आवास योजना की राशि के लिए डेढ़ साल से मुजफ्फरपुर नगर निगम की दौड़ लगा रहे लाभुक

प्रधानमंत्री आवास योजना की राशि के लिए शहरी क्षेत्र के लाभुक डेढ़ साल से निगम कार्यालय की दौड़ लगा रहे हैं।

By JagranEdited By: Publish:Wed, 22 Sep 2021 07:22 PM (IST) Updated:Wed, 22 Sep 2021 07:22 PM (IST)
आवास योजना की राशि के लिए डेढ़ साल से मुजफ्फरपुर नगर निगम की दौड़ लगा रहे लाभुक
आवास योजना की राशि के लिए डेढ़ साल से मुजफ्फरपुर नगर निगम की दौड़ लगा रहे लाभुक

मुजफ्फरपुर। प्रधानमंत्री आवास योजना की राशि के लिए शहरी क्षेत्र के लाभुक डेढ़ साल से निगम कार्यालय की दौड़ लगा रहे हैं। अपने वार्ड के पार्षद के घर का दरवाजा खटखटा रहे हैं। निगम के अधिकारियों से मिलकर भुगतान की गुहार लगा रहे है। नगर निगम सरकार से राशि आवंटित नहीं होने का रोना रो रहा है। इन सबके बीच राशि नहीं मिलने से दो हजार से अधिक गरीब परिवार एक डेढ़ साल से खुले आसमान के नीचे रहने को मजबूर हैं। लाभुकों को दो लाख रुपये चार किश्तों में मिलनी है लेकिन किसी को पहली किस्त की राशि मिली है तो किसी को दूसरी व तीसरी। ऐसे में अधिकांश लाभुकों का मकान अधूरा है। 2548 लाभुकों में से सिर्फ 430 को पूरा पैसा

लाभुकों से दो चरणों में आवेदन लिया गया। पहले चरण में 623 एवं दूसरे चरण में 1925 गरीबों का चयन हुआ। पहले चरण के लाभुकों को तीन किस्तों में 50 हजार, एक लाख एवं 50 हजार रुपये देना था। दूसरे चरण में चार किस्तों में 50 हजार, एक लाख, 30 हजार एवं 20 हजार रुपये देना था। दोनों चरणों के कुल 2548 लाभुकों में से महज 430 को ही अब तक पूरा पैसा मिल पाया है। दूसरे चरण का हाल तो अधिक खराब है। 1925 लाभुकों में से मात्र 800 को प्रथम किस्त की राशि मिल पाई है जबकि चयन का डेढ़ साल से अधिक बीत गया है। भुगतान के लिए निगम को चाहिए 3.78 करोड़ रुपये नगर निगम को प्रधानमंत्री आवास योजना के लाभुकों को भुगतान के लिए फिलहाल 3.78 करोड़ रुपये चाहिए। चार सौ परिवारों को भुगतान के लिए निगम ने सभी कागजी प्रक्रिया पूरी कर ली है, लेकिन इस मद में निगम का खजाना खाली है। सितंबर 2019 के बाद राशि आवंटित नहीं हुई है। इसके लिए निगम प्रशासन द्वारा लगातार विभाग को लिखा जा रहा है। पूर्व महापौर सुरेश कुमार एवं वार्ड पार्षद नंद कुमार प्रसाद साह पार्षदों के प्रतिनिधिमंडल के साथ उप मुख्यमंत्री तारकिशोर प्रसाद से अलग-अलग मिलकर परेशानी से अवगत करा चुके हैं। इसके बावजूद अब तक आवंटन नहीं मिला है।

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