आज से नौ दिनों तक बरसेगी माता दुर्गा की विशेष कृपा
मधुबनी। हिदू धर्म में नवरात्र मां दुर्गा की साधना के लिए बेहद महत्वपूर्ण माना जाता है। नवरात्र के
मधुबनी। हिदू धर्म में नवरात्र मां दुर्गा की साधना के लिए बेहद महत्वपूर्ण माना जाता है। नवरात्र के दौरान साधक मां दुर्गा की विशेष पूजा करते हैं। तंत्र साधना के लिए आषाढ़ नवरात्र को गुप्त नवरात्र भी कहा जाता है। इस वर्ष कलश स्थापन 11 जुलाई से आषाढ़ नवरात्र में मां दुर्गा की विशेष पूजा-अर्चना की जाएगी। विसर्जन 19 जुलाई को होगा। देवी भागवत के अनुसार तांत्रिक पद्धति के अनुरूप आषाढ़ नवरात्र पर माता दुर्गा की प्रतिमा निर्माण की मान्यता नहीं रही है। आषाढ़ नवरात्र में साधक मां दुर्गा की करते विशेष साधना दस दिनों तक होने वाली आषाढ़ नवरात्र में साधक अपने घरों में मां दुर्गा की विशेष साधना करते हैं। धार्मिक ²ष्टिकोण से काफी महत्वपूर्ण आषाढ़ नवरात्र पर शहर से सटे मंगरौनी गांव स्थित माता भुवनेश्वरी मंदिर सहित विभिन्न मंदिरों व पूजा स्थलों पर दुर्गा सप्तशती का पाठ किया जाता है। माता दुर्गा का हाथी पर आगमन, भैंसा पर विदाई आषाढ नवरात्र के लिए कलश स्थापन 11 जुलाई को सुबह 6.45 बजे तक शुभ मुहूर्त है। इस वर्ष आषाढ़ नवरात्रा में माता दुर्गा का आगमन हाथी पर होगा। विदाई भैंसा पर होगी। माता की आगमन और विदाई की फलाफल की जानकारी देते हुए मंगरौनी स्थित माता भुवनेश्वरी मंदिर के मुख्य पुजारी पंडित पीतांबर झा ने बताया कि माता का आगमन हाथी पर होना इस बात का सूचक है कि वर्षा सामान्य से अधिक होगी। अत्यधिक वर्षा से फसलों को नुकसान हो सकता है। बाढ से तबाही झेलना पड़ सकता है। जबकि भैंसा पर विदाई से तरह-तरह की बीमारी से लोगों में भय बना रहेगा। जनता में शोक की आशंका को नकारा नहीं जा सकता है। आषाढ़ नवरात्र में होती समृद्धि, ज्ञान की प्राप्ति ज्योतिषाचार्य पंडित ऋषिनाथ झा ने बताया कि आषाढ़ नवरात्र में समृद्धि, ज्ञान की प्राप्ति होती है। नवरात्रि में उपवास रखकर दुर्गा सप्तशती का पाठ करने से साधकों की मनोकामना पूर्ण होता हैं। साधकों की आध्यात्मिक उन्नति होती हैं। भक्तों को विधिविधान पूर्वक आषाढ़ नवरात्र अनुष्ठान करना चाहिए। मां की आराधना से दुर्गुनों का नष्ट होकर साधकों को दिव्य अनुभूति की प्राप्ति होती है। आषाढ नवरात्र के लिए संकल्प लेते हुए कलश स्थापना करना चाहिए। अष्टमी, नवमी के दिन कन्या पूजन के साथ नवरात्र व्रत का उद्यापन करना चाहिए। नवाह महायज्ञ संग श्याम बाबा साकेत महोत्सव 16 से मधुबनी। शहर के तिलक चौक स्थित शहर के श्री सीताराम कुंज गोकुलवली आश्रम परिसर में 16 से 25 जुलाई तक 52वां श्री रामचरित मानस अखंड नवाह महायज्ञ एवं श्याम बाबा के साकेत महोत्सव का आयोजन किया जाएगा। इसकी जानकारी देते हुए आश्रम के महंत व विश्व हिदू परिषद के केंद्रीय मार्गदर्शक मंडल सदस्य विमल शरण महाराज ने बताया कि कार्यक्रम में जिला सहित बिहार के विभिन्न हिस्सों से संत-महात्मा भाग लेंगे।