मधुबनी में फुटपाथ पर चलती दबंगई, अतिक्रमण से होती अवैध उगाही
फुटपाथ पर अतिक्रमण की समस्या के कारण नगर निगम को नहीं मिलता राजस्व । वर्षों से कार्रवाई नहीं होने से अतिक्रमणकारियों के हौसले बुलंद हो चुके हैं । आम लोगों को आवागमन करने में होती है परेशानी ।
मधुबनी, जासं। आम लोगों की आवाजाही के लिए सरकारी जमीन यानी फुटपाथ की हर सुबह बोली लगती है। इसमें स्थानीय दबंगों का दबदबा होता हैं। शहर में दबंगों द्वारा अवैध रूप से बेची गई फुटपाथों पर अतिक्रमण कायम हो जाता है। इससे आम लोगों को आवाजाही में भारी परेशानी हो रही है। जबकि, फुटपाथ पर दुकान लगाने वाले प्रतिदिन हजारों रुपये की आमदनी करते हैं। जिसका एक हिस्सा इसे संरक्षण प्रदान करने वाले दबंगों की जेब में जाता है। वहीं, नगर निगम को राजस्व की हानि होती है।
फुटपाथ पर दुकान सजाने वालों से नगर निगम को नहीं मिल रहा राजस्व
बता दें कि करीब पांच वर्ष से शहर में चट्टी-बट्टी का प्रावधान लागू नहीं होने के कारण शहर के किसी भी हिस्से में फुटपाथ पर दुकान सजाने वालों से नगर निगम को बट्टी के रूप में राजस्व नहीं मिल रहा है। जिसका सीधा लाभ फुटपाथ के अतिक्रमणकारियों को मिलता है। पूर्व में नगर निगम क्षेत्र में सड़क किनारे या फुटपाथ पर दुकान लगाने वालों से प्रत्येक दिन बट्टी की वसूली की जाती थी। जिससे नगर निगम को प्रतिवर्ष लाखों रुपये की आमदनी होती थी। फुटपाथ के अतिक्रमणकारियों पर वर्षों से कार्रवाई नहीं होने से इनका मनोबल बढ़ता चला गया।
बाटा चौक पर आम लोगों के चलने के लिए नहीं बचा फुटपाथ
बता दें कि शहर के बाटा चौक के आसपास के हिस्सों में फुटपाथी जमीन आम लोगों के चलने के लिए नहीं बची है। यहां फुटपाथ जमीन का इंच-इंच अतिक्रमणकारियों के कब्जे में है। इससे बाटा चौक पर दिनभर जाम की समस्या आम हो चुकी है। फुटपाथी जमीन को आम लोगों के लिए सुलभ बनाने के दिशा में प्रशासन द्वारा कोई कार्रवाई नहीं होने से लोगों में आक्रोश बढ़ता जा रहा है। इस दिशा में नगर निगम प्रशासन चुप्पी साध बैठा है। बाटा चौक की अधिकांश फुटपाथ का नामोनिशान समाप्त हो गया है। शहर का सबसे पुराना बाजार बाटा चौक से गिलेशन बाजार जाने वाली सड़क के फुटपाथ पर खासकर सब्जी, फल सहित अन्य दुकानदारों द्वारा अतिक्रमण से सड़क की चौड़ाई कम हो गई है। यहां सब्जी, फल और किराना मंडी होने के कारण लोगों की भीड़ अधिक रहती है। फुटपाथ का अतिक्रमण के कारण लोगों को सड़क पर वाहनों को खड़ा रखने की विवशता से जाम की समस्या विकराल हो चुकी है।
शहरवासियों में आक्रोश
स्थानीय निवासी नवीन मुरारका का कहना है कि शहर के बाटा चौक पर पैदल यात्रियों के लिए असुविधाएं बढ़ती जा रही हैं। वजह है अतिक्रमण। फुटपाथ के अधिकांश जगहों पर अतिक्रमण हटाने के लिए कोई कार्रवाई नहीं होती है। वहीं, नवल कुमार ने कहा कि फुटपाथ पर अतिक्रमण की समस्या शहर के संपूर्ण हिस्सों में बनी हुई है। नगर निगम फुटपाथ को अतिक्रमण से मुक्त कराने के प्रति उदासीन बना है। जिला प्रशासन भी इससे बेखबर है।