Muzaffarpur: 30 फीसद तक बढ़ सकता है बस भाड़ा, मोटर ट्रांसपोर्ट फेडरेशन का फैसला
प्रदेश के जिलों में बैठक कर रहा ट्रांसपोर्ट फेडरेशन सरकार की अधिसूचना का इंतजार पेट्रोल डीजल की कीमतों में बढ़ोतरी की वजह से लगातार हर चीजों के दाम बढ़ रहे हैं। इसकी वजह से आम आदमी को परेशानी का सामना करना पड़ रहा है।
मुजफ्फरपुर, जासं। डीजल की कीमत लगातार बढऩे की वजह से निजी बसों का भाड़ा बढऩा लगभग तय हो चुका है। संभावना है कि इसी महीने में भाड़ा वृद्धि हो। भाड़ा में 30 से 35 फीसद वृद्धि हो सकती है। बिहार मोटर ट्रांसपोर्ट फेडरेशन प्रदेश के सभी जिलों में बैठक कर भाड़ा वृद्धि को लेकर नीति तय कर रहा है। फेडरेशन के प्रदेश अध्यक्ष उदय शंकर प्रसाद सिंह ने कहा कि परिवहन विभाग के प्रधान सचिव व मुख्यमंत्री को ट्रांसपोर्टरों की समस्या से अवगत कराते हुए रियायत देकर व्यवसाय को चौपट होने से बचाने की गुहार लगाई गई है। उन्होंने कहा कि भाड़ा वृद्धि को लेकर सरकार की अधिसूचना का इंतजार किया जा रहा है। 35 फीसद तक वृद्धि हो सकती है। कहा कि 2018 में बस किराया बढ़ाया गया था। उस समय डीजल की कीमत 79 रुपये प्रति लीटर थी। हर वर्ष दस प्रतिशत टैक्स बढ़ाया गया। परमिट शुल्क, बीमा एवं फिटनेस में भी वृद्धि हुई। मोटर्स पार्टस आदि भी काफी महंगे हो गए हैं। ट्रांसपोर्टर मुख्यमंत्री व प्रधान सचिव से सकारात्मक पहल की उम्मीद कर रहे हैं। जिलाध्यक्ष मुकेश शर्मा ने कहा कि जुलाई में ही भाड़ा वृद्धि हो सकती है।
बाढ़ से कई जगहों पर आवागमन बाधित
नदियों के जलस्तर मे उतार चढ़ाव जारी है। कांटी, मोतीपुर, मुशहरी में बूढी गंडक नदी में उफान के कारण दबाव बना हुआ है। विजयी छपरा, मिठनसराय, सिकंदरपुर कुंडल, आश्रमघाट इलाके में बाढ़ का पानी पूरा फैल गया है। इस कारण लोग नाव के सहारे आ-जा रहे हंै। निचले इलाके में छत पर सीढ़ी लगाकर उपर चढ़ रहे हंै। मिठनसराय फोरलेन पर राहत की मांग को लेकर पीडि़तों ने जमकर हंगामा करते हुए फोरलेन जाम कर दी। मुखिया अनिल चौबे के हस्तक्षेप के बाद हंगामा शांत हुआ। ग्रामीणों की शिकायत रही कि राहत व भोजन वितरण मेें भेदभाव किया जा रहा है। मिठनसराय गांव में जाने के लिए रोशनी तथा सुरक्षा हो। मुखिया इंद्रमोहन झा, मुखिया प्रतिनिधि वकील सहनी व पैगंबरपुर कोल्हुआ मिठनसराय विकास समिति के संस्थापक अधिवक्ता अरुण पांडेय ने बताया कि राहत शिविर में सुरक्षा का इंतजाम होना चाहिए। बूढी गंडक नदी का जलस्तर 52.88 मीटर पर है जबकि खतरे का निशान 52.53 मीटर पर चिन्हित किया गया है। बागमती का जलस्तर 54.70 मीटर पर है जबकि यहां खतरे का निशान 55.23 मीटर पर चिन्हित है। इसी तरह से गंडक नदी का जलस्तर 53.83 मीटर पर चिन्हित है जबकि खतरे का निशान 54.41 मीटर पर चिन्हित है।