मुजफ्फरपुर में कोरोना किट की कालाबाजारी व जांच में गड़बड़ी की छानबीन शुरू, इन बिंदुओं पर मांगी गई रिपोर्ट

एडीएम ने सात बिंदुओं पर सभी पीएचसी प्रभारी डीपीएम एवं सदर अस्पताल के स्वास्थ्य प्रबंधक व आइटी प्रबंधक से तलब की रिपोर्ट। इसमें अगर कोई पदाधिकारी या कर्मी दोषी पाए जाते हैं तो उन्हें चिह्नित करते हुए रिपोर्ट उपलब्ध कराएं।

By Murari KumarEdited By: Publish:Tue, 01 Jun 2021 04:58 PM (IST) Updated:Tue, 01 Jun 2021 04:58 PM (IST)
मुजफ्फरपुर में कोरोना किट की कालाबाजारी व जांच में गड़बड़ी की छानबीन शुरू, इन बिंदुओं पर मांगी गई रिपोर्ट
मुजफ्फरपुर में कोरोना किट की कालाबाजारी व जांच में गड़बड़ी की छानबीन शुरू

मुजफ्फरपुर, जागरण संवाददाता। जिले में कोरोना एंटीजन किट एवं उसकी जांच में गड़बड़ी को लेकर छानबीन शुरू हो गई है। डीएम प्रणव कुमार के आदेश के आलोक में अपर समाहर्ता राजेश कुमार ने सात बिंदुओं पर रिपोर्ट तलब की है। उन्होंने सभी प्रभारी चिकित्सा पदाधिकारी, जिला स्वास्थ्य समिति के जिला कार्यक्रम पदाधिकारी(डीपीएम), सदर अस्पताल के स्वास्थ्य प्रबंधक एवं आइटी मैनेजर से रिपोर्ट मांगी है। अपर समाहर्ता ने मंगलवार को शाम तीन बजे रिपोर्ट के साथ अपने कार्यालय में तलब किया है। उन्होंने सभी को भेजे पत्र में कहा है कि सात बिंदुओं पर मामले की जांच करें। इसमें अगर कोई पदाधिकारी या कर्मी दोषी पाए जाते हैं तो उन्हें चिह्नित करते हुए रिपोर्ट उपलब्ध कराएं।

इन बिंदुओं पर मांगी गई रिपोर्ट

- क्या कर्मचारियों ने एंटीजन किट निजी अस्पतालों या लैब को बेच दिया। उसे छिपाने के लिए फर्जी आंकड़े भर दिए गए। अपने भंडार की जांचकर सही आंकडे को स्पष्ट करें।

- संक्रमण दर कम किए जाने के लिए बिना जांच किए निगेटिव रिपोर्ट की संख्या के फर्जी आंकड़े खड़े किए गए तो इस संबंध में वस्तुस्थिति स्पष्ट करें।

- प्रशासन की सख्ती से लोगों ने खुद ही गलत नंबर नाम लिख दिए जिन्होंने नंबर नहीं दिए उनमें 0000000000 कर दिया। इस तरह के कुल कितने मामले आपसे संबंधित हैं।

- कभी कोरोना जांच कराई ही नहीं और कैसे सूचना भेजी गई कि आप निगेटिव हैं।

- सदर अस्पताल के कर्मचारियों को भेजी गई फर्जी जांच रिपोर्ट की स्थिति स्पष्ट करें।

- 70 प्रतिशत लोगों को डेढ़ माह बाद भेजी गई रिपोर्ट के संबंध में भी स्थिति स्पष्ट करें।

- पिछले दिनों चलाए गए विशेष अभियान में किए गए सभी टेस्ट को पोर्टल पर अपलोड कराया गया था, मगर आपसे संबंधित पीएचसी या सीएचसी में जांच की तुलना में अधिक लोगों की इंट्री की गई थी। इसके कारण इंट्री निगेटिव में की गई इंट्री से अधिक दिख रही है।

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