BRABU, Muzaffarpur: साल भर से प्रभार के भरोसे चल रहे कई पीजी विभाग

कई विभागों में चार-चार प्राध्यापक खुद के वरीय होने का दावा प्रस्तुत कर रहे हैं। ऐसे में अध्यक्ष की नियुक्ति में विश्वविद्यालय पेशोपेश में पड़ा हुआ है। पिछले महीने हुई बैठक में कुलपति प्रोफ़ेसर हनुमान प्रसाद ने कहा था की एक सप्ताह के भीतर अध्यक्षों की नियुक्ति कर दी जाएगी।

By Ajit KumarEdited By: Publish:Mon, 25 Oct 2021 06:23 AM (IST) Updated:Mon, 25 Oct 2021 06:23 AM (IST)
BRABU, Muzaffarpur: साल भर से प्रभार के भरोसे चल रहे कई पीजी विभाग
लीगल एडवाइस लेने के बाद भी वरीयता का फंसा पेच, कार्य हो रहा प्रभावित।

मुजफ्फरपुर, जागरण संवाददाता। बीआरए बिहार विश्वविद्यालय के कई पीजी विभाग करीब साल भर से प्रभार के भरोसे चल रहे हैं। विवि के कई अंगीभूत कालेजों में भी स्थाई प्राचार्य नहीं हैं। एक ही पदाधिकारी के जिम्मे दो तीन विभागों का प्रभार है। इस कारण विभागीय कार्यों में परेशानी हो रही है, वहीं कक्षाओं के संचालन से लेकर छात्र-छात्राओं से जुड़ी गतिविधियां भी प्रभावित हो रही हैं। विश्वविद्यालय की ओर से गठित कमेटी रिपोर्ट सौंप चुकी है इसके बाद भी मामला फंसा हुआ है। कई विभागों में चार-चार प्राध्यापक खुद के वरीय होने का दावा प्रस्तुत कर रहे हैं। ऐसे में अध्यक्ष की नियुक्ति में विश्वविद्यालय पेशोपेश में पड़ा हुआ है।

पिछले महीने हुई बैठक में कुलपति प्रोफ़ेसर हनुमान प्रसाद पांडेय ने कहा था की एक सप्ताह के भीतर अध्यक्षों की नियुक्ति कर दी जाएगी। उन्होंने लीगल एडवाइस लेने की बात कही थी। अब पूछने पर कह रहे कि लीगल एडवाइस ले लिया गया है। शीघ्र नियुक्ति की जाएगी। अब सवाल यह उठता है की कमेटी की रिपोर्ट आने और लीगल एडवाइस लेने के बाद अध्यक्ष की नियुक्ति में कहां पेच फंस रहा है। वहीं विश्वविद्यालय के कई प्रीमियर अंगीभूत कॉलेज जिसमें महेश प्रसाद सिंहा साइंस कॉलेज, रामेश्वर कॉलेज, राम दयालु सिंह कॉलेज व एमडीडीएम कालेज समेत अन्य कई कॉलेज बिना नियमित प्राचार्य के चल रहे हैं। यहां वर्षों से प्रभारी प्राचार्य की नियुक्ति होती रही है। ये प्राचार्य अन्य जगह भी पदाधिकारी होते हैं। ऐसे में कॉलेज का कामकाज भी प्रभावित हो रहा है। विश्वविद्यालय के दो विभागों में अध्यक्ष कुर्सी के लिए कड़ी दावेदारी है। यदि विश्वविद्यालय किसी एक को कुर्सी देता है तो अन्य दावेदार कोर्ट की शरण में जाने की बात कह रहे हैं। शायद यही कारण है कि विश्वविद्यालय निर्णय लेने में विलंब कर रहा है। हालांकि विवि के अधिकारी इसपर कुछ भी स्पष्ट बोलने से परहेज कर रहे हैं। 

किसके पास कितने विभागों के प्रभार :

1. प्रो.अजीत कुमार : कुलानुशासक, इतिहास विभागाध्यक्ष, डीएसडब्ल्यू, क्रीड़ा परिषद के सचिव, कई कमेटी में सदस्य।

2. प्रो. प्रमोद कुमार : विकास पदाधिकारी, इंस्पेक्टर ऑफ कालेज आर्ट एंड कामर्स, निवर्तमान नोडल पदाधिकारी पैट

3. प्रो.अमिता शर्मा : आरडीएस कालेज की प्रभारी प्राचार्य, सीसीडीसी, गणित विभाग की प्रभारी अध्यक्ष, इंस्पेक्टर ऑफ साइंस, बीएड की नोडल अधिकारी

4. प्रो.मनेंद्र कुमार : जूलॉजी विभागाध्यक्ष, साइंस डीन, भौतिकी विभाग का प्रभार

5. डॉ. नलिन विलोचन : एमएसकेबी कालेज के प्राचार्य, साइंस कॉलेज के प्रभारी प्राचार्य 

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