मुजफ्फरपुर में ​​​​​नहीं पहुंची ब्लैक फंगस की दवा, भर्ती तीन मरीजों को पटना शिफ्ट करने की कवायद

Black Fungus Case in Muzaffarpur पीडि़त मानवता की रक्षा के लिए एसकेएमसीएच प्रशासन ने भेजा त्राहिमाम संदेश। यहां भर्ती तीन मरीजों को अब पटना शिफ्ट करने की कवायद तेज है। वार्ड में भर्ती एक संदिग्ध मरीज डिस्चार्ज नहीं हुई ब्लैक फंगस की पुष्टि।

By Murari KumarEdited By: Publish:Tue, 01 Jun 2021 05:23 PM (IST) Updated:Tue, 01 Jun 2021 05:23 PM (IST)
मुजफ्फरपुर में ​​​​​नहीं पहुंची ब्लैक फंगस की दवा, भर्ती तीन मरीजों को पटना शिफ्ट करने की कवायद
मुजफ्फरपुर में भर्ती तीन मरीजों को पटना शिफ्ट करने की कवायद।

मुजफ्फरपुर, जागरण संवाददाता। ब्लैक फंगस मरीजों के लिए पटना से सोमवार को भी दवा नहीं पहुंची। यहां भर्ती तीन मरीजों को अब पटना शिफ्ट करने की कवायद तेज है। इस बीच दवा को लेकर एसकेएमसीएच प्रशासन ने राज्य मुख्यालय को पीडि़त मानवता की रक्षा के लिए त्राहिमाम संदेश भेजा है।

आउटडोर से लौट रहे संदिग्ध, भर्ती मरीज हो रहे स्वस्थ

ब्लैक फंगस के इलाज के लिए एक मुख्य दवा एंफोटेरिसीन बी नहीं रहने से आउटडोर में एक भी मरीज का इलाज नहीं हुआ। जानकारी के अनुसार एक-दो मरीज आए, जिनको बिना जांच व इलाज के लौटा दिया गया। वहीं पहले से भर्ती एक संदिग्ध मरीज को डिस्चार्ज कर दिया गया। न्यूरो सर्जन डॉ.दीपक कर्ण ने बताया कि एम्स पटना से इलाज के बाद मनियारी इलाके का अजय कुमार यहां आया था। जांच के बाद उसमें ब्लैक फंगस होने की पुष्टि नहीं हुई। इस पर उसको दवा व परामर्श देकर डिस्चार्ज किया गया। इस बीच जिन तीन लोगों का ऑपरेशन किया गया सभी स्वस्थ हो रहे हैं। वे सभी वार्ड में चल रहे और बातचीत कर रहे हैं। मरीजों को अभी करीब दो सप्ताह तक रहना होगा। डॉ.कर्ण के साथ युवा सर्जन डॉ.दुर्गेश ने भी मरीजों का हालचाल लिया। भर्ती मुकेश ने बताया कि वह जीवन से उम्मीद खो चुके थे, लेकिन यहां के चिकित्सकों ने जान बचा दी।

तीन मरीजों के लिए 300 से 400 वायल की होगी जरूरत

वार्ड में भर्ती मरीजों को पूरी तरह स्वस्थ होने तक 300 से 400 वायल एंफोटेरोसिन बी नामक दवा की जरूरत होगी। अगर दवा मंगलवार को भी नहीं आती है तो मरीजों को यहां से पटना भेजना पड़ेगा। जानकारी के अनुसार यदि मरीज यहां पर रहे तो उनकी जान पर खतरा होगा।

रोज आ रहे दो से तीन मरीज

एसकेएमसीएच में इलाज शुरू होने के बाद प्रतिदिन दो से तीन मरीज आउटडोर में पहुंच रहे हैं। प्राचार्य डॉ.विकस कुमार ने कहा मंगलवार को भी दवा नहीं आई तो इलाज करने में परेशानी होगी। इसकी सूचना पटना मुख्यालय को दी गई है। तीन मरीजों को वापस किया गया। स्वजनों ने जांच कर भर्ती करने की गुहार भी लगाई, लेकिन दवा के अभाव में उनको भर्ती नहीं किया जा सका। विशेष वार्ड में भर्ती मरीजों का इलाज चल रहा है। मालूम हो कि पटना से 200 वायल दवा यहां भेजी गई थी। यहां पर जब मरीजों का इलाज व ऑपरेशन शुरू हुआ तो 70 वायल पटना ने मंगा ली। उसके बाद शनिवार से यहां संकट है।

इस संबंध में एसकेएमसीएच के अधीक्षक डॉ.बीएस झा ने कहा कि दवा की कमी से मुख्यालय को अवगत कराया गया है। एक हजार वायल मांगी गई है। मंगलवार को दवा नहीं आने पर विशेषज्ञ चिकित्सक से बातचीत कर मरीजों को यहां रखने या पटना शिफ्ट करने पर निर्णय लिया जाएगा। मुख्यालय से बाजार से दवा खरीदने का आदेश हुआ, लेकिन वहां भी इसके अभाव से परेशानी है।

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