समस्तीपुर के उजियारपुर में आंगनबाड़ी सेविकाओं को मिला पोषण ट्रैकर एप का प्रशिक्षण
Samastipur news प्रखंड समन्वयक मो इम्तेयाज अहमद ने बताया कि मार्च 2021 में ही विभागीय निर्देश जारी किया गया था। इससे सभी सेविकाओं को अपने-अपने आंगनबाडी केंद्र अंतर्गत आने वाले सभी लाभुकों का शत-प्रतिशत एंट्री पूर्ण करना है।
समस्तीपुर, जासं। कोरोना संक्रमण काल में भी आइसीडीएस से संबंधित सेवाओं की गुणवत्ता में सुधार और आंगनबाड़ी केंद्रों के अनुश्रवण को सहज और प्रभावकारी बनाने के लिए विभागीय स्तर से लगातार प्रयास किए जा रहे हैं। इसको लेकर उजियारपुर कन्या मध्य विद्यालय में आंगनबाड़ी सेविकाओं को पोषण ट्रैकर एप्लीकेशन पर काम करने का प्रशिक्षण दिया गया। जानकारी देते हुए प्रखंड समन्वयक मो इम्तेयाज अहमद ने बताया कि मार्च 2021 में ही विभागीय निर्देश जारी किया गया था। इससे सभी सेविकाओं को अपने-अपने आंगनबाडी केंद्र अंतर्गत आने वाले सभी लाभुकों का शत-प्रतिशत एंट्री पूर्ण करना है। पोषण ट्रैकर एप्लीकेशन अंतर्गत सेविकाओं के कार्य कुशलता की गुणवत्ता को बनाए रखने के लिए विभाग द्वारा प्रशिक्षण दिया जा रहा है। मौके पर महिला पर्यवेक्षक उषा कुमारी, प्रशिक्षु संदीप कुमार के अलावा विभिन्न आंगनबाड़ी केंद्रों की सेविका मौजूद थीं।
न लगा रहे मास्क और ना ही शारीरिक दूरी का हो रहा पालन
संक्रमण में आई कमी तथा सरकार द्वारा धीरे-धीरे पाबंदियां सीमित करने के बीच आम लोग कोविड 19 से सुरक्षात्मक उपायों को भी छोड़ते जा रहे हैं। मास्क पहनने वालों की संख्या में काफी कमी दिखने लगी है। वही अनलॉक होते ही बाजार और दुकानों में भी भीड़ भाड़ बढऩे लगी है। यहां शारीरिक दूरी के पालन का सवाल ही नही उठता। संक्रमण के प्रति लोगों की दिख रही लापरवाही स्पष्ट रूप से कोरोना के तीसरी लहर को आमंत्रण देते नजर आ रही है। आज भी यहां के अधिकांश लोग प्रशासन द्वारा चालान काटने के भय से ही मास्क लगाते हैं। लेकिन धीरे-धीरे प्रशासन द्वारा भी इन नियमों के अनुपालन में ढील देने के कारण 75 प्रतिशत लोग अब फिर से बगैर मास्क के ही नजर आने लगे हैं। हालांकि प्रशासनिक और पुलिस पदाधिकारी द्वारा मास्क की जांच एवं चालान काटने की खानापुर्ति अवश्य की जाती है। लेकिन नियमित रूप से अभियान नहीं चलाने के कारण भी लोग मास्क लगाने में उदासीनता बरतने लगे हैं। बुधवार से सरकार द्वारा अनलॉक थ्री लागू किया गया है। कुछ पाबंदियों में कमी के साथ दो गज दूरी और मास्क जरूरी को सख्ती से पालन करने की भी नसीहत दी गई है। लेकिन शहर से गांव तक नजर डाला जाय तो ना मास्क और ना ही शारीरिक दूरी का ही अनुपालन हो रहा है। शहर में 75 प्रतिशत से अधिक जबकि गांव में 95 प्रतिशत तक लोग बगैर मास्क के ही दिखे। थाना क्षेत्र के बलहा हाट पर दोपहर बाद जुटे सैकड़ों लोगों में इक्का-दुक्का ही मास्क में नजर आ रहे थे। ना तो दुकानदार और ना ही खरीददार मास्क पहनना वाजिब समझ रहे थे। वही बाजार में भी कुल मिलाकर यही स्थिति दिख रही थी। हालांकि ग्रामीण क्षेत्र से कुछ बेहतर स्थिति नजर आ रहा था लेकिन अधिकांश दुकानों पर भी इसका अनुपालन सुनिश्चित नहीं कराया जा रहा था। वाहन चालक हो या वाहन सवार दुकानदार हो या खरीददार 75 प्रतिशत से अधिक लोग निश्चित रूप से बगैर मास्क के ही घूम रहे थे। एक और देश से विदेश तक कोरोना के तीसरी लहर की आशंका जताया जा रहा है वही इसके विपरीत अनुमंडल क्षेत्र में लोगों द्वारा मास्क का इस्तेमाल नहीं करना स्पष्ट रुप से तीसरे लहर को आमंत्रण देने के समान है।