BRA Bihar University: कड़ी सुरक्षा के बीच सीनेट की बैठक आज, छात्र हित के मुद्दों पर प्रश्न दागेंगे प्रतिनिधि

BRA Bihar University बीआरए बिहार विश्वविद्यालय की ओर से शनिवार को सीनेट की बैठक होगी। हंगामा और किसी प्रकार की विधि व्यवस्था संबंधी समस्या नहीं आए इसके लिए परिसर में चप्पे - चप्पे पर पुलिस की तैनाती रहेगी।

By Murari KumarEdited By: Publish:Sat, 27 Feb 2021 09:39 AM (IST) Updated:Sat, 27 Feb 2021 09:39 AM (IST)
BRA Bihar University: कड़ी सुरक्षा के बीच सीनेट की बैठक आज, छात्र हित के मुद्दों पर प्रश्न दागेंगे प्रतिनिधि
बीआरए बिहार विश्वविद्यालय बिल्डिंग की फाइल फोटो।

मुजफ्फरपुर, जागरण संवाददाता। बीआरए बिहार विश्वविद्यालय की ओर से शनिवार को सीनेट की बैठक होगी। हंगामा और किसी प्रकार की विधि व्यवस्था संबंधी समस्या नहीं आए इसके लिए परिसर में चप्पे-चप्पे पर पुलिस की तैनाती रहेगी। कई थाने की पुलिस और क्यूआरटी भी मुस्तैदी रहेगी। बैठक के दौरान 62 एजेंडे प्रस्तुत किए जाएंगे। इनपर चर्चा के बाद आखिरी निर्णय लिया जाएगा। वहीं, 42 कॉलेजों की संबद्धता पर भी सीनेट की मुहर लगेगी। 

सीनेट हॉल में चल रही तैयारियों का शुक्रवार को कुलसचिव और डीएसडब्ल्यू ने निरीक्षण किया। हॉल समेत पूरे परिसर को बैठक के लिए सजाया गया है। इसबार सीनेट में प्रश्नोत्तर काल का भी समय निर्धारित किया गया है। सीनेटरों की ओर से 50 से अधिक सवालों की सूची विवि को उपलब्ध कराई गई है। वहीं, कई सदस्यों ने कहा कि छात्र और शिक्षकों से जुड़े कई मुद्दों पर सीधे सवाल दागा जाएगा। सीनेटर डॉ.मनोज कुमार ने बताया कि विवि के कई विभागों में अवैध तरीके से बहाली की जा रही है। साथ ही प्रमाणपत्र जारी करने समेत अन्य मुद्दों पर वे सवाल उठाएंगे। वहीं 1122 करोड़ के बजट को भी सीनेट से स्वीकृति के लिए पेश किया जाएगा। 40 कॉलेजों में अवैध तरीके से छात्रों का नामांकन कर लेने का मुद्दा भी उठाया जाएगा।  

छात्र और शिक्षक संगठन कर सकते विरोध

सीनेट की बैठक के दौरान कई छात्र और शिक्षक संगठन विरोध जता सकते हैं। प्रमाणपत्रों की फी में वृद्धि, पेंडिंग की समस्या समाप्त करने और सत्र को नियमित करने के मुद्दे पर छात्र संगठन बैठक का विरोध कर सकते हैं। वहीं कई छात्र संगठनों ने एक दिन पूर्व कुलपति को नौ सूत्री मांगों को लेकर भी ध्यान आकृष्ट कराया है। कई कॉलेजों में प्राचार्य की नियुक्ति नहीं होने और पीजी विभागों के प्रभार में चलने को लेकर शिक्षक संगठन की ओर से सवाल उठाए जाएंगे। 

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