Muzaffarpur: स्वास्थ्य विभाग में दैनिक वेतन पर बहाल कर्मियों की नियुक्ति रद, सदर अस्पताल में हंगामा, टीकाकरण बाधित

दैनिक वेतन पर बहाल कर्मियों की नियुक्ति रद होने के खिलाफ मुजफ्रफरपुर के सदर अस्पताल में जमकर हंगामा हुआ साथ ही अब कोरोना टीकाकरण‌ का कार्य बाधित हो गया है। कोरोना संक्रमण बढने की वजह से इनकी बहाली हुई थी। इन लोगों की टीकाकरण महत्‍वपूर्ण भूम‍िका थी।

By Dharmendra Kumar SinghEdited By: Publish:Fri, 18 Jun 2021 10:51 AM (IST) Updated:Fri, 18 Jun 2021 10:51 AM (IST)
Muzaffarpur: स्वास्थ्य विभाग में दैनिक वेतन पर बहाल कर्मियों की नियुक्ति रद, सदर अस्पताल में हंगामा, टीकाकरण बाधित
सदर अस्‍पताल में हंगामा करते दैन‍िक वेतन पर बहाल कर्मी। जागरण

मुजफ्फरपुर, जासं। दैनिक वेतन पर बहाल कर्मियों ने समय से पहले नियुक्ति रद करने को लेकर सदर अस्पताल में जमकर हंगामा किया। सुबह-सुबह जिला प्रतिरक्षण कार्यालय घेराव की वजह टीकाकरण अभियान भी प्रभावित है। हंगामा करने वालों का आरोप है कि जब बहाली तीन माह के लिए हुई थी तो काम करने दिया जाता। उन सबकी मेहनत की बदौलत टीकाकरण अभियान में दो दिन पहले मुजफ्फरपुर बिहार में दूसरे नंबर पर रहा। हंगामा करने वालों ने आरेाप लगाया कि जिस पद पर उनकी बहाली है उसका पूरा कागाजात उनके पास है।

जिलाधिकारी व सिविल सर्जन पर आरोप लगाया कि डिग्री की जांच करानी चाहिए अगर फर्जी डिग्री हो तो बहाली का रद किया जाता। टीकाकरण का लक्ष्य पूरा किया बिहार में मुजफ्फरपुर दूसरे स्थान पर आया उसके बावजूद हटाया गया। इसलिए आंदोलन होगा। सिविल सर्जन व जिलाधिकारी कार्यालय का घेराव किया जाएगा। मालूम हो कि कोरौना महामारी को देखते हुए राज्य सरकार के निर्देश पर पिछले दिनों जिला स्तर पर सिविल सर्जन के नेतृत्व मेंजिला स्वास्थ्य विभाग में 780 पदों के लिए नियोजन किया। जिनका नियोजन हुआ सब को सदर अस्पताल से लेकर प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र तक काम पर लगाया गया। जानकारी के अनुसार इन सब लोगों की नियोजन जुलाई में समाप्त होना था। इस बीच बहाली के नाम पर रिश्वत लेने की ऑडियो वायरल होने के बाद गठित जांच कमेटी के अनुशंसा के आलोक में डीएम के आदेश पर सिविल सर्जन ने नियोजन की तिथि से रद किया है।

सिविल सर्जन डॉ एसके चौधरी ने गुरुवार को डीएम के आदेश के आलोक में नियोजन तिथि से सभी मानव बल की नियोजन को रद कर दिया। इतनी बड़ी संख्या में चिकित्सकों और पैरामेडिकल स्टाफ की नियोजन रद होने के बाद मुख्यालय तक हड़कंप मच गया है। इस तरह का चला अभियान ‌ जिला नियोजन में बड़े पैमाने पर धांधली, रिश्वतखोरी की शिकायत और एक आवेदक का वीडियो वायरल होने के बाद डीएम प्रणव कुमार ने जांच कमेटी गठित की थी। डीडीसी के नेतृत्व में गठित जांच कमेटी ने नियोजन में डीएम से भारी गड़बड़ी की अनुशंसा की थी, इसके बाद डीएम ने जांच कमेटी की अनुशंसा के आलोक में सिविल सर्जन को उक्त सभी पदों के लिए किए गए नियोजन को रद्द करने का निर्देश दिया। इसके बाद सिविल सर्जन ने गुरुवार को तत्काल प्रभाव से नियोजन की तिथि से ही नियोजन को रद्द करने का निर्देश जारी कर दिया।

मालूम हो कि राज्य स्वास्थ्य मुख्यालय ने सिविल सर्जन को कोरोना संक्रमण से लोगों को बचाने के लिए आवश्यकता के अनुसार चिकित्सक, एएनएम, जीएनएम, वार्ड बॉय, डाटा एंट्री ऑपरेटर आदि की नियोजन 3 महीने के लिए करने का निर्देश दिया था। इसके आलोक में सिविल सर्जन कार्यालय से एक सादा कागज पर वैकेंसी निकाल दी गई। इस वैकेंसी के कागज को दीवाल पर चस्पा कर 780 पदों पर बिना किसी प्रक्रिया का पालन किए हुए नियोजित कर लिया गया। इसके बाद एक महिला आवेदक से तीस हजार मांगने का ऑडियो वायरल हुआ। जिसके बाद डीएम ने डीडीसी के नेतृत्व में एसडीओ पूर्वी व एडीएम को तीन सदस्यीय जांच कमेटी गठित की। जांच कमेटी के समक्ष तीन दिनों तक सिविल सर्जन व संबंधित सहायक कागजात लेकर नहीं पहुंचे। चौथे दिन अधीक्षक के माध्यम से कागजात भिजवाया, जिसकी जांच के बाद जांच कमेटी ने डीएम को नियोजन में काफी गड़बड़ी होने, पारदर्शिता नहीं बरतने और अन्य कई गड़बड़ी का हवाला देते हुए नियोजन रद करने की अनुशंसा की थी। इसके बाद डीएम ने बुधवार शाम सिविल सर्जन को नियोजन को रद करने का निर्देश दिया। जिसके आलोक में गुरुवार को सिविल सर्जन एसके चौधरी ने नियुक्ति की तिथि से ही नियोजन को रद कर दिया।

इस संबंध में सिविल सर्जन ने बताया अगले कुछ दिनों में राज्य स्वास्थ्य समिति की ओर से बड़ी संख्या में बहाली निकलने वाली है। इस मानव बल में जो भी लोग उस बहाली में आवेदन करेंगे, उन्हें प्राथमिकता दी जाएगी। साथ ही सभी लोगों को कोरोना काल में काम करने के लिए प्रशस्ति पत्र देकर सम्मानित किया जाएगा। पूछे जाने पर 20 दिनों के कार्य का मानदेय मिलेगा या नहीं, इसपर सिविल सर्जन ने कहा नियोजन की तिथि से ही नियुक्ति रद कर दी गई है। ऐसे में किसी को एक दिन का भी भत्ता या मानदेय नहीं मिलेगा। इधर सुबह से आंदोलन शुरू है दिन भर हंगामा होने की उम्मीद दिख रहा है।

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