दरभंगा में शिक्षा विभाग की खुली पोल! विद्यार्थियों को जमीन पर बैठ कर देनी पड़ी परीक्षा

Bihar Board 9th Exam जिले के सिंहवाड़ा प्रखंड के प्लस टू मिथिला उच्च विद्यालय अस्थुआ में शुक्रवार से प्रारंभ हुई वर्ग नौवीं की वार्षिक परीक्षा में सरकारी शिक्षा विभाग की व्यवस्था की पोल खुल गई है। छात्र आसमान के नीचे मैदान में जमीन पर बैठक परीक्षा दे रहे हैं।

By Murari KumarEdited By: Publish:Sat, 27 Feb 2021 10:54 AM (IST) Updated:Sat, 27 Feb 2021 01:30 PM (IST)
दरभंगा में शिक्षा विभाग की खुली पोल! विद्यार्थियों को जमीन पर बैठ कर देनी पड़ी परीक्षा
सिमरी के अस्थुआ स्कूल में जमीन पर बैठकर परीक्षा देते छात्र

दरभंगा, जागरण संवाददाता। जिले के सिंहवाड़ा प्रखंड के प्लस टू मिथिला उच्च विद्यालय अस्थुआ में शुक्रवार से प्रारंभ हुई वर्ग नौवीं की वार्षिक परीक्षा में सरकारी शिक्षा विभाग की व्यवस्था की पोल खुल गई है। छात्र आसमान के नीचे मैदान में जमीन पर बैठक परीक्षा दे रहे हैं। स्कूल भवन के एक वर्ग में ही  बेंच - डेस्क उपलब्ध है । इस कारण छात्र पेड़ और साइकिल पर बैठकर परीक्षा देते नजर आते हैं। कई बार हाई स्कूल परिसर में भवन निर्माण की मांग स्थानीय जनप्रतिनिधियों ने की है । लेकिन विभाग के आला अधिकारी व राजनेता  इसको लेकर गंभीर नहीं दिख रहे हैं।  हालत यह है कि भवन के अभाव व स्कूल में बेंच व डेस्क की उपलब्धता नहीं के बराबर रहने के कारण नियमित रूप से वर्ग संचालन में कठिनाई होती है । खुले में बैठकर परीक्षा देने से छात्र जमकर एक दूसरे की नकल करते नजर आ जाएंगे।  स्कूल परिसर में कदाचार मुक्त परीक्षा  के तमाम दावों की हवा निकलती हुई नजर आ रही है ।

विद्यालय प्रभारी एचएम देवनारायण पासवान ने बताया कि स्कूल में कुल नौ शिक्षकों का प्रतिनियोजन है। नौंवी की वार्षिक परीक्षा में 234 छात्र शामिल हैं। वहीं इस वर्ष मैट्रिक में 454 व 12 वीं में 106 छात्र बोर्ड परीक्षा में शामिल हुए हैं।  विद्यालय के तीन कमरों में चादर - दरी पर छात्रों को बैठाकर परीक्षा ली जा रही है। जब संपूर्ण प्रभार मिलेगा तो शिक्षा विभाग को भवन निर्माण व बेंच डेस्क के लिए लिखा जाएगा। इधर मुखिया लाल बाबू यादव, अनिता देवी, सरपंच मनोज झा ने कहा है कि एक वर्ष पहले ग्रामीण के साथ धरना - प्रदर्शन स्कूल  परिसर में किया था। इसमें स्थानीय विधायक जीवेश कुमार समस्या के निदान को लेकर आश्वासन दिया था। अब वे मंत्री बन गये हैं, अब विद्यालय के विकास के लिए लोगों को उम्मीद जगी है। 

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