Bihar Panchayat Election 2021:सरपंच में जीत-हार का अंतर 10 वोटों से कम होने पर ही पुनर्मतगणना का दावा

इस बार जिला परिषद मुखिया पंचायत समिति सदस्य एवं वार्ड पार्षद का चुनाव ईवीएम से हो रहा है। इन पदों पर जीत-हार का अंतर कम होने पर गड़बड़ी की गुजाइंश नहीं के बराबर रहेगी। वहीं सरपंच एवं पंच का चुनाव बैलेट से ही हो रहा है।

By Ajit KumarEdited By: Publish:Fri, 24 Sep 2021 09:25 AM (IST) Updated:Fri, 24 Sep 2021 09:25 AM (IST)
Bihar Panchayat Election 2021:सरपंच में जीत-हार का अंतर 10 वोटों से कम होने पर ही पुनर्मतगणना का दावा
राज्य निर्वाचन आयोग ने जिला निर्वाचन पदाधिकारी के लिए जारी किए निर्देश।

मुजफ्फरपुर, जासं। पंचायत चुनाव में सभी पदों पर जीत-हार का अंतर एक या दो वोट भी होता है। इसे लेकर पुनर्मतगणना की मांग को स्वीकार या खारिज करने को लेकर निर्वाची पदाधिकारी के स्तर से निर्णय लिया जाता रहा है। इस बार जिला परिषद, मुखिया, पंचायत समिति सदस्य एवं वार्ड पार्षद का चुनाव ईवीएम से हो रहा है। इन पदों पर जीत-हार का अंतर कम होने पर गड़बड़ी की गुजाइंश नहीं के बराबर रहेगी। वहीं सरपंच एवं पंच का चुनाव बैलेट से ही हो रहा है। इसे देखते हुए दोनों पदों पर जीत-हार का अंतर एकल अंक (दस से कम) में होने पर पुनर्मतगणना के सभी दावे स्वीकार किए जाएंगे। इस संबंध में राज्य निर्वाचन आयोग ने निर्देश जारी किया है। निर्वाचन पदाधिकारी (पंचायत) को दिए निर्देश में कहा गया है कि नौ वोट तक से जीत-हार की स्थिति में फिर से वोटों की गिनती का आवेदन आने पर पुनर्मतगणना के बाद ही परिणाम घोषित किया जाए। यह अंतर दस से अधिक होने पर आवेदन को स्वीकार या खारिज करने का निर्णय मेरिट के आधार पर निर्वाची पदाधिकारी लेंगे। आयोग के सचिव ने निर्देश में कहा कि पुनर्मतगणना के आवेदन की प्राप्ति की रसीद उम्मीदवार को देनी जरूरी है। ऐसा नहीं किए जाने पर मामले को गंभीरता से लिया जाएगा। यह भी स्पष्ट कर दिया गया है कि एक बार ही पुनर्मतगणना होगी।

उम्मीदवार की मदद की तो मुकदमे के साथ स्पीडी ट्रायल में कार्रवाई

आयोग ने पारदर्शिता को लेकर भी निर्देश दिए हैं। इसमें कहा गया है कि किसी मतगणना कर्मी की निष्पक्षता को लेकर शिकायत की जाती है तो थोड़ी भी शंका होने पर उसे कार्य से हटा दिया जाएगा। वहीं किसी कर्मी, सहायक निर्वाची पदाधिकारी या निर्वाची पदाधिकारी द्वारा जान-बूझकर किसी प्रत्याशी की मदद की जाती है तो उनपर मुकदमा दर्ज करते हुए स्पीडी ट्रायल कराया जाएगा। इसके अलावा प्रशासनिक कार्रवाई भी की जाएगी। इसके अलावा संबंधित उम्मीदवार को भी सह अभियुक्त बनाकर प्राथमिकी दर्ज की जाएगी।

वोटों की गिनती के दौरान प्रभावशाली व्यक्ति द्वारा गड़बड़ी किए जाने के मामले सामने आते हैं तो मुकदमा दर्ज कराते हुए इसकी भी स्पीडी ट्रायल चलाई जाएगी। इसमें दो वर्ष का कारावास एवं जुर्माना का प्रविधान किया गया है।  

chat bot
आपका साथी