BRABU, Muzaffarpur: दो जगह कार्य करने वाले अतिथि शिक्षकों से मांगा ब्योरा

कुलसचिव प्रो.आरके ठाकुर ने बुधवार को इस संबंध में पत्र जारी किया है। इसमें कहा गया है कि विवि को इन 67 अतिथि शिक्षकों के संबंध में दो जगह सेवा देने की जानकारी मिली है। इसको देखते हुए इनकी सेवा विस्तार नहीं की गई है।

By Ajit KumarEdited By: Publish:Thu, 05 Aug 2021 01:09 PM (IST) Updated:Thu, 05 Aug 2021 01:09 PM (IST)
BRABU, Muzaffarpur: दो जगह कार्य करने वाले अतिथि शिक्षकों से मांगा ब्योरा
संबंधित प्रमाणपत्र उपलब्ध कराने पर ही आवेदन पर होगा विचार

मुजफ्फरपुर, जासं। बीआरए बिहार विश्वविद्यालय की ओर से दो जगह सेवा देने वाले 67 अतिथि शिक्षकों को दो दिनों के भीतर अपना पक्ष रखने को कहा गया है। कुलसचिव प्रो.आरके ठाकुर ने बुधवार को इस संबंध में पत्र जारी किया है। इसमें कहा गया है कि विवि को इन 67 अतिथि शिक्षकों के संबंध में दो जगह सेवा देने की जानकारी मिली है। इसको देखते हुए इनकी सेवा विस्तार नहीं की गई है। ऐसे शिक्षकों को कहा गया है कि वे सात अगस्त तक अपना पक्ष, पूर्व में धारित पद, विमुक्ति का ब्योरा, संबंधित संस्थान के प्रधान व शासी निकाय से सुनिश्चित अवधि के लिए अवैतनिक अवकाश संबंधी प्रमाणपत्र, कालेज से परित्याग पत्र या विरमित होने का प्रमाणपत्र विवि में जमा करना है। जो शिक्षक सरकारी स्कूलों में कार्यरत हैं उन्हें संबंधित स्कूलों के साथ ही जिला शिक्षा पदाधिकारी से अवैतनिक अवकाश संबंधी प्रमाणपत्र बनवाकर देना होगा। इस तिथि के बाद अतिथि शिक्षकों की ओर से किए गए किसी प्रकार के दावा पर विवि में कोई विचार नहीं किया जाएगा। 

कक्षाओं के संचालन का साक्ष्य भी मांगा गया

अतिथि प्राध्यापक संघ के अध्यक्ष डा.ललित किशोर ने कहा कि बुधवार को विवि में कुलसचिव प्रो.आरके ठाकुर और कुलानुशासक डा.अजीत कुमार के साथ संघ की वार्ता हुई। इसमें प्राचार्यों की ओर से जिन 13 अतिथि शिक्षकों का प्रदर्शन असंतोषजनक बताया गया है उनके आवेदन पर विचार करने की मांग की गई। असंतोषजनक प्रदर्शन वाले अतिथि शिक्षकों का कहना था कि उन्हें भी पक्ष रखने का मौका मिलना चाहिए। विवि की ओर से उन शिक्षकों को भी संबंधित कालेज के प्राचार्य के अलावा अन्य शिक्षकों से लिखित में प्रमाणित करने को कहा। साथ ही कक्षाओं के संचालन का साक्ष्य भी मांगा गया। विवि के अधिकारियों का कहना है कि यदि अतिथि शिक्षक ये प्रमाणपत्र उपलब्ध करा देते हैं तो उनके आवेदन पर विचार किया जा सकता है।  

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