दूसरी सुनवाई में भी ब्रजेश को राहत नहीं, आज से टूटेगा बालिका गृह भवन

निगम कार्यालय में हुई बालिका गृह भवन निर्माण की वैधता पर सुनवाई। ब्रजेश ठाकुर के बेटे ने वकील के साथ रखा अपना पक्ष दलील व दावा खारिज।

By Ajit KumarEdited By: Publish:Thu, 21 Feb 2019 11:05 PM (IST) Updated:Fri, 22 Feb 2019 06:00 AM (IST)
दूसरी सुनवाई में भी ब्रजेश को राहत नहीं, आज से टूटेगा बालिका गृह भवन
दूसरी सुनवाई में भी ब्रजेश को राहत नहीं, आज से टूटेगा बालिका गृह भवन

मुजफ्फरपुर, जेएनएन। बालिका गृह भवन तोडऩे की दूसरी सुनवाई में भी ब्रजेश ठाकुर को राहत नहीं मिली। निगम कार्यालय में गुरुवार को हुई सुनवाई में उसकी दलील एवं दावे को खारिज कर दिया गया। सुनवाई के बाद बालिका गृह भवन को तोडऩे का आदेश जारी किया गया। लेकिन इस बार काआदेश पिछले आदेश से थोड़ा हटकर है। नवीनतम आदेश में स्वीकृत नक्शा के बदले अवैध निर्माण को तोड़ा जाएगा। इसके तहत प्रथम तल तक के निर्माण को फिलहाल नहीं तोड़ा जाएगा। तीसरे एवं चौथे तल तक भवन को तोडऩे का काम शुक्रवार से होगा।

 इसके लिए बिहार भवन न्यायाधिकरण पटना के आदेश पर साहु रोड स्थित बालिका गृह भवन निर्माण की वैधता पर गुरुवार को निगम कार्यालय में दूसरी बार सुनवाई हुई। नगर आयुक्त संजय दुबे के समक्ष भवन स्वामी ब्रजेश ठाकुर के पुत्र राहुल आनंद ने अधिवक्ता के साथ उपस्थित होकर अपना पक्ष रखा। उसकी ओर से कागजात पेश करने के लिए दो दिनों की मोहलत मांगी गई। उसे एक घंटा का समय मिला।

 उसने कागजात गांव में होने की बात बताते हुए तत्काल पेश करने में लाचारी जताई। ट्रिब्यूनल के आदेश के आलोक में एक माह का समय देने का हवाला देते हुए निगम की एक घंटे की सुनवाई में उसकी दलील एवं दावा को खारिज कर दिया गया। नगर आयुक्त ने भवन को फिर से तोडऩे का आदेश दे दिया है।

एजेंसी चयन से पहले विभागीय स्तर से तोड़ा जाएगा भवन

बालिका गृह भवन तोडऩे के लिए एजेंसी का चयन किया जाना है। इसके लिए दूसरी बार निविदा आमंत्रित की गई है। पूरी प्रक्रिया 28 फरवरी तक पूरी की जानी है। पहली बार में निविदा डालने कोई सामने नहीं आया। इस बार कुछ एजेंसिंयों ने निविदा में भाग लिया है। जब तक एजेंसी का चयन नहीं हो जाता है तब तक निगम की ओर से विभागीय स्तर पर भवन के तोडऩे की कार्रवाई चलेगी।

बिहार भवन न्यायाधिकरण ने लगाई थी रोक

पूर्व में भी बालिकागृह भवन के निर्माण की जांच हुई थी। जांच में भवन निर्माण को बिल्डिंग बाइलॉज के विपरीत बताते हुए अवैध करार दिया गया था। उसके बाद निगम प्रशासन ने बालिका गृह भवन को तोडऩे का आदेश दिया था। आदेश के बाद भवन को तोडऩे का काम भी शुरू हुआ। इसी बीच भवन मालिक द्वारा मामला बिहार भवन न्यायाधिकरण पटना में ले जाया गया था।

 न्यायाधिकरण ने भवन को तोडऩे के कार्य पर रोक लगाते हुए निगम को फिर से सुनवाई का आदेश दिया था। आदेश के आलोक में दूसरी बार जांच एवं सुनवाई हुई। बुधवार को नक्शा के अनुरूप बालिका गृह भवन का निर्माण हुआ है या नहीं इसकी जांच कार्यपालक अभियंता के नेतृत्व में चार सदस्यीय टीम ने की थी।

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