Positive News: कोरोना संक्रमितों का इलाज कराने के लिए चैलेंज के साथ ड्यूटी कर रहे एंबुलेंस कर्मी
Samastipur News कोरोना संक्रमण की बीमारी जब अपने चरम पर है तो ऐसे में एंबुलेंस चालक कोरोना योद्धा की भूमिका निभा रहे है। वह अपनी व अपने परिवार की परवाह किए बगैर दिन रात अपना फर्ज बखूबी निभा रहे हैं।
समस्तीपुर, जागरण संवाददाता। सायरन की आवाज बजते ही लोगों के दिल में अनहोनी की आशंका होती है। कोरोना संक्रमण की बीमारी जब अपने चरम पर है तो ऐसे में एंबुलेंस चालक कोरोना योद्धा की भूमिका निभा रहे है। वह अपनी व अपने परिवार की परवाह किए बगैर दिन रात अपना फर्ज बखूबी निभा रहे हैं। सदर अस्पताल में एंबुलेंस में ड्राइवर की भूमिका निभाने वाले नंदलाल मुखिया ने बताया कि वह पिछले दो साल से अधिक से ड्यूटी कर रहे हैं। कोरोना संक्रमण फैलने के बाद नौकरी करना बड़ा चैलेंज हैं, क्योंकि अस्पताल में भर्ती कराने के साथ-साथ रेफर होने पर मेडिकल कॉलेज में भर्ती कराने के लिए निकलते है। पीपीई किट पहनकर संक्रमित मरीज को एंबुलेंस में रखवाना पड़ता है।
ड्यूटी के लिए हर वक्त रहते है तैयार
ड्यूटी करने में कभी कोताही नहीं बरतते। कोरोना काल में तो बिल्कुल भी नहीं। जब देश पर विपदा पड़ी है, तो सबको जूझना पड़ेगा। कोरोना संक्रमित हो या आशंकित, उन्हें अस्पताल तक सुरक्षित पहुंचाने की ड्यूटी रहती है। उन्हें हर वक्त तैयार रहना पड़ता है। कंट्रोल रूम से कभी भी कॉल आ जाती है और उन्हें मौके पर पहुंचना होता है। पूरी सावधानी बरतनी पड़ती है। घर में कपड़े भी खुद ही धोते हैं और गर्म पानी में डेटॉल डालकर नहाने के बाद ही ड्यूटी जाते हैं। कोरोना मरीज की सेवा देश सेवा मानकर करते हैं।