Anant Chaturdashi 2021: अनंत चतुर्दशी व्रत आज, भक्तों में उत्साह
Anant Chaturdashi 2021 श्रद्धालु अनंत चतुर्दशी के दिन भगवान विष्णु के अनंत स्वरूपों की पूजा व दर्शन करेंगे। अनंत चौदस की कथा सुनी जाती है। इसी दिन गणेश विसर्जन भी होता है। यह हर वर्ष भाद्रपद मास के शुक्ल पक्ष की चतुर्दशी को मनाया जाता है।
मुजफ्फरपुर, जासं। आज भाद्र शुक्ल चतुर्दशी है। आज के दिन चतुर्दशी व्रत मनाया जाता है। इसको लेकर शनिवार को अनंत व फल-फूल, मिठाई आदि की खरीदारी को लेकर बाजारों में रौनक रही। खासकर महिलाएं इस व्रत को अधिक करती हैं। श्रद्धालु अनंत चतुर्दशी के दिन भगवान विष्णु के अनंत स्वरूपों की पूजा व दर्शन करेंगे। अनंत चौदस की कथा सुनी जाती है। इसी दिन गणेश विसर्जन भी होता है। यह हर वर्ष भाद्रपद मास के शुक्ल पक्ष की चतुर्दशी को मनाया जाता है।
पंडित प्रभात मिश्र बताते हैैं कि शतभिषा नक्षत्र में यह मनाई जाएगी। अनंत में बांधी गईं 14 गांठें हरि द्वारा उत्पन्न 14 लोकों की प्रतीक है। ङ्क्षहदू धर्म में अनंत चतुर्दशी का विशेष महत्व माना जाता है। इस दिन लोग व्रत भी रखते हैं। भगवान विष्णु की पूजा के बाद अनंत सूत्र बांधा जाता है। यह रेशम या फिर सूत का होता है। स्त्रियां दाएं हाथ में और पुरुष बाएं हाथ में इसे धारण करते हैं। माना जाता है कि अनंत सूत्र पहनने से सभी दुख और परेशानियां दूर हो जाती हैं।
भगवान विश्वकर्मा की जयंती पर रहा भक्ति का माहौल
मुजफ्फरपुर : भगवान विश्वकर्मा की पूजा शहर सहित ग्रामीण क्षेत्रों में धूमधाम से मनाई गई। शुक्रवार को सुबह से ही भगवान विश्वकर्मा की पूजा-अर्चना श्रद्धालुओं से शुरू कर दी। विभिन्न मोटर गैराजों, वर्कशाप, घरों, कलकारखानों, फैक्ट्री, बढ़ई की दुकानों, जिम आदि जगहों पर पूजा की धूम रही। रात में कई जगहों पर सांस्कृतिक कार्यक्रम हुए। शहर के सरैयागंज, कच्ची-पक्की, बीबीगंज, चांदनी, जीरोमाइल, अहियापुर आदि जगहों पर पूजा समितियों ने पूजा-अर्चना की। इस बार सर्वार्थ सिद्धि योग होने से भी भगवान शिल्पी की पूजा खास रही। सुबह से शाम तक मुहूर्त होने से श्रद्धालुओं ने आराम से पूजा-पाठ किया। बिहार मोटर ट्रांसपोर्ट फेडरशन के अध्यक्ष उदय शंकर प्रसाद सिंह ने पुत्र नितिन शंकर के साथ कच्ची-पक्की में भगवान विश्वकर्मा की पूजा की।
गाजे-बाजे के साथ निकली विसर्जन यात्रा
जिले में शनिवार को विभिन्न पूजा स्थलों से गाजे-बाजे के साथ विसर्जन यात्रा निकाली गई। कई लोगों ने गंडक नदी में प्रतिमाओं का विसर्जन किया तो कुछ ने अपने इलाके के पोखर-तालाब एवं जलाशय में प्रतिमा का विसर्जन किया। कुछ लोगों ने शनिवार होने से प्रतिमा का विसर्जन नहीं किया। श्रद्धालुओं ने घरों में भगवान विश्वकर्मा के चित्र का पूजन कर भोग लगाया और प्रसाद का वितरण किया।