बिना फल की आकाक्षा करें प्रभु की सेवा

उत्तम भक्त के लिए यही उचित है कि वह किसी भी फल की कामना के अपने हृदय में न रख शुद्ध रीति से प्रभु की परिचर्या करे।

By JagranEdited By: Publish:Wed, 26 May 2021 02:51 AM (IST) Updated:Wed, 26 May 2021 02:51 AM (IST)
बिना फल की आकाक्षा करें प्रभु की सेवा
बिना फल की आकाक्षा करें प्रभु की सेवा

मुजफ्फरपुर : उत्तम भक्त के लिए यही उचित है कि वह किसी भी फल की कामना के अपने हृदय में न रख, शुद्ध रीति से प्रभु की परिचर्या करे। जो लोग भगवान की सेवा शुद्ध रीति एवं सच्चे अंत:करण से करते हैं, किसी फल की आशा रखते हैं वे भगवान के सेवक ही नहीं हैं। उक्त बातें औराई के रामजानकी मंदिर सरहंचिया के परिसर में नृसिंह जयंती पर नौ दिवसीय नृसिंह मूल मंत्र अनुष्ठान के बाद स्वामी भरतशरण दास ने कहीं। कहा कि ऐसा कह सकते हैं कि वे तो क्रय-विक्रय करने वाले व्यापारी हैं जो एक चीज देकर दूसरी की आकाक्षा करते हैं। जो व्यक्ति प्रभु से अपनी कामनाओं की पूíत चाहता हो वह सेवक नहीं। वहीं, जो स्वामी अपने सेवक से सेवा कराने के लिए उसकी कामनाएं पूर्ण करता हो वह स्वामी नहीं। विदित हो कि कोरोना महामारी से मुक्ति के लिए यहा 18 मई से नृसिंह मूलमंत्र का जाप किया जा रहा है। 11 लोगों ने एक लाख ग्यारह हजार नृसिंह मूलमंत्र का जाप किया है। मौके पर परमानंद सिंह, रामरतन सिंह, महेश्वर प्रसाद सिंह, रामजी प्रसाद सिंह, राजीव नयन सिंह, दिवाकर कुमार, अनिता देवी, मोहन प्रसाद सिंह, अरुण निराला, दीनबंधु सिंह आदि थे।

भगवान नृसिंह की मनाई गई जयंती

चक्कर मैदान स्थित पूर्व मंत्री सुरेश कुमार शर्मा के निवास पर मंगलवार को भगवान विष्णु के चौथे अवतार नृसिंह भगवान की जयंती मनाई गई। पूर्व मंत्री ने भगवान नृसिंह के चित्र पर माल्यार्पण कर कहा कि भगवान नृसिंह शक्ति एवं पराक्रम के प्रमुख देवता हैं। साथ ही भक्त प्रह्लाद के आराध्य देव व कुरीतियों को दूर करने और जन मानस के बीच धर्म के अनुयायियों के लिए प्रेरणास्त्रोत हैं।

इस कार्यक्रम में मुख्यरुप से समाजिक कार्यकर्ता हरेराम मिश्रा, शम्भुशरण ठाकुर, महंत संजीव कुमार, रामनरेश मिश्रा, संजीव कुमार सिंह, बसंत कुमार मिश्रा आदि प्रमुख रूप से उपस्थित थे।

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