वीटीआर में अब ऐसे होगी जानवरों की निगरानी

वाल्मीकि टाईगर रिजर्व के जंगल और रिहायशी क्षेत्रों में भटके बाघों समेत विभिन्न प्रजाति के जानवरों की निगरानी अब ड्रोन कैमरे से होगी। इसके लिए वाल्मीकि टाईगर रिजर्व प्रशासन ने एक प्रस्ताव बनाया है।

By JagranEdited By: Publish:Fri, 14 Sep 2018 02:49 PM (IST) Updated:Fri, 14 Sep 2018 03:25 PM (IST)
वीटीआर में अब ऐसे होगी जानवरों की निगरानी
वीटीआर में अब ऐसे होगी जानवरों की निगरानी

मुजफ्फरपुर। वाल्मीकि टाईगर रिजर्व के जंगल और रिहायशी क्षेत्रों में भटके बाघों समेत विभिन्न प्रजाति के जानवरों की निगरानी अब ड्रोन कैमरे से होगी। इसके लिए वाल्मीकि टाईगर रिजर्व प्रशासन ने एक प्रस्ताव बनाया है। उस प्रस्ताव को केन्द्र व राज्य सरकार के वन मंत्रालय, एनटीसीए , स्टेट वाइल्ड लाइफ को भेजा गया है। अगर सबकुछ ठीक ठाक रहा और इस प्रस्ताव को हरी झंडी मिल गई तो वाल्मीकि टाईगर रिजर्व ड्रोन कैमरे की नजर में होगा। जंगली जानवरों की निगरानी के साथ-साथ जंगल की भी निगरानी होगी। अब खुले तौर में जंगल में शिकारी व वन तस्कर प्रवेश नहीं कर पाएंगे। चूंकि 24 घंटे जंगल की निगरानी में ड्रोन मुस्तैद रहेगा। पश्चिमी चंपारण जिले के वन संरक्षक सह क्षेत्र निदेशक एस चन्द्रशेखर ने बताया कि फिलहाल वीटीआर प्रशासन के पास ड्रोन कैमरा नही है। कभी-कभी जंगल से जानवर भटक कर रिहायशी इलाके में चले जाते हैं। उनकी गतिविधि की निगरानी करने में दिक्कत होती है तो भाड़े पर ड्रोन कैमरा मंगाया जाता है। पिछले वर्ष भाड़े पर आया था ड्रोन

क्षेत्र निदेशक ने बताया कि बीती अगस्त 2017 में बाढ़ के पानी मे बहकर नेपाल से गेंडो का समूह वीटीआर में पहुंचा था। उस गेंडे मे से एक गेंडा पिपरासी गंडक दियारा मे पहुँच गया था। उस गेंडे को खोजने के लिए भाड़े पर पटना से ड्रोन कैमरा मंगाया गया था । उस ड्रोन से गेंडे को खोजने में तुरंत सफलता मिली थी। स्वीकृति मिलने के बाद होगी खरीद

क्षेत्र निदेशक ने बताया कि इसको गंभीरता से लेते हुए अब वाल्मीकि टाईगर रिजर्व प्रशासन ने भी ड्रोन कैमरे के लिए प्रस्ताव बनाया है। प्रस्ताव सरकार एवं वन मंत्रालय को भेजा गया है। प्रस्ताव को स्वीकृति मिलने के बाद ड्रोन की खरीद होगी। वीटीआर की सुरक्षा एवं संरक्षण को लेकर इस प्रस्ताव को स्वीकृति मिलने की संभावना भी है।

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