Bihar Panchayat Election 2021: पहले टायर गाड़ी पर, अब लक्जरी कार में बैठकर होता है प्रचार

जमरुदीन मियां ने बताया कि वे चालीस साल पहले का पंचायत चुनाव भी देखे हैं तथा आज का चुनाव भी देख रहे हैं। पहले केवल दो ही पद मुखिया एवं सरपंच के लिए चुनाव होता था । प्रत्याशियों की इतनी भीड़ भी नहीं होती थी।

By Ajit KumarEdited By: Publish:Sun, 17 Oct 2021 04:50 PM (IST) Updated:Sun, 17 Oct 2021 04:50 PM (IST)
Bihar Panchayat Election 2021: पहले टायर गाड़ी पर, अब लक्जरी कार में बैठकर होता है प्रचार
बरगद के पेड़ के नीचे पंचायत लगती थी।

भितहा (पश्चिम चंपारण), संवाद सूत्र। पहले के चुनाव में और आज के चुनाव में काफी अंतर है। भितहा प्रखंड के डीही पकड़ी पंचायत निवासी 70 वर्षीय बुजुर्ग जमरुदीन मियां ने बताया कि वे चालीस साल पहले का पंचायत चुनाव भी देखे हैं तथा आज का चुनाव भी देख रहे हैं। पहले केवल दो ही पद मुखिया एवं सरपंच के लिए चुनाव होता था । प्रत्याशियों की इतनी भीड़ भी नहीं होती थी। गांव के कुछ संभ्रांत लोग ही चुनाव लड़ते थे। अपराधियों का भी बोल बाल अधिक था। साधारण आदमी चुनाव लडऩे की बात सोचता भी नहीं था। इतने छोटे छोटे पंचायत भी नहीं थे एक पंचायत में 20 से अधिक गांव होता था। गांव में अधिक गरीबी होने के कारण लोगों को अपना कृषि कार्य ही अधिकतर पसंद था। चुनाव पड़ जाने पर अपने समर्थित मुखिया का झंडा लेकर वे भी गांवों में घूमा करते थे। टायर गाड़ी पर बैठकर प्रचार होता था। प्रत्याशी पैदल भी वोट मांगते थे। उस समय आज की तरह सांप्रदायिक तथा जातिगत चुनाव नहीं होता था।

वहीं 80 वर्षीय बिगू राम ने बताया कि जब पंचायत भवन नहीं था। बरगद के पेड़ के नीचे पंचायत लगती थी। सरकारी मुलाजिम ग्राम सेवक होते थे जो प्राय: मुखिया लोगों के घर ही रहते थे। वही से पंचायत की विकास की रूप रेखा तैयार होती थी। बताते हैं कि उस समय मुखिया द्वारा गांव के मामलों का निपटारा पंचायत लगा कर ग्रामीणों के बीच ही कर दिया जाता था। थाना पर बहुत ही कम फरियादी पहुंचते थे। उस समय मुखिया की मुखिया गिरी में पीडि़तों को न्याय मिलता था। आज के समय के मुखिया और उस समय के मुखिया में काफी अंतर है।

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