आम के बाग में मधुआ रोग का प्रकोप, करें बचाव नहीं तो होगा नुकसान

अभी का मौसम आम के मंजर व टिकोला के लिए बेहतर है।

By JagranEdited By: Publish:Fri, 05 Mar 2021 03:02 AM (IST) Updated:Fri, 05 Mar 2021 03:02 AM (IST)
आम के बाग में मधुआ रोग का प्रकोप, करें बचाव नहीं तो होगा नुकसान
आम के बाग में मधुआ रोग का प्रकोप, करें बचाव नहीं तो होगा नुकसान

मुजफ्फरपुर : अभी का मौसम आम के मंजर व टिकोला के लिए बेहतर है। अगर बेहतर कीट प्रबंधन किसान नहीं करेंगे तो उनको नुकसान हो सकता है। अभी मंजर निकलने के साथ ही मधुआ रोग का प्रकोप बढ़ रहा है। पौधा संरक्षण विभाग के सहायक निदेशक राधेश्याम कुमार ने बताया कि आम में मंजर आने से पूर्व से लेकर टिकोले बनने तक कीट नियंत्रण का प्रबंधन होना चाहिए। मधुआ कीट से मंजर को बचाना है। गुजिया कीट पेड़ पर न चढ़ सके, इसके लिए एल्काथीन की 45 सेमी की पट्टी आम के मुख्य तने के चारों तरफ सुतली से बांध देना चाहिए। ऐसा करने से यह कीट पेड़ पर नहीं चढ़ सकेगा। यदि आप ने पूर्व में ऐसा नहीं किया है एवं गुजिया कीट पेड़ पर चढ़ गया हो तो ऐसी अवस्था में डाएमेथोएट 30 ईसी या क्विनाल्फोस 25 ईसी को पानी में घोलकर छिड़काव करना चाहिए।

आम के बाग से अच्छी उपज प्राप्त करने के लिए मधुमक्खी कॉलोनी बॉक्स रखना अच्छा रहेगा। इससे परागण अच्छा होता है तथा फल अधिक मात्रा में लगते हैं। जहां आम के बागों का प्रबंधन ठीक से नहीं होता है वहां पर हापर या भुनगा कीट बहुत संख्या में हो जाते हैं। इसके लिए जरूरी है कि सूर्य का प्रकाश बाग में जमीन तक पहुंचे, जहां पर बाग घना होता है वहां भी इन कीटों की संख्या ज्यादा होती है।

पेड़ पर जब मंजर आते हैं तो ये मंजर इन कीटों के लिए बहुत ही अच्छे खाद्य पदार्थ होते हैं जिनकी वजह से इन कीटों की संख्या में भारी वृद्धि हो जाती है। इन कीटों की उपस्थिति की दूसरी पहचान यह है कि जब हम बाग के पास जाते हैं तो झुंड के झुंड कीड़े पास आते हैं। ये कीड़े मंजर से रस चूस लेते हैं तथा मंजर झड़ जाता है। इसके लिए इमिडाक्लोप्रिड 17.8 एसएल एक मिली दवा / 3 लीटर पानी में घोल कर छिड़काव करना चाहिए। सहायक निदेशक ने कहा कि दवा की मात्रा के लिए अपने प्रखंड के कृषि पदाधिकारी या फिर पौधा संरक्षण विभाग से संपर्क कर सकते हैं।

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