Antigen kit black marketing case: सदर अस्पताल में ही किट व जांच में 11 हजार से अधिक का अंतर
सदर अस्पताल और वहां स्थित नशा मुक्ति केंद्र को क्रमश 13100 और 43280 किट भेजी गई लेकिन दोनों मिलाकर दो हजार कम 54380 किट ही प्राप्त हुई। यहां महज 43268 लोगों की ही एंटीजन किट से जांच हुई। इस तरह 11112 का अंतर आया।
जासं, मुजफ्फरपुर : पुलिस की छापेमारी में सदर अस्पताल के लैब टेक्नीशियन के घर बड़ी संख्या में एंटीजन किट मिलने के बाद से ही सवाल उठने लगे थे कि गड़बड़ी का मुख्य केंद्र यही है। जांच में भी यह बात सामने आई कि सदर अस्पताल और वहां स्थित नशा मुक्ति केंद्र को क्रमश: 13,100 और 43,280 किट भेजी गई, लेकिन दोनों मिलाकर दो हजार कम 54,380 किट ही प्राप्त हुई। यहां महज 43,268 लोगों की ही एंटीजन किट से जांच हुई। इस तरह यहां प्राप्त किट और की गई जांच में 11,112 का अंतर आया। सीएचसी मड़वन में 11,150 किट में 7179 की ही जांच हुई।
पूरे जिले का आंकड़ा देखा जाए तो उपलब्ध एक लाख 88 हजार 193 किट में से एक लाख 71 हजार 405 लोगों की जांच हुई। इस तरह किट और जांच में 16,788 का अंतर पाया गया। इतना अंतर इसलिए भी कई केंद्रों ने किट से अधिक की गलत जांच दिखा दी। माना जा रहा कि जितनी किट का अंतर आ रहा, उसे बाजार में बेच दिया गया। आठ हजार लोगों के मोबाइल नंबरों का पता नहीं या घपला : जांच में यह बात सामने आई कि जांच कराने वाले 8231 लोगों के मोबाइल नंबर की जगह दस अंकों में शून्य अंकित कर दिया गया। यह संख्या कटरा सीएचसी में सबसे अधिक 3160 मिला। वहीं सदर अस्पताल में यह संख्या 2429 थी। जांच के दौरान बताया गया कि कटरा स्वास्थ्य केंद्र के जांच कर्मी बबलू आलम व अमन कुमार ने लाभार्थियों का मोबाइल नंबर नहीं लिया। टीम ने दोनों के खिलाफ कार्रवाई की अनुशंसा की है। इसके अलावा कई केंद्रों ने जांच का जो डाटा अपलोड किया, उसमें भी गड़बड़ी पाई गई। छह केंद्रों में जितनी जांच नहीं हुई, उससे अधिक लोगों का डाटा पोर्टल पर अपलोड है। यह संख्या सकरा रेफरल अस्पताल में सबसे अधिक 381 व कटरा सीएचसी में 295 है।
सात नामजद में दो अब भी पुलिस गिरफ्त से बाहर
जासं, मुजफ्फरपुर : एंटीजन कालाबाजारी मामले में पुलिस जांच गति धीमी रफ्तार से आगे बढ़ रही है। इस बीच सिविल सर्जन डॉ.एसके चौधरी ने इस मामले के नामजद आरोपित के आवेदन पर जांच टीम का गठन किया है। एसीएमओ डॉ.यूसी शर्मा नेतृत्व में तीन सदस्यीय टीम जांच में जुटी है। टीम में डॉ.हसीब असगर, डॉ.सतीश कुमार शामिल हंै। इधर, इस मामले में सकरा थानाध्यक्ष से प्रशिक्षु डीएसपी ने सदर अस्पताल के एक लिपिक को दो दिन बुलाकर पूछताछ की। इसके बाद इस मामले में आरोपी को बचाने वाले नेटवर्क में हड़कंप मचा हुआ है। पुलिस अधिकारी ने बताया कि वैज्ञानिक तरीके से जांच हो रही है। जिन्हें नामजद बनाया गया उनके खिलाफ पर्याप्त साक्ष्य हैं। हर ङ्क्षबदु पर नजर है। दो लोग जो अभी बाहर हंै जिनकी शीघ्र गिरफ्तारी की जाएगी। मालूम हो कि इस मामले में सात आरोपी में सदर अस्पताल के प्रबंधक प्रवीण कुमार व सरैया के लैब टेक्नीशियन अमितेष कुमार अभी पुलिस की गिरफ्त से बाहर हंै। मालूम हो कि पिछले दिनों सरकारी अस्पताल का एंटीजन किट बाजार में बेचने की शिकायत पर सकरा पुलिस ने छापेमारी की तो लैब टेक्नीशियन के घर से बड़ी मात्रा में किट व अन्य सामान बरामद हुआ।