राजकीय सम्मान के साथ बोचहां विधायक मुसाफिर पासवान का अंतिम संस्कार

पुत्र अमर पासवान ने उन्हें दी मुखाग्नि। अंतिम यात्रा में सांसद विधायक विधान पार्षद विभिन्न दलों के जिलाध्यक्ष व जिलाधिकारी भी रहे मौजूद। प्रशासन की ओर से गार्ड ऑफ ऑनर दिया गया। उनके न‍िधन से क्षेत्र के लोग शोकाकुल हैं।

By Ajit KumarEdited By: Publish:Fri, 26 Nov 2021 01:52 PM (IST) Updated:Fri, 26 Nov 2021 01:52 PM (IST)
राजकीय सम्मान के साथ बोचहां विधायक मुसाफिर पासवान का अंतिम संस्कार
अमर पासवान ने उन्हें मुखाग्नि दी। फोटो: जागरण

मुजफ्फरपुर‌, जासं। बोचहां विधायक मुसाफिर पासवान का अंतिम संस्कार राजकीय सम्मान के साथ नाजिरपुर स्थित उनके आवास के बगल में किया गया। उनके पुत्र अमर पासवान ने उन्हें मुखाग्नि दी। अंतिम यात्रा में विकासशील इंसान पार्टी के संस्थापक मंत्री मुकेश सहनी, सांसद वीणा देवी, विधान पार्षद दिनेश प्रसाद सिंह, विधायक इसराइल मंसूरी, भाजपा के जिला अध्यक्ष रंजन कुमार, जनता दल यू के जिला अध्यक्ष मनोज किसान, जिलाधिकारी, एसएसपी सहित बड़ी संख्या में राजनीतिक सामाजिक संगठन के प्रतिनिधि, प्रशासनिक अधिकारी शामिल हुए। इससे पहले उनकी शवयात्रा नाजिरपुर स्थित आवास से निकली। विभिन्न मार्ग से घूमते हुए अंतिम संस्कार स्थल पर पहुंची। सुबह से उनके आवास पर शोक संवेदना व्यक्त करने वाले लोगों का तांता लगा रहा।‌ मंत्री मुकेश साहनी ने कहा कि विधायक मुसाफिर पासवान का आकस्मिक निधन हमारे दल ही नहीं एनडीए की बड़ी क्षति है। वह एक कर्मठ जुझारू और मिलनसार व्यक्ति थे । उनके निधन की भरपाई नहीं की जा सकती। प्रशासन की ओर से उन्हें गार्ड ऑफ ऑनर दिया गया। 

मुसाफिर का सफर पूरा

मुजफ्फरपुर : बोचहां से दो बार विधायक बने मुसाफिर पासवान की जिंदगी का सफर बुधवार देर रात पूरा हो गया। मजदूर नेता के रूप में पहचान बनाने के बाद उन्होंने राजनीतिक सफर की शुरुआत की थी। इसके बाद लगातार चुनाव लड़े। समता पार्टी से लेकर राजद व एनडीए गठबंधन के सारे शीर्ष नेताओं से उनकी अच्छी बनती थी। उनके बारे कहा जाता था कि टिकट देने के बाद वह पार्टी से किसी तरह का सहयोग नहीं लेते थे। सांसद अजय निषाद बताते हैं कि दिवंगत विधायक उनके पारिवारिक सदस्य की तरह थे। वह अपनी मेहनत और इच्छाशक्ति की बदौलत विधायक बने।

राजनीति में प्रवेश के बाद लगातार बने रहे

उनके अत्यंत करीबी रहे राजद के प्रदेश प्रवक्ता डा. एकबाल मोहम्मद शमी कहते हैं कि वह मजदूर नेता थे। उस समय पूर्व मंत्री कमल पासवान जनता दल के प्रदेश अध्यक्ष थे। उनके साथ राजनीति में आए। उसके बाद समता पार्टी में गए। उस समय समता पार्टी में मुख्यमंत्री नीतीश कुमार संस्थापक सदस्य थे। उनके करीबी रहे और समता पार्टी की टिकट पर चुनाव लड़े। जब पूर्व मंत्री रमई राम राजद को छोड़कर जदयू में गए तो पासवान राजद में आए। पूर्व मंत्री रामविचार राय, रामपरीक्षण साहू को साथ लेकर राजद सुप्रीमो लालू प्रसाद यादव से मिले। शमी बताते हैैं कि उनकी बातचीत से लालू प्रसाद यादव खुश हुए। उन्हें टिकट मिला और वह विधायक बने। उन्होंने शोक जताते हुए कहा कि एक बेहतर नेता समाज ने खो दिया। एमएलसी के चुनाव में उतरे, लेकिन सफलता नहीं मिली। इस बार वह एनडीए गठबंधन में वीआइपी की टिकट पर चुनाव लड़े और जीते। वीआइपी विधायक राजू कुमार ङ्क्षसह राजू कहते हैैं कि मुसाफिर पासवान में घमंड नहीं था। उनके निधन की भरपाई नहीं हो सकती।

बोचहां विधायक के निधन पर सभी दल के नेताओं ने शोक जताया है। मंत्री रामसूरत राय, विधायक अशोक कुमार, मुन्ना यादव, इसराइल मंसूरी, निरंजन राय, डा. अनिल कुमार सहनी, विजेंद्र चौधरी, अशोक कुमार ङ्क्षसह, डा. अरुण कुमार ङ्क्षसह, भाजपा जिलाध्यक्ष रंजन कुमार, भगवान लाल महतो, राजद जिलाध्यक्ष रमेश गुप्ता, कांग्रेस जिलाध्यक्ष अरङ्क्षवद कुमार मुकुल, पूर्व मंत्री सुरेश कुमार शर्मा आदि ने शोक जताया।

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