मधुबनी में कोसी नहर के टूटे तटबंध की नहीं हुई मरम्मत, सैकड़ों एकड़ की फसल बर्बाद

Madhubani News पिछले महीने बाढ़ में टूटा था तटबंध सीओ व विभागीय अधिकारियों ने लिया था जायजा सोनई व सेमहली के किसानों ने की फसल क्षति के लिए मुआवजा की मांग किसानों का कहना है कि तटबंध का मरम्मत कार्य नहीं होने से परेशानी बढ़ गई है।

By Dharmendra Kumar SinghEdited By: Publish:Thu, 02 Sep 2021 05:12 PM (IST) Updated:Thu, 02 Sep 2021 05:12 PM (IST)
मधुबनी में कोसी नहर के टूटे तटबंध की नहीं हुई मरम्मत, सैकड़ों एकड़ की फसल बर्बाद
मधुबनी ज‍िले सोनई में कोसी का टूटा तटबंध। जागरण

मधुबनी (हरलाखी), जासं। हरलाखी प्रखंड के सोनई में धौस नदी से जुड़े कोसी नहर का तटबंध टूटने से बाढ़ का पानी इलाके के खेतों में तेजी से फैल गया है। जिससे किसानों के सैकड़ो एकड़ खेत में लगी फसल पूरी तरह से बर्बाद हो गई है। बता दें कि पिछले महीने धौंस नदी का जलस्तर बढ़ने के कारण कोसी नहर में भी बाढ़ आ गई और पानी का दबाब अधिक बढ़ जाने के कारण नहर का तटबंध टूट गया और पानी किसानों के खेत मे फैलने लगा। सूचना पाकर अंचलाधिकारी व जल संसाधन समेत कोसी नहर विभाग के अधिकारियों ने स्थल पर पहुंचकर जायजा लिया था। शीघ्र मरम्मति का आश्वासन भी दिया गया था। बावजूद, एक महीने बाद भी नहर की मरम्मति नही कराई गई। जिसके कारण सोनई व सेमहली समेत कई गांवों में लगे सैकड़ों एकड़ की फसल पूरी तरह बर्बाद हो गई।

किसान रोहित झा, भूषण झा, रामसेवक दास, गोपाल झा, राज कुमार मुखिया, सीताराम मुखिया समेत कई लोगों ने बताया कि नहर टूटने से हम किसानों को अधिक नुकसान हुआ है। बाढ़ का पानी खेत में प्रवेश करने से धान का फसल पूरी तरह से बर्बाद हो गया है। शिकायत के बावजूद अब तक टूटे तटबंध की मरम्मति नही कराई जा सकी है। इसलिए हमलोग टूटे तटबंध की मरम्मति व किसानों की फसल क्षति के लिए मुआवजे की मांग करते हैं। इस संबंध में अंचलाधिकारी सौरव कुमार ने कहा कि तटबंध मरम्मति के लिए विभाग व वरीय अधिकारी को लिखा गया है। फसल क्षति के लिए भी पहल किया जाएगा।

दो दर्जन से अधिक गांव के लोग झेल रहे बाढ़ की त्रासदी, कई सड़कों पर आवागमन ठप

बेनीपट्टी। बाढ़ की विनाशलीला ने बेनीपट्टी प्रखंड क्षेत्र में भारी तबाही मचाई है। तीन माह के दौरान बेनीपट्टी प्रखंड क्षेत्र के लोगों को तीसरे बार बाढ़ का खामियाजा भुगतना पड़ रहा है। लगातार हो रही बारिश के कारण बाढ़ की स्थिति संभलने की जगह बिगडऩे ही लगती है। गुरुवार को हुई मूसलाधार बारिश ने लोगों की ङ्क्षचता एक बार फिर बढ़ा दी है। बाढ़ का पानी नए-नए इलाकों में फैल रहा है। सोहरौल से बेतौना, समदा से सोहरौल, बलिया से खसियाघाट, सेइली से गुलरियाटोल करहारा, माधोपुर से विशनपुर, बररी से वाणगंगा विशनपुर एवं फूलबरिया सड़क पर पानी बहने से आवागमन ठप हो गया है।

बाढ़ से घिरे गांव के लोग आवश्यक कार्यों के लिए कहीं नाव के सहारे बाहर निकल रहे हैं तो कहीं कमर या घुटना तक पानी पारकर बाहर निकल रहे हैं। प्रखंड के दो दर्जन से अधिक गांव फिलहाल बाढ़ के पानी से घिरे हुए हैं। बाढ़ से घिरे गांवों के लोगों में आक्रोश बढ़ता जा रहा है। बाढ़ से विस्थापित होकर नवगाछी गांव के दर्जनों परिवार बांध पर प्लास्टिक टांगकर शरण लिए हुए हैं। लोगों की शिकायत है कि बाढ़ पीडि़तों व विस्थापितों की समस्या से सरकार व प्रशासन बेखबर है। प्रखंड के करहारा, बिर्दीपुर, सोहरौल, हथियरवा, नवगाछी, खसियाघाट, गुलरियाटोल, करहारा डीह चारों ओर से बाढ़ के पानी घिर टापू बने हुए हैं। अधवारा समूह की धौंस, खिरोई, थुम्हानी, बछराजा, कोकरा नदी के उफान से क्षेत्र में जल तांडव जारी है।

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