नवरुणा मामला : केस बंद करने की सीबीआइ की रिपोर्ट पर आठ जनवरी को होगी सुनवाई
Navruna Case Muzaffarpur नवरुणा मामले में केस बंद करने की सीबीआइ की रिपोर्ट पर विशेष कोर्ट में शुक्रवार को सुनवाई टल गई। कोर्ट के समक्ष उपस्थित नहीं हुए सीबीआइ अधिकारी पिछले माह दाखिल की थी अंतिम रिपोर्ट रिपोर्ट में साक्ष्य नहीं मिलने की कही थी बात।
मुजफ्फरपुर, जेएनएन। नवरुणा मामले में केस बंद करने की सीबीआइ की रिपोर्ट पर विशेष कोर्ट में शुक्रवार को सुनवाई टल गई। सीबीआइ के विशेष कोर्ट के न्यायिक दंडाधिकारी अवकाश पर थे। अंतिम रिपोर्ट पर सुनवाई को लेकर प्रभारी विशेष कोर्ट में सीबीआइ की ओर से भी कोई अधिकारी या उनके विशेष लोक अभियोजक उपस्थित नहीं हुए। प्रभारी विशेष कोर्ट ने अगली सुनवाई के लिए आठ जनवरी की तारीख मुकर्रर की है।
पिछले माह विशेष कोर्ट में दाखिल की थी अंतिम रिपोर्ट
जांच शुरू करने के लगभग छह साल नौ महीने के बाद सीबीआइ ने 12 नवंबर को विशेष सीबीआइ कोर्ट में अंतिम रिपोर्ट दाखिल की। इस रिपोर्ट के समर्थन में उसने 66 गवाह व 24 दस्तावेज शामिल किया था। 86 पारा में वर्णित इस रिपोर्ट के अंत में इस मामले में साक्ष्य नहीं मिलने की बात बताई गई है। इस रिपोर्ट में कहा गया है कि अपहरण व हत्या किए जाने का उद्देश्य साफ नहीं हो सका।
नवरुणा की मां ने कहा- ऐसे तो किसी को न्याय नहीं मिलेगा
नवरुणा की मां मैत्रेयी चक्रवर्ती ने कहा कि सीबीआइ की इस तरह जांच से तो किसी को भी न्याय नहीं मिल पाएगा। सीबीआइ ने उनके भरोसे को तोड़ा है। उन्होंने कोर्ट के समक्ष अपनी बात रखी है। नवरुणा के पिता अतुल्य चक्रवर्ती ने कहा कि उनकी पुत्री का अपहरण हुआ। उसका अब तक कोई पता नहीं चला। सीबीआइ कोई पता नहीं कर सकी,लेकिन उनकी पुत्री तो अब भी गायब है। सीबीआइ की अंतिम रिपोर्ट के बाद वे चुपचाप हो जाएं और इस घटना में संलिप्त चैन से रहें, यह कैसे हो सकता है? सीबीआइ के फेल होने के बाद आगे कोई न कोई कानूनी रास्ता होगा। इसके लिए वे सुप्रीम कोर्ट जाएंगे।
यह है मामला
18 सितंबर 2012 की रात नगर थाना क्षेत्र के जवाहरलाल रोड स्थित आवास से सोई अवस्था में नवरुणा का अपहरण कर लिया गया। 26 नवंबर को उसके घर के निकट नाला से मानव कंकाल मिला। डीएनए टेस्ट में यह कंकाल नवरुणा का साबित हुआ। शुरू में इस मामले की जांच पुलिस फिर बाद में सीआइडी ने की। जब नतीजा कुछ नहीं निकला तो सीबीआइ को जांच सौंपी गई। 14 फरवरी 2014 से इस मामले की जांच सीबीआइ कर रही थी। पिछले 12 नवंबर को सीबीआइ ने साक्ष्य नहीं मिलने की बात बता विशेष कोर्ट में अंतिम रिपोर्ट दाखिल की।