BRABU,Muzaffarpur: पीजी में नामांकन की आज अंतिम तिथि, कई विषयों में सीटें फुल

यूएमआइएस कोआर्डिनेटर प्रो.ललन झा ने बताया कि भौतिकी कामर्स जूलाजी साइकोलाजी समेत आधा दर्जन विषयों में सीटें काफी कम बची हैं । कई विभागों व कालेजों में इन विषयों में सभी सीटों पर नामांकन हो गया है ।

By Ajit KumarEdited By: Publish:Sat, 31 Jul 2021 07:22 AM (IST) Updated:Sat, 31 Jul 2021 07:22 AM (IST)
BRABU,Muzaffarpur: पीजी में नामांकन की आज अंतिम तिथि, कई विषयों में सीटें फुल
विषय बदलने के लिए अभ्यर्थियों को दिया जाएगा तीन दिनों का समय।

मुजफ्फरपुर, जासं। बीआरए बिहार विश्वविद्यालय के विभिन्न पीजी विभागों और कालेजों में पीजी में नामांकन की शनिवार को अंतिम तिथि है। इसके बाद अभ्यर्थियों को तीन दिनों का समय आवेदन में विषय के विकल्प को बदलने के लिए दिया जाएगा। दूसरी सूची करीब 2400 रिक्त सीटों के लिए जारी की गई थी। यूएमआइएस कोआर्डिनेटर प्रो.ललन झा ने बताया कि भौतिकी, कामर्स, जूलाजी, साइकोलाजी समेत आधा दर्जन विषयों में सीटें काफी कम बची हैं।कई विभागों व कालेजों में इन विषयों में सभी सीटों पर नामांकन हो गया है। ऐसे में तीसरी सूची जारी करने से पूर्व अभ्यर्थियों को तीन दिनों का समय दिया जाएगा। इस अवधि में अभ्यर्थी अपने आवेदन में जिन विषयों में सीटें बची हुई हैं उनमें विकल्प दे सकते हैं। साथ ही कालेज भी बदल सकते हैं।

      बताया कि साइंस व कामर्स संकाय के विद्यार्थी आर्ट के विषयों का विकल्प दे सकेंगे। वहीं आर्ट संकाय के अभ्यर्थी अपने ही संकाय के अन्य विषयों का विकल्प देंगे। हालांकि, विषय बदलने के दौरान यह ध्यान रखना होगा कि जिन विषयों में प्रायोगिक है उसका विकल्प नहीं दिया जा सकेगा। तीसरी सूची अगले महीने पहले सप्ताह में जारी कर दी जाएगी। कालेजों को दो दिनों के भीतर दूसरी सूची में लिए गए नामांकन की रिपोर्ट उपलब्ध कराने को कहा गया है। बता दें कि विवि में पीजी में करीब 6350 सीटें निर्धारित हैं। पिछले वर्ष कई विषयों में अभ्यर्थियों की मांग पर 20 फीसद तक सीटें बेेढ़ाई गई थी।

 एलएस कालेज की ऐतिहासिकता बचाने को विप में उठा मुद्दा

जासं, मुजफ्फरपुर : हेरिटेज दर्जा प्राप्त लंगट सिंह महाविद्यालय के जर्जर हो रहे भवन को संरक्षित करने को लेकर शुक्रवार को विधान परिषद के शून्य काल में मुद्दा उठा। विधान पार्षद प्रो.रामचंद्र पूर्वे ने इसे उठाते हुए कहा कि यह उत्तर बिहार का सिर्फ कालेज की नहीं बल्कि धरोहर है। नैक से ए ग्रेड प्राप्त इस कालेज को सिर्फ विवि के भरोसे नही छोड़ा जा सकता। कहा कि 122 वर्ष पुराना इसका भवन अब कई जगहों पर ध्वस्त होने लगा है। यहां देश के प्रथम राष्ट्रपति डा.राजेंद्र प्रसाद, राष्ट्रकवि रामधारी सिंह दिनकर जैसे लोग प्राध्यापक रहे हैं। आजादी आंदोलन में इसकी अहम भूमिका रही है। चंपारण सत्याग्रह से जुड़ी राष्ट्रपिता महात्मा गांधी की यादें जुड़ी हुई हैं। प्राचार्य डा.ओमप्रकाश राय ने कहा कि शून्य काल में मुद्दा उठने के बाद इस हेरिटेज के कायाकल्प की उम्मीद बंधी है। इसके भवन की ऐतिहासिकता को देखते हुए सरकार को इसके विकास का जिम्मा लेना चाहिए।

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