बॉलीवुड अभिनेता सोनू सूद मुजफ्फरपुर में करेंगे साइकिल की सैर, शाही लीची के बारे में कही ये बात

लॉकडाउन के बाद जिले में आने की जताई इच्छा। बंदरा के धीरज कुमार के ट्वीट का अभिनेता ने दिया जवाब। कहा शाही लीची बिहार में ही नहीं पूरे देश में प्रसिद्ध है।

By Ajit KumarEdited By: Publish:Sat, 30 May 2020 08:43 AM (IST) Updated:Sat, 30 May 2020 09:45 AM (IST)
बॉलीवुड अभिनेता सोनू सूद मुजफ्फरपुर में करेंगे साइकिल की सैर, शाही लीची के बारे में कही ये बात
बॉलीवुड अभिनेता सोनू सूद मुजफ्फरपुर में करेंगे साइकिल की सैर, शाही लीची के बारे में कही ये बात

मुजफ्फरपुर, जेएनएन। बॉलीवुड अभिनेता सोनू सूद ने साइकिल से मुजफ्फरपुर की सैर करने की इच्छा जताई है। उन्होंने बंदरा प्रखंड की रामपुरदयाल पंचायत के समाजसेवी धीरज कुमार के ट्वीट पर दिए जवाब में उक्त बातें लिखी हैं। हालांकि अभी उन्होंने जिले में आने की तिथि नहीं बताई है, लेकिन लॉकडाउन खत्म होने के बाद आने की बात कही है। 

साइकल चलाने का और पैदल चलने का समय गया मेरे दोस्त। अब मैं आपके पास आऊँगा और तुम मुझे साइकल पर बीठाकर पूरा मुज़फ़्फ़रपुर घूमना। 🚲 https://t.co/53ur0C9MiF" rel="nofollow— sonu sood (@SonuSood) May 28, 2020

तिथि लॉकडाउन खत्म होने के बाद निर्धारित की जाएगी

महाराष्ट्र में बिहार, यूपी समेत कई राज्यों के प्रवासियों की मदद कर रहे बॉलीवुड अभिनेता सोनू सूद के कार्य से प्रभावित होकर धीरज कुमार ने 28 मई को उनको ट्वीट किया था। इसमें उन्होंने लॉकडाउन खुलने पर साइकिल यात्रा करके मुंबई उनसे मिलने आने का प्रस्ताव रखा। इस पर एक-दो घंटे में ही जवाब देते हुए उन्होंने ट्विटर पर लिखा कि साइकिल चलाने और पैदल चलने का समय गया मेरे दोस्त। लॉकडाउन खत्म होने के बाद मैं खुद मुजफ्फरपुर आऊंगा और साइकिल पर बैठकर मुजफ्फरपुर घूमेंगे। धीरज ने मुजफ्फरपुर की शाही लीची भेजने की बात कही। इस पर उन्होंने कहा कि मुजफ्फरपुर की शाही लीची बिहार में ही नहीं, पूरे देश में प्रसिद्ध है। धीरज ने बताया कि उनके आने की तिथि लॉकडाउन खत्म होने के बाद निर्धारित की जाएगी। वहीं, चार-पांच दिनों में ट्रेन पार्सल से शाही लीची पैक कर उनको भेजेंगे।

प्रवासियों को घर तक पहुंचने में कर रहे मदद 

गौरतलब है कि अभिनेता सोनू सूद ने प्रवासियों को उनके घर तक पहुंचाने के लिए अपने स्तर काफी काम किया है। वे श्रमिकों को बस से घर तक पहुंचाने के अतिरिक्त उनके खाने-पीने की भी व्यवस्था कर रहे। इसके लिए उन्होंने एक हेल्पलाइन नंबर भी जारी किया हुआ है। उनके इस प्रयास की सभी सराहना कर रहे हैं।  ये काम उन्होंने बिना किसी प्रचार प्रसार के शुरू किया। हालांकि बाद में लोगों को इसकी जानकारी हासिल हुई। मदद करने का यह तरीका सभी को पसंद आया।  

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