Bihar : सीएम नीतीश कुमार के ड्रीम प्रोजेक्ट पर कार्य तेज, बगहा कालेश्वर धाम मंदिर का सुंदरीकरण अंतिम दौर में

बगहा सीएम के सपनों को लगे पंख करीब 100 करोड़ की लागत से वाल्मीकिनगर का हो रहा है कायाकल्प मिलेगा पर्यटन को बढ़ावा प्राकृतिक सौंदर्य से लबरेज पहाड़ जंगल कल कल बहती गंडक नदी पक्षियों का कलरव सुकून देता है।

By Dharmendra Kumar SinghEdited By: Publish:Sun, 16 May 2021 04:10 PM (IST) Updated:Sun, 16 May 2021 04:10 PM (IST)
Bihar : सीएम नीतीश कुमार के ड्रीम प्रोजेक्ट पर कार्य तेज, बगहा कालेश्वर धाम मंदिर का सुंदरीकरण अंतिम दौर में
कालेश्वर मंदिर परिसर से दिख रहा सुंदर नजारा । जागरण

पश्चिम चंपारण, जासं। वाल्मीकि टाइगर रिजर्व के समीप त्रिवेणी संगम तट पर अवस्थित ऐतिहासिक कालेश्वर मंदिर परिसर का जीर्णोद्वार जल संसाधन विभाग के द्वारा किया जा रहा है। सीएम नीतीश कुमार के ड्रीम प्रोजेक्ट में शुमार ईको टूरिज्म को बढ़ावा देने के उद्देश्य से लगभग 100 करोड़ की लागत से सुंदरीकरण अंतिम दौर में है। जिसके तहत गंडक नदी के तट पर पाथवे एवं ईको पार्क का निर्माण किया गया है। इसी में समाहित कौलेश्वर स्थान का भी जीर्णोद्धार किया जा रहा है।

कौलेश्वर स्थान परिसर में पेवर ब्लॉक लगाकर सौंदर्यीकरण किया गया है। प्राकृतिक सौंदर्य से लबरेज पहाड़, जंगल, कल कल बहती गंडक नदी पक्षियों का कलरव सुकून देता है। जिसका लुफ्त उठाने के लिए पर्यटक अनायास ही खींचे चले आते है। बताते चलें कि सोनभद्र, तमसा और नारायणी नदी का संगम अपने आप में अनूठा है। कल-कल करती गंडक नदी की निर्मल धारा। ऊंचे-ऊंचे पहाड़। जहां तक नजर जाती, दिल को सुकून देने वाली हरियाली। ऐसे ही प्राकृतिक छटा के बीच बिहार के इकलौते वाल्मीकि टाइगर रिजर्व (वीटीआर) की हसीन वादियों में बसे वाल्मीकिनगर बिहार के मानचित्र पर उभर रहा है। 890 वर्ग किलोमीटर में फैले वीटीआर के बीचों बीच भारत व नेपाल की सीमा पर बसा वाल्मीकिनगर अपनी नैसर्गिक सुंदरता के लिए जाना जाता है।

इस बाब एनएनटी डेवलपर्स कंपनी के प्रोजेक्ट मैनेजर विनय प्रताप सिंह ने बताया कि मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के निर्देश पर कौलेश्वर मंदिर परिसर का जीर्णोद्धार किया गया है। जो वर्षों से उपेक्षित था। वाल्मीकिनगर की अर्थ व्यवस्था की रीढ़ की हड्डी माने जाने वाले पर्यटन उद्योग को बढ़ावा देने के लिए सरकार की ओर से कई कदम उठाए जा रहे हैं। पिछले चंद सालों में वाल्मीकिनगर में पर्यटन उद्योग को बढ़ावा देने के लिए विशेष योजनाएं शुरू हुई हैं। पर्यटन की दृष्टि से महत्वपूर्ण योजनाएं पूरी होने से वाल्मीकिनगर में पर्यटन उद्योग को नई उड़ान मिलेगी। इससे वीटीआर में आने वाले पर्यटकों की संख्या में वृद्धि होगी।

करोड़ो की लागत से हो रहा कायाकल्प

वीटीआर के मध्य स्थित कालेश्वर मंदिर के दिन बहुरने लगे हैं। इस पर्यटन स्थल को विश्व के मानचित्र पर लाने के लिए प्रोजेक्ट शुरू कर दिया गया है। वर्ष 2019-20 में वाल्मीकिनगर में एक लाख पर्यटक आए थे। यह प्रोजेक्ट बनने के बाद यह संख्या दोगुनी होने के पूरे आसार हैं। इससे रोजगार के साधन बढ़ेंगे। वाल्मीकिनगर के विकास से पूरे क्षेत्र का आर्थिक सामाजिक विकास होगा। अधिकांश काम पूरा हो गया है। इसके तहत मंदिर का जीर्णोद्धार, फूलों के पौधे लगाकर खूबसूरती बढ़ाना, गंडक नदी के किनारों पर रास्तों का विकास करना आदि शामिल है।

chat bot
आपका साथी