औराई में खतरे की परवाह किए बगैर नाव से लाते पशुचारा
बागमती नदी के जलग्रहण क्षेत्र में तीन दिनों से रुक-रुक कर हो रही बारिश के कारण जलस्तर में वृद्धि जारी है।
मुजफ्फरपुर : बागमती नदी के जलग्रहण क्षेत्र में तीन दिनों से रुक-रुक कर हो रही बारिश के कारण जलस्तर में वृद्धि जारी है। इससे बागमती परियोजना उत्तरी और दक्षिणी बाध के बीच में अवस्थित एक दर्जन गाव के ग्रामीणों में आसन्न बाढ़ के खतरे से दहशत उत्पन्न हो गया है। विदित हो कि मधुबन प्रताप, पटोरी टोला, बारा खुर्द, बारा बुजुर्ग , बभनगामा पश्चिमी ,हरनी टोला, चहुंटा दक्षिण टोला ,चैनपुर, राघोपुर , तरबन्ना, भरथुआ दक्षिण टोला के ग्रामीणों को अबतक पुनर्वास की जमीन नहीं मिली है। इस कारण अधिकतर ग्रामीण गाव में ही अपरी जमीन को ऊंचा कर घर बना कर रह रहे हैं। लगातार हो रही वर्षा के कारण आने वाले बाढ़ के खतरे को देखते हुए ग्रामीण दहशत में है। इधर आवागमन के लिए लोगों को एकमात्र नाव का ही सहारा है। वहीं, बाध से दक्षिण और उत्तर के लोग भी खतरे की परवाह किए बगैर मवेशी के लिए हरा पशु चारा लाने के लिए भरथुआ चौर में नाव से जाने को विवश हैं। वहा आवागमन के लिए लोगों को एकमात्र नाव का ही सहारा है।
बारिश में गिरी झोपड़ी, तीन जख्मी
मड़वन प्रखंड के बड़कागाव नूनफर टोला में भारी बारिश के कारण शनिवार की रात एक झोपड़ी गिर गई जिसमें दबकर दो महिला व एक नाबालिग जख्मी हो गए। वहीं, एक बकरी भी जख्मी हो गई। दबे लोगों के चीखने- चिल्लाने पर आसपास के लोग जुटे व किसी तरह तीनों को बाहर निकाला जिसका इलाज स्थानीय स्तर पर कराया जा रहा है। स्थानीय लोगों ने बताया कि ध्वस्त घर रामकली देवी का था जिसमें उनकी पुत्री शीला देवी, नाती व वे खुद सोई हुई थी। लोगों ने बताया कि मामले की सूचना अधिकारियों को दी गई, मगर कोई सुध लेने नहीं पहुंचा। इधर, सीओ सतीश कुमार ने बताया कि अबतक किसी ने सूचना नहीं दी है। सोमवार को मामले की जाच पड़ताल कराई जाएगी।