BRABU,Muzaffarpur: एक जनवरी से प्लेगरिज्म जांच के बाद ही जमा होगा थीसिस

विवि के कुलानुशासक डा.अजीत कुमार ने बताया कि प्लेगरिज्म को प्रभावी रूप से लागू करने को लेकर शीघ्र ही सरकार के साथ एमओयू की प्रक्रिया शुरू की जाएगी। प्लेगरिज्म पालिसी-2018 के लागू होने के बाद से साहित्यिक चोरी पर प्रतिबंध लगेगा।

By Ajit KumarEdited By: Publish:Thu, 25 Nov 2021 10:31 AM (IST) Updated:Thu, 25 Nov 2021 10:31 AM (IST)
BRABU,Muzaffarpur: एक जनवरी से प्लेगरिज्म जांच के बाद ही जमा होगा थीसिस
विश्वविद्यालय की ओर से परीक्षा बोर्ड की बैठक में मिली मंजूरी।

मुजफ्फरपुर, जासं। बीआरए बिहार विश्वविद्यालय की ओर से एक जनवरी से प्लेगरिज्म को अनिवार्य रूप से लागू कर दिया गया है। अब शोधार्थियों की थीसिस की प्लेगरिज्म जांच की जाएगी। उसमें 20 फीसद से अधिक साहित्य की चोरी की स्थिति में थीसिस को स्वीकृत नहीं किया जाएगा। बुधवार को कुलपति प्रो.हनुमान प्रसाद पांडेय की अध्यक्षता में हुई परीक्षा बोर्ड की बैठक में इसकी स्वीकृति मिल गई। विवि की ओर से इसको लेकर कमेटी का गठन किया जाएगा जो थीसिस की जांच करेगी। उसी रिपोर्ट के आधार पर शोधार्थियों का थीसिस जमा होगा। 

विवि के कुलानुशासक डा.अजीत कुमार ने बताया कि प्लेगरिज्म को प्रभावी रूप से लागू करने को लेकर शीघ्र ही सरकार के साथ एमओयू की प्रक्रिया शुरू की जाएगी। प्लेगरिज्म पालिसी-2018 के लागू होने के बाद से साहित्यिक चोरी पर प्रतिबंध लगेगा। साथ ही शोध में गुणवत्ता आएगी। एमओयू साइन करने के बाद सरकार के साफ्टवेयर का एक्सेस विवि को मिल जाएगा। यूजर आइडी और पासवर्ड की मदद से थीसिस की प्लेगरिज्म जांच की जाएगी। इसमें प्रस्तुत किए गए संदर्भ के अलावा 20 प्रतिशत तक साहित्य की चोरी की स्थिति को सामान्य माना जाएगा। इससे अधिक चोरी का मामला सामने आने पर संबंधित थीसिस को स्वीकृत नहीं किया जाएगा। इसके बाद तीन अलग-अलग श्रेणी निर्धारित की गई है यह यूजीसी की ओर से निर्धारित मापदंडों के आधार पर होगी। इस प्रस्ताव को 26 नवंबर को होनेवाली ङ्क्षसडिकेट की बैठक से पास करा उसे सीनेट में स्वीकृति दिलाई जाएगी। परीक्षा नियंत्रक डा.संजय कुमार ने बताया कि पीएचडी की डिग्री का फार्मेट भी बदल जाएगा। पहले डिग्री पर सिर्फ वर्ष लिखा होता था। अब उसपर वर्ष के साथ ही महीना का भी नाम लिखा रहेगा। इससे अभ्यर्थियों को लाभ मिलेगा।

शोधगंगा और शोध सिंधु पर भी अपलोड होगा शोध

विवि की ओर से प्लेगरिज्म जांच के बाद जो थीसिस स्वीकृत होगा उसे विश्वविद्यालय अनुदान आयोग की ओर से विकसित पोर्टल शोधगंगा और शोधङ्क्षसधु पर भी अपलोड किया जाएगा। इससे शोधार्थियों को लाभ मिलेगा। वे दूसरे प्रदेश में सत्यापन के लिए वेबसाइट पर अपलोड की गई थीसिस को आसानी से प्रस्तुत कर सकेंगे। इसपर थीसिस अपलोड नहीं होने के कारण अबतक विद्यार्थियों को परेशानी का सामना करना पड़ रहा था।

पेंडिंग परिणाम वाले जिन विद्यार्थियों की कापी नहीं मिली उन्हें मिलेगा औसत अंक

बोर्ड की बैठक में निर्णय लिया गया कि स्नातक तृतीय वर्ष का परीक्षा फार्म भरा जा रहा है। 2017-20 के द्वितीय वर्ष के काफी संख्या में ऐसे विद्यार्थी हैं जिनका परिणाम पेंङ्क्षडग है। उनकी कापी नहीं मिल रही है। ऐसे में निर्णय लिया गया कि यदि उनकी कापी नहीं मिलती है तो अन्य पेपर में मिले अंक के आधार पर उन्हें पेंङ्क्षडग परिणाम वाले पेपर में औसत अंक दे दिया जाएगा। साथ ही परिणाम शीघ्र जारी होगा ताकि वे तृतीय वर्ष की परीक्षा में शामिल हो सकें।  

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