BRABU, Muzaffarpur: यहां के कर्मी व अधिकारियों को नहीं आती शर्म, पान गुटखा खाकर महत्वपूर्ण दस्तावेजों पर थूकते

एक महीने पूर्व कुलपति प्रो.हनुमान प्रसाद पांडेय ने विभाग का दौरा किया था। कागजातों को पार्सल घर की तरह बोरा में भरकर रखा देख उन्होंने कर्मचारियों को जमकर फटकारा था। वहीं कुलसचिव को निर्देश दिया था कि एक सप्ताह के भीतर फाइलों को शिफ्ट कराएं। मगर कुछ भी नहीं हुआ।

By Ajit KumarEdited By: Publish:Tue, 26 Oct 2021 09:16 AM (IST) Updated:Tue, 26 Oct 2021 09:16 AM (IST)
BRABU, Muzaffarpur: यहां के कर्मी व अधिकारियों को नहीं आती शर्म, पान गुटखा खाकर महत्वपूर्ण दस्तावेजों पर थूकते
विवि के रजिस्ट्रेशन सेक्शन में पार्सल घर की तरह बोरे में भरकर रखे हैं कागजात। फोटो- जागरण

मुजफ्फरपुर, जागरण संवाददाता। मान्यता है कि स्वच्छता में ही ईश्वर का वास होता है । खासकर प्रदेश के बाहर शिक्षा के मंदिरों में साफ-सफाई का विशेष ख्याल रखा जाता है । वहीं बीआरए बिहार विश्वविद्यालय में परिसर तो छोड़िये अधिकारियों के कक्ष और रजिस्ट्रेशन सेक्शन जैसे महत्वपूर्ण विभागों में जरूरी कागजातों पर पान-गुटखा खाकर थूका जाता है । यहां के कर्मचारी कुलपति तक के निर्देश को ठेंगा दिखाते हैं । इसका ताजा उदाहरण है कि एक महीने पूर्व कुलपति प्रो.हनुमान प्रसाद पांडेय ने इस विभाग का दौरा किया था । कागजातों को पार्सल घर की तरह बोरा में भरकर रखा देख उन्होंने कर्मचारियों को जमकर फटकारा था । वहीं कुलसचिव को निर्देश दिया था कि एक सप्ताह के भीतर गैलरी में पड़े इन बेतरतीब फाइलों को विभागों में शिफ्ट कराएं । साथ ही पान-गुटखा खा कर कार्यालय अवधि में कार्य करने वाले पदाधिकारी से लेकर कर्मचारियों को चेतावनी दी थी। इसके बाद न तो कुलसचिव की ओर से कोई एक्शन लिया गया और न ही यहां के कर्मचारियों पर इस निर्देश का कोई असर हुआ। छात्र-छात्राओं के आधारकार्ड की प्रति व महत्वपूर्ण कागजात बोरे से बाहर निकल कर बर्बाद हो रहे हैं। बाहर से आने वाले अभिभावक व अन्य लोग इसी पर पैर रख आ जा रहे हैं। 

ठंडे बस्ते में पड़ गया दीवारों पर मिथिला पेंटिंग उकेरने का प्रस्ताव

दो वर्ष पूर्व विवि में हुए दीक्षांत समारोह के दौरान निवर्तमान कुलपति की ओर से कहा गया था कि विवि की विभिन्न दीवारों पर मिथिला व तिरहुत की संस्कृति के चटख रंग दिखेंगे। पीजी विभागों, मुख्य प्रशासनिक भवन समेत जगह-जगह परिसर की दीवारों पर मिथिला पेंटिंग करने के लिए प्रस्ताव भी तैयार किया गया था। मिथिला पेंटिंग होना तो दूर यहां दीवारों पर कर्मचारी व अधिकारी दोनों मिलकर पीक फेंक इसकी कसर पूरी कर रहे पर किसी अधिकारी को इससे मतलब नहीं।

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