सीतामढ़ी के चोरौत अस्पताल में जच्चा-बच्चा को भोजन देने की व्यवस्था बंद

यह मामला तब उजागर हुआ जब एक कर्मचारी ने इमरजेंसी वार्ड में एनएम से संबंधित कागजात पर हस्ताक्षर कराने पहुंचे। कार्य कर रही एनएम कागजात पर हस्ताक्षर करने से मना कर दिया। कागजात मेंं वर्ष 2016 के अक्टूबर में 82 नवंबर में 85 प्रसूताओं के नाम अंकित थे।

By Ajit KumarEdited By: Publish:Sun, 12 Sep 2021 11:48 AM (IST) Updated:Sun, 12 Sep 2021 11:48 AM (IST)
सीतामढ़ी के चोरौत अस्पताल में जच्चा-बच्चा को भोजन देने की व्यवस्था बंद
बिना भोजन कराए ही कहीं कागजों में ही इंट्री का खेल चल रहा है। फोटो- जागरण

सीतामढ़ी, जासं। सरकारी अस्पताल में प्रसव के बाद जच्चा बच्चा के स्वास्थ्य का ख्याल रखते हुए सरकार लाखों रुपए खर्च कर रही है। कहीं जच्चा- बच्चा को किसी विटामिन की कमी ना हो जाए या कुपोषित न हो इसके लिए समय-समय पर दूध अंडा व पौष्टिक भोजन देने का का प्रबंध है । बीते कई वर्षों से चोरौत के पीएचसी में यह व्यवस्था बंद है। भोजन का मेन्यू भी नोटिस बोर्ड पर नहीं है। प्रसूताओं को अस्पताल में गुणवत्तापूर्ण भोजन देने के नाम पर बड़ा खेल हो रहा है। प्रसूताओं को बिना भोजन कराए ही कहीं कागजों में ही इंट्री का खेल चल रहा है। हैरानी यह है कि सब कुछ जानने के बाद भी विभागीय अधिकारी चुप हैं। यह मामला तब उजागर हुआ जब अस्पताल के एक कर्मचारी ने प्रसूति कक्ष के इमरजेंसी वार्ड में एनएम से संबंधित कागजात पर हस्ताक्षर कराने पहुंचे। कार्य कर रही एनएम कागजात पर हस्ताक्षर करने से मना कर दिया। कागजात मेंं वर्ष 2016 के अक्टूबर में 82, नवंबर में 85 तथा दिसंबर में 100 , वहीं वर्ष 2017 के जनवरी माह में 101 फरवरी में 84 और मार्च मेंं 70 प्रसूताओं के नाम अंकित थे। 

हालांकि चोरौत पीएचसी में वर्ष 2016 से आज तक सेैकड़ों प्रसूताओं का नाम अंकित है लेकिन संबंधित विभाग के कर्मी कुल संख्या नहीं बता रहे हैं। अस्पताल के प्रबंधक दिलीप कुमार ने बताया कि मैं वर्ष 2019 के दिसंबर महीने में अपना पदभार लिया। उस समय अस्पताल में जच्चा-बच्चा को आहार मिल रहा था। लॉग बुक को सत्यापन करते हुए जिला मुख्यालय को अग्रसारित कर दिया जाएगा। वर्तमान स्थिति से भी अवगत कराया जाएगा । वही पथ्य व आहार का भुगतान जिला मुख्यालय के निर्देश पर किया जाएगा। बीडीओ दिवाकर कुमार ने बताया कि मामला संज्ञान में नहीं है। जैसे ही आधिकारिक जानकारी मिलेगी बारिकी से जांच कर दोषी पाए जाने वाले कर्मचारियों पर कार्रवाई होगी । 

chat bot
आपका साथी