BRABU,Muzaffarpur: डिग्री कालेज में नियुक्त शिक्षकों को 11 महीने की छुट्टी के शर्त पर नवीकरण
विवि की ओर से इसे वेबसाइट पर अपलोड कर दिया गया। अगले 11 महीने के लिए 318 अतिथि शिक्षकों को सेवा विस्तार दिया गया है। जबकि 65 शिक्षकों के कागजात को विवि ने जांच के दायरे में रखा है। 25 अतिथि शिक्षकों को सेवा मुक्त कर दिया गया है।
मुजफ्फरपुर, जागरण संवाददाता। बीआरए बिहार विश्वविद्यालय के विभिन्न कालेजों में अतिथि शिक्षकों की अगले 11 महीने के लिए सेवा विस्तार की सूची जारी कर दी गई। मंगलवार दोपहर विवि की ओर से इसे वेबसाइट पर अपलोड कर दिया गया। अगले 11 महीने के लिए 318 अतिथि शिक्षकों को सेवा विस्तार दिया गया है। जबकि, 65 शिक्षकों के कागजात को विवि ने जांच के दायरे में रखा है। 25 अतिथि शिक्षकों को सेवा मुक्त कर दिया गया है। इनमें 13 अतिथि शिक्षकों के कार्य को कालेजों की ओर से असंतोषजनक बताया गया था। जबकि, शेष 12 सरकारी विद्यालयों, विवि समेत अन्य कालेजों में कर्मचारी व शिक्षक हैं, कुछ दूसरे विवि में अतिथि शिक्षक रहते हुए यहां सेवा दे रहे थे। ऐसे शिक्षकों को नवीकरण में शामिल नहीं किया गया है।
वहीं जिन 65 अतिथि शिक्षकों को जांच के दायरे में रखा गया है उनमें डिग्री कालेज के शिक्षकों को कहा गया है कि उन्हें इसी शर्त पर नवीकरण के दायरे में लाया जा सकता है जब वे संबंधित कालेज से 11 महीने के लिए छुट्टी स्वीकृत करा उसकी कापी एक सप्ताह के भीतर जमा कराएंगे। कुछ ऐसे शिक्षकों को भी सेवा विस्तार नहीं दिया गया है जिन्होंने दूसरे विवि के अतिथि शिक्षक से इस्तीफा देकर यहां योगदान किया, पर वहां से रिलिङ्क्षवग पत्र यहां जमा नहीं किया है। ऐसे शिक्षकों को एक सप्ताह का समय दिया गया है कि वे संबंधित दस्तावेज एक सप्ताह के भीतर उपलब्ध करा दें। विवि की ओर से बताया गया है कि जिन शिक्षकों की सूची जारी की गई है उनमें भी कुछ शिक्षकों के दो जगह सेवा देने और भुगतान लेने की शिकायत मिली है। उनकी जांच की जा रही है। यदि इस प्रकार का मामला सामने आता है तो गलत शपथ पत्र देने के जुर्म में उनके खिलाफ आपराधिक मामला दर्ज कराया जाएगा। साथ ही उनके सेवा विस्तार को निरस्त कर दिया जाएगा। विवि की ओर से साफ कहा गया है कि किसी भी हाल मेें दो जगह सेवा देने वाले और वेतन या मानदेय का भुगतान प्राप्त करने वालों को चिह्नित कर हटाया गया है। उनसे किए गए भुगतान की राशि की रिकवरी भी की जानी है।
दैनिक जागरण ने किया था दो जगह से भुगतान लेने के मामले का भंडाफोड़
पिछले सत्र में कई अतिथि शिक्षकों के दो जगह से वेतन भुगतान के मामले का सबसे पहले दैनिक जागरण ने भंडाफोड़ किया था। इसके बाद कुलपति की ओर से मामले की जांच कर उनके नवीकरण पर रोक लगाने की बात कही गई थी। नए सत्र में सेवा विस्तार के क्रम में ऐसे अतिथि शिक्षकों को चिह्नित कर हटाया गया।