले। कोरोना काल में कलाकारों का उत्साह कम नहीं था, लेकिन कार्यक्रम कम होने के कारण व्यापार पर भारी प्रभाव पड़ा। इस बार फिर वही स्थिति बन रही है। कोरोना के चलते नवरात्र फीका रहने से खासकर टेंट, पंडाल व फूल माला व्यवसायियों को ङ्क्षचता सताने लगी है। बावजूद इसके लोगों का यह मानना है कि समाज के लोग यदि स्वस्थ रहेंगे तो इस वर्ष नहीं, अगले वर्ष आयोजन करेंगे। जहां तक व्यापारियों का सवाल है ताे वे भी इससे मायूस जरूर है लेकिन, उन्होंने उम्मीद का दामन नहीं छोड़ा है। उनका भी कहना है कि इंसान के लिए स्वास्थ्य पहले हैं। सभी स्वस्थ रहेंगे तभी व्यापार का भी विकास होगा। इसलिए अभी होनेवाली परेशानी को हमलोग बिना किसी शिकायत के सहे जा रहे हैं।