मुजफ्फरपुर-बरौनी फोरलेन के मार्ग में बड़े होटल और पक्के मकान
एनएचएआइ कार्यालय की जानकारी के अनुसार करीब डेढ़ सौ फीट के लिए एनएचएआइ के पास जमीन अधिग्रहित है। एनएचएआइ के पदाधिकारियों का कहना है कि फोरलेन के लिए जमीन अधिग्रहण करने की जरूरत नहीं है। इसके लिए पहले से जमीन उपलब्ध है।
मुजफ्फरपुर, जासं। एनएच-28 के मुजफ्फरपुर-बरौनी खंड को फोरलेन बनाने की प्रक्रिया शुरू गई है, लेकिन इसमें अतिक्रमण से बाधा पहुंच रही। इसे देखते हुए अतिक्रमण हटाने को लेकर भी रणनीति बनाई जा रही है। इसमें सभी पक्का निर्माण वालों को एनएचएआइ की ओर से नोटिस भेजा गया है। कच्ची-पक्की इलाके में सर्वाधिक अतिक्रमण है। वहीं खबरा क्षेत्र का एक बड़ा होटल भी इस सूची में है।
एनएचएआइ कार्यालय की जानकारी के अनुसार करीब डेढ़ सौ फीट के लिए एनएचएआइ के पास जमीन अधिग्रहित है। एनएचएआइ के पदाधिकारियों का कहना है कि फोरलेन के लिए जमीन अधिग्रहण करने की जरूरत नहीं है। इसके लिए पहले से जमीन उपलब्ध है। कहीं-कहीं इसकी जरूरत पड़ सकती है। परेशानी का कारण है कई जगहों पर अतिक्रमण। कच्ची-पक्की के छह दुकानदारों महेंद्र कुमार, डा. रघुवंश कुमार, मो. शब्बीर, नंद किशोर पासवान, लालू महतो एवं देवेंद्र पासवान को नोटिस दिया गया है। इस मामले में सांसद अजय निषाद की ओर से दुकानदारों को कुछ समय देने का आग्रह किया गया था। एनएचएआइ ने उन्हें इसका जवाब भेजा है। इसमें कहा गया है कि पिछले वर्ष ही इन दुकानदारों को नोटिस दिया गया था। उन्हें पर्याप्त समय दे दिया गया। अब फोरलेन निर्माण को देखते हुए अतिक्रमण हटाने की कार्रवाई होगी।
एनएच की जमीन पर पार्किंग, खतरे को आमंत्रण
एनएच-28 की जमीन पर अतिक्रमण ही नहीं उसका उपयोग कमाई के लिए भी किया जा रहा है। कच्ची पक्की के आगे दुर्गा मंदिर के पास एनएच से सटे ही एक निजी भवन मालिक ने पार्किंग बना दी है। यहां सैकड़ों की संख्या में लगने वाले वाहन रोज हादसे को निमंत्रण देते हैं।
सीबीएसई टर्म-1 की 12वीं की परीक्षा शुरू
जासं, मुजफ्फरपुर : सीबीएसई टर्म-1 की 12वीं की परीक्षा शुक्रवार से शुरू हो गई। जो विद्यार्थी पढ़ कर गए थे उनकी अच्छी परीक्षा गई। वहीं, जिनकी तैयारी कमजोर थी वे मायूस होकर परीक्षा हाल से लौटे। आमतौर पर विद्यार्थियों में जोश दिखा। कई विद्यार्थी सीबीएसई के केंद्रों की अनियमितता से दुखी भी थे। उनका कहना था कि जिन विद्यार्थियों का परीक्षा केंद्र उनका अपना ही विद्यालय है उन विद्यार्थियों की चांदी है। दूसरे केंद्रों पर परीक्षा देने वाले छात्रों में असंतोष दिखाई दिया।