East champaran : पॉलीथिन पर प्रतिबंध, फिर भी बाजारों में धड़ल्ले से प्रयोग कर रहे दुकानदार

East Champaran खासकर सब्जी विक्रेता व फुटकर बिक्रेता ग्राहकों को बेझिझक प्लास्टिक की थैली में सामान दे रहे हैं। शुरू के दिनों में जब प्रतिबंध लगा था तब प्रशासन हरकत में जरूर आई थी। विभिन्न जगहों पर छापेमारी व कुछ दुकानदारों को जुर्माना भी किया गया था।

By Dharmendra Kumar SinghEdited By: Publish:Sat, 27 Feb 2021 01:46 PM (IST) Updated:Sat, 27 Feb 2021 01:46 PM (IST)
East champaran : पॉलीथिन पर प्रतिबंध, फिर भी बाजारों में धड़ल्ले से प्रयोग कर रहे दुकानदार
पर्यावरण के लिए खतरनाक है प्लास्टिक थैली का प्रयोग।

पूर्वी चंपारण (मोतिहारी), जासं । प्लास्टिक थैली का प्रयोग पर्यावरण के लिए खतरनाक है। विशेषज्ञों की सलाह पर राज्य सरकार ने भी राज्य में इस पर प्रतिबंध लगा दिया है। हालांकि बाजारों में जो हालात हैं यह प्रतिबंध सिर्फ कागजों पर ही दिख रहा है। जिला मुख्यालय सहित यहां के तमाम हाट बाजारों में प्रतिबंध के बावजूद  धड़ल्ले से प्लास्टिक थैली का इस्तेमाल दुकानदारों द्वारा किया जा रहा है। खासकर सब्जी विक्रेता व फुटकर बिक्रेता ग्राहकों को बेझिझक प्लास्टिक की थैली में सामान दे रहे हैं। शुरू के दिनों में जब प्रतिबंध लगा था तब प्रशासन हरकत में जरूर आई थी। विभिन्न जगहों पर छापेमारी व कुछ दुकानदारों को जुर्माना भी किया गया था। जिससे कुछ दिनों तक दुकानदार व आमलोग ने भी काफी हद्द तक इसका प्रयोग बंद कर दिया था।

वहीं पिछहले काफी महीनों से प्रशासन इस तरफ उदासीन गया। यही कारण है कि अब फिर से लोग धड़ल्ले से प्लास्टिक थैली का इस्तेमाल  कर रहे है। ज्ञात हो कि केंद्र और राज्य सरकार जहां स्वच्छता अभियान पर लाखों रुपये खर्च कर रही है, वहीं प्लास्टिक थैली का बढ़ता उपयोग इस अभियान में बाधक बन रहा है। बढ़ते प्रदूषण के मद्देनजर सरकार द्वारा पॉलिथीन पर प्रतिबंध जरूर लगाया गया है। इसके बावजूद पॉलिथीन के इस्तेमाल और कारोबार पर रोक नहीं लगी है।शुरुआती दौर में पॉलिथीन पर रोक को लेकर व्यवसायियों एवं उपयोग करने वाले लोगों में भय व्याप्त हो गया था। लोग पॉलिथीन को छोड़ घर से कपड़े के बने थैला लेकर बाजारों में निकलने लगे थे। समय बीतने के साथ ही लोग धीरे-धीरे पॉलिथीन का उपयोग शुरू कर दिए। अब तो व्यवसाई भी बेधड़क और निडर होकर ग्राहकों को सामग्री तौल कर पॉलिथीन में थमा दे रहे हैं। लोगों में प्लास्टिक वैन कानून का अब थोड़ा भी डर नहीं दिख रहा है। चिकित्सकों के अनुसार प्लास्टिक के पॉलिथीन में गर्म खाने वाले सामग्रियों को रखने के बाद विषैली रासायनिक प्रतिक्रिया होती है। उस सामग्री का उपयोग करने के बाद सेहत में कमी आने लगता है । प्रबुद्ध व्यक्तियों का कहना है कि सरकार कानून तो बनाती है लेकिन सख्ती से पेश नहीं आने के कारण नियमों की धज्जियां उड़ने लगती है।

 जुर्माने का है प्रावधान

सरकार द्वारा जारी किए प्रावधान के अनुसार लास्टिक कैरी बैग का घरेलू उपयोग पर पहली बार पकड़ाए जाने पर 100 रुपये, दूसरी में 200 रुपये व बार-बार पकड़ाए जाने पर 500 रुपये जुर्माना भरना पड़ेा। वहीं प्लास्टिक कैरी बैग के व्यवसायिक उपयोग पर पहली बार में 1500 , दूसरी 2500 व  3500 रुपये, सार्वजनिक स्थल पर फेंकने पर 1000 रुपये, दूसरी 1500  व 2000,बैग के उत्पादन पर पकड़े जाने पर पहली 2000 , दूसरी 3000 व  5000, खुले में जलाने पर पहली बार में 2000 रुपये, दूसरी बार में 3000 रुपये व बार-बार पकड़े जाने पर 3500 रुपए जुर्माना देना होगा।

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