उत्तर बिहार में नहीं दिखा भारत बंद का खास असर, सबकुछ रहा सामान्य

मधुबनी के जयनगर बाजार में भारत बंद का मिलाजुला असर अन्य भागों में स्थिति सामान्य भारत बंद से जयनगर में एक करोड़ का कारोबार प्रभावित होने का अनुमान कंफेडरेशन ऑफ आल इंडिया ट्रेडर्स के जयनगर इकाई के अध्यक्ष प्रीतम बैरोलिया के नेतृत्व में जयनगर बाजार में धरना दिया गया।

By Dharmendra Kumar SinghEdited By: Publish:Fri, 26 Feb 2021 02:51 PM (IST) Updated:Fri, 26 Feb 2021 02:51 PM (IST)
उत्तर बिहार में नहीं दिखा भारत बंद का खास असर, सबकुछ रहा सामान्य
बंद के समर्थन में जयनगर में धरना देते कंफेडरेशन ऑफ ऑल इंडिया ट्रेडर्स के सदस्य। जागरण

मुजफ्फरपुर, जाटी। भारत बंद का उत्तर बिहार में नहीं दिखा कोई विशेष असर। मुजफ्फरपुर, दरभंंगा, समस्तीपुर, सीतामढ़ी, पूर्वी चंपारण व पश्चिम चंपारण में सबकुछ समान्य रहा। जीएसटी की खामियों और ई-कॉमर्स से संबंधित मुद्दों के खिलाफ कंफेडरेशन ऑफ आल इंडिया ट्रेडर्स के भारत बंद का मधुबनी जिला मुख्यालय में कोई असर नहीं दिखा। अन्य क्षेत्रों में भी भारत बंद बेअसर है। हालांकि, जयनगर में इसका मिलाजुला असर देखा गया। जयनगर बाजार की अधिकांश दुकानें आज बन्द है।

जिले के अन्य भागों में बाजार की स्थिति सामान्य है। भारत बंद के समर्थन में जयनगर में व्यवसायी अपनी दुकान बंद रखकर धरना दे रहे हैं। कैट के आह्वान पर जयनगर में बाजार बंद रहने से शुक्रवार को एक करोड़ रुपये से अधिक का कारोबार प्रभावित होने का अनुमान है। कंफेडरेशन ऑफ आल इंडिया ट्रेडर्स के जयनगर इकाई के अध्यक्ष प्रीतम बैरोलिया के नेतृत्व में जयनगर बाजार में धरना दिया गया। धरना में कंफेडरेशन ऑफ आल इंडिया ट्रेडर्स के महासचिव रंजीत गुप्ता, मुख्य सचिव कुलदीप कुमार, कार्यकारी अध्यक्ष अनिल संथालिया, अनिल जायसवाल, संरक्षक गणेश जायसवाल, कोषाध्यक्ष अरुण पूर्वे, उपाध्यक्ष इमाम हसन, सचिव दीपक गुप्ता, सरदार राजू सिंह, संजय पटेल, सरदार कुलदीप सिंह सहित जयनगर के अनेकों  व्यवसायियों ने हिस्सा लिया। अध्यक्ष प्रीतम बैरोलिया ने दावा किया कि जयनगर में बंद पूरी तरह सफल रहा। कपडे सहित अधिकांश दुकाने बंद रखी गई। कहा कि

जीएसटी के नए प्रावधान से व्यवसायियों की परेशानी बढेगी। जीएसटी की धारा 75 (12) में यदि गलती से भी व्यापारी ने अधिक टैक्स की गणना कर दी तो वह स्वकर निर्धारण टैक्स मानकर बगैर  किसी नोटिस के आपसे वसूला जाएगा। अगर जीएसटीआर एक में अपनी लायबिलिटी दिखा दी और जीएसटीआर तीन बी में उसको नहीं लिया तो विभाग बगैर नोटिस दिए डिफरेंस अमाउंट की वसूली कर सकता है। यह वसूली व्यापारी के बैंक अकाउंट अटैच करके या आपके किसी भी देनदार से डायरेक्ट रिकवर की जा सकती है।

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