महाशिवरात्रि पर सीमावर्ती क्षेत्र के शराबियों के लिए आई बुरी खबर, नेपाल में होने जा रही यह व्यवस्था

नेपाल के प्रदेश नंबर-दो के मुख्यमंत्री लालबाबू राउत ने जनकपुरधाम को शराब मुक्त बनाने की घोषणा की।

By Ajit KumarEdited By: Publish:Fri, 21 Feb 2020 03:24 PM (IST) Updated:Fri, 21 Feb 2020 04:06 PM (IST)
महाशिवरात्रि पर सीमावर्ती क्षेत्र के शराबियों के लिए आई बुरी खबर, नेपाल में होने जा रही यह व्यवस्था
महाशिवरात्रि पर सीमावर्ती क्षेत्र के शराबियों के लिए आई बुरी खबर, नेपाल में होने जा रही यह व्यवस्था

जनकपुरधाम (नेपाल), जेएनएन। Bad news for alcoholics of border region on Mahashivaratri this arrangement going to be done in Nepal : बिहार के पड़ोसी देश नेपाल के जनकपुरधाम प्रांत में भी शराबबंदी की घोषणा की गई है। माना जा रहा है कि इसका फायदा बिहार सरकार की शराबबंदी योजना को मिलेगा। हालांकि यह‍ सीमावर्ती जिले के उनलोगों के लिए एक बुरी खबर है जो बिहार में शराबबंदी के बाद सीमा पारकर नेपाल चले जाते थे।

इसके बाद से पीने-पिलाने के शौकिनों के लिए नेपाल सुरक्षित अड्डा बन गया था। जनकपुरधाम में गली-मोहल्लों में शराब के तमाम अड्डे मौजूद हैं। इससे मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के पूर्ण शराबबंदी के सपने को जनकपुरधाम में शराबबंदी की घोषणा से बल मिलेगा।

महाशिवरात्रि के अवसर पर नेपाल के प्रदेश नंबर-दो के मुख्यमंत्री लालबाबू राउत ने जनकपुरधाम को शराब मुक्त बनाने की घोषणा की। शुक्रवार को ब्रह्माकुमारी राजयोग सेवा जनकपुर के तत्वावधान में आयोजित एक व्याख्यान को संबोधित करते हुए मुख्यमंत्री राउत ने कहा कि राज्य सरकार जनकपुर के धार्मिक महत्व को ध्यान में रखते हुए खुले में शौच मुक्त शहर घोषित करने की तैयारी कर रही है।

इस कार्यक्रम में भौतिक पूर्वाधार विकास मंत्री जितेंद्र सोलन ने कहा कि शांति के बिना किसी व्यक्ति का विकास संभव नहीं होगा। प्रदेश नंबर-दो के प्रदेश सभा सदस्य परमेश्वर साह, जनकपुरधाम उप महानगरपालिका के पूर्व मेयर बजरंग प्रसाद साह सहित कई वक्ताओं ने कार्यक्रम को संबोधित किया। राजयोग सेवा केंद्र ने जनकपुर शहर में एक शांति यात्रा भी आयोजित की है। कार्यक्रम की अध्यक्षता सेवा केंद्र की सृजना दीदी ने की। 

गौरतलब है कि बिहार में पहले से ही शराबबंदी कानून लागू है। यह मुख्‍यमंत्री नीतीश कुमार का ड्रीम प्रोजेक्‍ट है। बिहार में शराबबंदी कानून लागू किये जाने की वजह से सीमावर्ती इलाकों के लोग शराब के चक्‍कर में नेपाल चले जाते थे, फिर वहां दो-चार दिन रह कर लौट आते थे। लेकिन अब ऐसे लोगों को नेपाल जाने का भी कोई फायदा नहीं मिलेगा।  

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