Journalist Rajdev Ranjan Murder Case: बचाव पक्ष की ओर से गवाही बंद करने की अर्जी, इस बात को बनाया आधार

Journalist Rajdev Ranjan Murder Case पत्रकार राजदेव रंजन हत्याकांड को लेकर बचाव पक्ष की ओर से गुरुवार को विशेष कोर्ट में गवाही बंद करने की अर्जी दाखिल की गई। लंबे समय से सीबीआइ की ओर से गवाही पेश नहीं किए जाने को बनाया गया आधार अगली तारीख 11 नवंबर को।

By Murari KumarEdited By: Publish:Wed, 21 Oct 2020 08:29 PM (IST) Updated:Wed, 21 Oct 2020 08:29 PM (IST)
Journalist Rajdev Ranjan Murder Case: बचाव पक्ष की ओर से गवाही बंद करने की अर्जी, इस बात को बनाया आधार
13 मई 2016 की शाम सिवान में पत्रकार राजदेव रंजन की गोली मार हत्या कर दी गई थी।

मुजफ्फरपुर, जेएनएन। पत्रकार राजदेव रंजन हत्याकांड को लेकर बचाव पक्ष की ओर से गुरुवार को विशेष कोर्ट में गवाही (अभियोजन) बंद  करने की अर्जी दाखिल की गई। बचाव पक्ष के अधिवक्ता शरद सिन्हा ने यह अर्जी दाखिल की। इसमें कहा गया कि चार मार्च के बाद सीबीआइ की ओर से कोई गवाह पेश नहीं किया गया। सीबीआइ अधिकारी या उनके विशेष लोक अभियोजक कोर्ट में आ भी नहीं रहे हैं। सभी आरोपित लंबे समय से न्यायिक हिरासत में जेल में बंद हैं। ऐसे में इस मामले में अभियोजन साक्ष्य को बंद कर दिया जाए। कोर्ट ने अगली सुनवाई के लिए 11 नवंबर की तारीख मुकर्रर की है। 

पूर्व सांसद शहाबुद्दीन व लड्डन मियां की नहीं हो सकी पेशी

तिहाड़ जेल में बंद पूर्व सांसद शहाबुद्दीन व भागलपुर जेल में बंद अजहरूद्दीन बेग उर्फ लड्डन मियां की वीडियो कांफ्रेंसिंग से पेशी नहीं हो सकी। तकनीकी खराबी के कारण तिहाड़ व भागलपुर जेल के वीडियो कांफ्रेंसिंग से लिंक नहीं जुड़ सका। वही मुजफ्फरपुर जेल में बंद पांच आरोपितों की वीडियो कांफ्रेंसिंग से कोर्ट में पेशी कराई गई। 

अब तक 17 की हो चुकी है गवाही

इस मामले में एमपी एमएलए के मामले के लिए गठित एडीजे-तीन वीरेंद्र कुमार के कोर्ट में सत्र विचारण चल रहा है। सीबीआइ की ओर से विशेष कोर्ट में गवाह पेश किए जा रहे हैं। अब तक 17 गवाहों को पेश किया जा चुका है। कोरोना संकट के कारण सीबीआइ की ओर से गवाही पेश नहीं की जा रही है। 

यह है मामला

13 मई 2016 की  शाम सिवान में पत्रकार राजदेव रंजन की गोली मार हत्या कर दी गई थी। इस मामले की पहले पुलिस और बाद में सीबीआइ ने जांच की। सीबीआइ ने पूर्व सांसद शहाबुद्दीन सहित आठ आरोपितों के विरुद्ध विशेष कोर्ट में आरोप पत्र दाखिल की। आरोपितों में एक को बाद में कोर्ट ने किशोर घोषित कर दिया। 

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