मुजफ्फरपुर के आयुष चिकित्सकों ने दी आंदोलन की धमकी, सीएस से मिलकर रखी बात

कहा बिहार कैबिनेट ने दो साल पहले यह निर्णय किया कि सभी आयुष चिकित्सक को एलोपैथिक चिकित्सक के समतुल्य मानदेय दिया जाएगा। लेकिन अब तक लागू नहीं हुआ। सिविल सर्जन से मिलकर दिया ज्ञापन मांगें नहीं पूरा होने पर आंदोलन की दी धमकी।

By Ajit KumarEdited By: Publish:Tue, 11 May 2021 07:49 AM (IST) Updated:Tue, 11 May 2021 07:49 AM (IST)
मुजफ्फरपुर के आयुष चिकित्सकों ने दी आंदोलन की धमकी, सीएस से मिलकर रखी बात
काम एलोपैथ वालों की तरह, लेकिन मानदेय में कटौती नहीं होगी बर्दाश्त।

मुजफ्फरपुर, जागरण संवाददाता। बिहार आयुष मेडिकल सर्विस एसोसिएशन के प्रतिनिधिमंडल ने अपनी मांगों को लेकर सिविल सर्जन से मुलाकात की। कहा कि बिहार कैबिनेट ने दो साल पहले यह निर्णय किया कि सभी आयुष चिकित्सक को एलोपैथिक चिकित्सक के समतुल्य मानदेय दिया जाएगा। लेकिन अब तक लागू नहीं हुआ। जबकि कोरोना महामारी हो या अन्य आपदा सब समय आयुष चिकित्सक एलोपैथ चिकित्सक से ज्यादा मेहनत व सेवा कर रहे। आयुष चिकित्सक यदि कोरोना से संक्रमित होते हैं इलाज की सुविधा मिले। मरने पर पचास लाख मुआवजा दिया जाए। परिवार के एक सदस्य को नौकरी दी जाए। प्रतिनिधि मंडल संघ के अध्यक्ष डॉ.एके द्विवेदी, सचिव डॉ.शंभू कुमार, डॉ.निशांत, डॉ.बीके राय, डॉ.राजकिशोर, डॉ.जेपी गुप्ता, डॉ.मो रहमान, डॉ.उषा शामिल रहे। इनकी मांगों में प्रतिमाह मानदेय 65000 अति शीघ्र करने,3270 आयुष चिकित्सकों की बहाली करने,संविदा पर कार्यरत सभी आयुष चिकित्सकों को स्थाई बहाल करने, स्थायी चिकित्सकों व कर्मियों की भांति संविदा के चिकित्सकों एवं कर्मियों को मृत्यु के उपरांत सभी लाभ देने, चिकित्सकों के मृत्यु उपरांत 50 लाख की बीमा ,पारिवारिक पेंशन एवं एक सदस्य को सरकारी नौकरी देने,संक्रमित चिकित्सक के लिए सरकारी स्वास्थ्य संस्थानों में बेड एवं आवश्यक सुविधा आरक्षित करने आदि शामिल है। 

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कागजात जमा नहीं करने वाले निजी अस्पताल संचालकों पर होगी प्राथमिकी 

सकरा (मुजफ्फरपुर), संस : सकरा के सुस्ता गांव से भारी मात्रा में एंटीजन किट मिलने तथा सकरा के लैब टेक्नीशियन के गिरफ्तार होने के बाद हरकत में आए बीडीओ के आदेश के बाद भी निजी अस्पताल संचालकों ने सोमवार को कागजात जमा नहीं किया। इस मामले में बीडीओ आनंद मोहन ने कहा कि निजी नॄसग होम संचालकों द्वारा अब तक कागजात जमा नहीं किया गया है। मंगलवार तक कागजात जमा नहीं करने वाले नॄसग होम संचालकों के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज कराई जाएगी। कागजात में अस्पताल का निबंधन प्रमाणपत्र, चिकित्सक एवं पारा मेडिकल स्टाफ की सूची व उनकी योग्यता से संबंधित कागजात, बेडों की संख्या व ऑक्सीजन की उपलब्धता, मेडिकल कचरा निवारण तथा प्रदूषण प्रमाण पत्र, एंबुलेंस की सुविधा व निर्धारित किराया दर, अस्पताल में इलाज की उपलब्ध सुविधाएं व फीस, इनकम टैक्स रिटर्न की कापी, मरीजों से ली गई इलाज राशि की रसीद की कापी, अस्पताल में पैथोलॉजी जॉच की सुविधा और उसका निर्धारित दर से संबंधित कागजात शामिल हैं। 

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