सीतामढ़ी मुठभेड़ मामले में बड़ी कार्रवाई, शहीद दारोगा के साथ गए जेएसआइ व थानाध्यक्ष सस्पेंड
Sitamarhi Encounter पुलिसिया कार्रवाई में शिथिलता के आरोप में दोनों अफसरों पर गिरी गाज। तीन अन्य थानों के थानाध्यक्ष भी बदले निलंबन की कार्रवाई से सामने आई पुलिस की शिथिलता। एसपी अनिल कुमार ने वहां के थानाध्यक्ष राजदेव प्रसाद व जेएसआइ रजा अहमद को सस्पेंड कर दिया गया है।
सीतामढ़ी, जागरण संवाददाता। मेजरगंज थाने के कुंआरी मदन गांव में 24 फरवरी को शराब तस्करों की गोलीबारी में दारोगा दिनेश राम की शहादत व चौकीदार लालबाबू पासवान को जख्मी होने के मामले में पुलिस की शिथिला को लेकर आखिरकार बड़ी कार्रवाई सामने आई है। एसपी अनिल कुमार ने वहां के थानाध्यक्ष राजदेव प्रसाद व जेएसआइ रजा अहमद को सस्पेंड कर दिया गया है। एसपी ने कहा है कि घटना के दिन कार्रवाई में शिथिलता के आरोप में दोनों अफसरों को निलंबित किया गया है। एसपी ने बताया कि एसडीपीओ सदर रमाकांत उपाध्याय की जांच रिपोर्ट के आधार पर ये कार्रवाई की गई है। एसपी ने बताया कि मेजरगंज थानाध्यक्ष समेत चार थानों में नए थानेदार की तैनाती की गई है। मेजरगंज थाने की कमान अब पुलिस अवर निरीक्षक अशोक कुमार को सौंपा गया है। वे बेला थाने में थानाध्यक्ष थे। बेला में रुन्नीसैदपुर थाने में पदस्थापित पुअनि सुभाष मुखिया को बेला का थानेदार बनाया गया है। नानपुर थाने से पुअनि राजकुमार गौतम को महिंदवारा का थानाध्यक्ष बनाया गया है।
पुलिसिया कार्रवाई में चूक से ही गई दारोगा की जान
एसपी की कार्रवाई के बाद यह स्पष्ट हो गया कि घटना के दिन पुलिसिया कार्रवाई में चूक से ही दारोगा दिनेश राम की जान गई। चौकीदार को गोलियां लगी। जब पुलिस टीम को यह पककी सूचना मिल चुकी थी कि उस गांव में सुधा देवी के घर में अपराधियों का जमावड़ा है। वह भी उस एक अपराधी के बारे में जिसके विरूद्ध पहले से संगीन मामले दर्ज थे। बावजूद पुलिस ने अपनी सुरक्षा के लिए कोई विशेष इंतजाम नहीं किया। सबकी जान जोखिम में डालकर उस ऑपरेशन को अंजाम देने की कोशिश की गई।
यहां तक की गोलीबारी के दौरान थानाध्यक्ष राजदेव प्रसाद मौके पर नहीं थे। दारोगा के साथ गए जेएसआइ रजा अहमद भी अपनी जान बचाकर भाग निकले थे। इसी बात को लेकर गांव वालों में पुलिस के खिलाफ जबरदस्त गुस्सा था। दारोगा की शहादत के बाद उस घटना के लिए गांव वालों ने पुलिस को ही जिम्मेदार ठहराया और उसको लेकर उस दिन सड़क जाम और प्रदर्शन कर अपने गुस्से का इजहार किया।