स्नातक पार्ट वन के रिजल्ट से पहले टेबुलेशन को लेकर छिड़ा विवाद

जूलॉजी के शिक्षक डॉ. सुशील कुमार सिंह पार्ट वन के टेबुलेशन डायरेक्टर व स्पेशल टेबुलेटर भी। 02 पद एक ही व्यक्ति को सौंपे जाने से नाराजगी।

By Ajit KumarEdited By: Publish:Sun, 18 Nov 2018 09:49 PM (IST) Updated:Mon, 19 Nov 2018 08:30 AM (IST)
स्नातक पार्ट वन के रिजल्ट से पहले टेबुलेशन को लेकर छिड़ा विवाद
स्नातक पार्ट वन के रिजल्ट से पहले टेबुलेशन को लेकर छिड़ा विवाद

मुजफ्फरपुर, जेएनएन। बीआरए बिहार विश्वविद्यालय प्रशासन स्नातक पार्ट वन का रिजल्ट भले भी समय से प्रकाशन का दावा कर ले, लेकिन इसमें विलंब लगना तय है। अभी कई विषयों की कॉपियां जांच के लिए बची हुई हैं। हफ्ताभर से अधिक समय उसमें लग सकता है। इधर, टेबुलेशन से पहले टेबुलेशन डायरेक्टर व स्पेशल डायरेक्टर पद को लेकर विवाद छिड़ गया है। विवादास्पद व्यक्ति को दोबारा एक साथ दो-दो जिम्मेवारी सौंपे जाने से तल्खी बढऩे लगी है। पीजी जूलॉजी के शिक्षक डॉ. सुशील कुमार सिंह को इस पद पर लाए जाने से छात्र संगठनों समेत शिक्षकों में भी नाराजगी है।

 स्पेशल टेबुलेटर रहते हुए उनके उपर टेंपरिंग का चार्ज था। इसको लेकर तब हम सबने तब काफी उग्र आंदोलन किया था। एक स्टाफ पकड़ा गया था जिसकी पिटाई की थी और उसने ही सारा राजफाश किया था। प्रोवीसी डॉ. आरके मंडल ने पूछे जाने पर कहा कि उनको दोनों ही काम सौंपे जाने का कुलपति ने फैसला ले तो लिया है। मगर अभी नोटिफिकेशन हुआ है या नहीं यह बात मेरे संज्ञान में नहीं है। लोहिया कॉलेज मूल्यांकन केंद्र पर साइंस-कॉमर्स की कॉपी जांच पूरी हो चुकी है। हिंदी की बची हुई है। वहीं एलएस कॉलेज मूल्यांकन केंद्र पर आर्ट्स एमआइएल हिंदी की कॉपी जांची जा रही है। उर्दू, मैथिली व संगीत विषय की कॉपी जांच अभी बाकी है। सोमवार से इनकी कॉपियां भी जांचनी शुरू होनी है।

टेबुलेशन में गड़बड़ी में हटे थे डायरेक्टर

छात्र राजद के प्रदेश महासचिव चंदन यादव, लंगट सिंह कॉलेज छात्रसंघ के उपाध्यक्ष केशव कुमार छात्र नेता ठाकुर प्रिंस ने कहा कि टेबुलेशन में गड़बड़ी के आरोपों में ही उन्हें पद से हटना पड़ा था। माक्र्स टेंपरिंग के मामले में उनको आरोपित किया गया था। जांच कमेटी भी बनी थी मगर रिपोर्ट में लीपापोती कर दी गई। पार्ट वन का टेबुलेशन डायरेक्टर और स्पेशल टेबुलेटर भी उन्हीं को बनाया गया है। अब तीनों पार्ट में कोई गड़बड़ी मिलेगी तो अकेले वे उसको देखेंगे। इस प्रकार फिर गड़बड़ी फैला सकते हैं।

हाल ही में सस्पेंड हुआ था एक कर्मचारी

विश्वविद्यालय में टीआर व माक्र्स में टेंपरिंग का मामला कोई नया नहीं है। अभी पिछले ही दिनों इसी मामले में विश्वविद्यालय कर्मचारी संघ के पूर्व उपाध्यक्ष रंजन कुमार का नाम आया था और जांच में सही पाकर उनको निलंबित किया गया था। जांच कमेटी ने अपनी अंतरिम रिपोर्ट में स्नातक पार्ट टू परीक्षा-2016 के टीआर व माक्र्सशीट में गड़बड़ी का आरोप लगा था। बड़े पैमाने पर गड़बड़ी पकड़ी थी। इसी रिपोर्ट के आधार संबंधित कर्मचारी पर कार्रवाई की गई है और विवि थाने को भी कानूनी कार्रवाई के लिए लिखा गया। कर्मचारियों के कार्य बहिष्कार के बाद विश्वविद्यालय प्रशासन ने आरोपित कर्मी का निलंबन तोड़ दिया।  

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