रक्सौल में अंबेडकर ज्ञान मंच का संकल्प, अभिवंचित वर्गों को शिक्षा के लिए प्रेरित करने का संकल्प

अंबेडकर ज्ञान मंच के स्थापना दिवस समारोह का किया गया आयोजन। मंच के सामाजिक क्षेत्रों में किए गए योगदानों की जमकर सराहना। सैफुल आजम ने कहा कि मंच के सकारात्मक उद्देश्यों के लिए वे सतत प्रयासरत रहते है।

By Ajit KumarEdited By: Publish:Sun, 17 Oct 2021 04:06 PM (IST) Updated:Sun, 17 Oct 2021 04:06 PM (IST)
रक्सौल में अंबेडकर ज्ञान मंच का संकल्प, अभिवंचित वर्गों को शिक्षा के लिए प्रेरित करने का संकल्प
स्वच्छता के साथ स्वास्थ्य की देखभाल करते हुए बच्चों को शिक्षित बनाने का संकल्प। फोटो- जागरण

रक्सौल (पूर्वी चंपारण), जासं। शहर के एक आवासीय होटल में गुरुवार को देर संध्या अंबेडकर ज्ञान मंच के स्थापना दिवस समारोह का उद्घाटन संस्थापक मुनेश राम, अध्यक्ष रविंद्र कुमार, संरक्षक राजेंद्र राम, जेएसएस मिथलेश कुमार मेहता, वार्ड पार्षद प्रेमचन्द्र कुशवाहा, दीपक कुमार, विपिन कुशवाहा, सैफुल आजम, चंद्रकिशोर पाल आदि ने संयुक्त रूप से किया। इस समारोह में उपस्थित मंच के सदस्यों ने अपने-अपने विचार व्यक्त किए। वक्ताओं ने मंच के सामाजिक कार्यो व उद्देश्यों पर प्रकाश डालते हुए सामाजिक क्षेत्रों में किये गए योगदानों की जमकर सराहना की। इस अवसर पर सम्मानित अतिथियों और कार्यकर्ताओं को फूल माला पहनाकर स्वागत किया गया। कार्यक्रम को संबोधित करते हुए अंबेडकर ज्ञान मंच के संस्थापक मुनेश राम ने कहा कि मंच का गठन बहुजन समाज में जन्मे संत गुरु महापुरुषों के विचारधारा पर आधारित समाज की स्थापना के लिए किया गया है, जिसमें संवैधानिक तौर-तरीकों का प्रसार करते हुए समतामूलक भाईचारे पर आधारित न्याय व बंधुत्व के साथ जाति विहीन समाज की स्थापना करना है। साथ ही सामाजिक कुरीतियों बाल विवाह, दहेज उन्मूलन, नशाबंदी के साथ ही सामाजिक व्याधियों के खात्मे के लिए अभिवंचित वर्गों के बीच शिक्षा को अपनाने के लिए प्रेरित करने का सुझाव दिया। 

उन्होंने कहा कि स्वच्छता के साथ स्वास्थ्य की देखभाल करते हुए अपने बच्चों को हर हाल में शिक्षित बनाने का संकल्प लें कि जबतक समाज में तथागत गौतम बुद्ध, संत कबीर, संत रैदास, शिक्षा के जनक राष्ट्रपिता ज्योतिबा राव फूले, भारत की प्रथम महिला शिक्षिका माता सावित्रीबाई फुले, छत्रपति शाहूजी महाराज, शेख फातमा, बाबू जगदेव कुशवाहा, ललई सिंह यादव, बहुजन नायक मान्यवर कांशी राम जैसे महापुरुषों के विचारों को आत्मसात नहीं किया जाएगा, तबतक समतामूलक भाईचारे पर आधारित समाज की स्थापना नहीं हो सकती। भाग्य नारायण साह ने बताया कि बहुजन समाज में फैली भ्रांतियों, कुरीतियों और अंधविश्वास को जड़ से मिटाना ही मंच का उद्देश्य है, जिसके लिए मंच के सदस्य अनुमंडल क्षेत्र के दर्जनों गांवों में जागरूकता अभियान चला रहे हैं। इसके साथ ही अन्य प्रखंडों में भी मंच के विस्तार करने का संकल्प लिया गया। जेएसएस मिथलेश कुमार मेहता ने कहा कि सामाजिक बदलाव के लिए शिक्षा प्राप्ति ही उद्देश्य होने चाहिए जिसके लिए अज्ञामं संकल्पित है। अध्यक्ष रविन्द्र राम ने मंच को जन-जन की आवाज बनाने का संकल्प लिया।संरक्षक राजेन्द्र राम ने भी जातपात व संप्रदायवाद से बाहर निकलकर समाज को शिक्षा से जुड़ने का आह्वान किया। शहर के बुद्धिजीवी नुरुल्लाह खान ने मंच के विस्तार के लिए गांव-गांव में जागरूकता अभियान चलाने के लिए अभियान चलाने की जरूरत बताया जबकि स्थानीय वार्ड पार्षद प्रेमचन्द्र कुशवाहा ने भी मंच के साथ कदमताल करते हुए सामाजिक उत्थान के लिए लोगों को आगे आने का आह्वान किया। वही पत्रकार विपिन कुशवाहा ने भी मंच के उद्देश्यों के पूर्ति के लिए हरसंभव सहयोग करने की प्रतिबद्धता जताई।

 सैफुल आजम ने कहा कि मंच के सकारात्मक उद्देश्यों के लिए वे सतत प्रयासरत रहते है।सामाजिक बदलाव की दिशा में मंच के कार्य काफी सराहनीय व क्रांतिकारी रहे है।समाजसेविका कांता देवी ने बाबा साहेब डॉ. भीमराव अम्बेडकर के विचारों व संघर्षो से प्रेरणा लेने का आह्वान किया। वही सविता देवी ने मंच के इस मुहिम में महिलाओं की भागीदारी को बढ़ाने की जरूरत पर बल दिया। कार्यक्रम की अध्यक्षता रविन्द्र कुमार व संचालन चन्द्रकिशोर पाल ने किया। कार्यक्रम को बहादुर राम, सुनील कुशवाहा, सैफुल आजम, जगन राम, कामोद राम, दिनेश राम, गौतम कुमार, ताराचंद कुमार, सामंत कुमार जोशी, जय विक्रांत पासवान, विनोद भगत, आनंद कुमार, निप्पू कुमार, रामपूजन राम, इंदु देवी, आभा देवी, संजू देवी आदि ने संबोधित किया। मौके पर श्रेयांश कुमार उर्फ बिट्टू गुप्ता, उमर अंसारी, हरदेव साह, प्रकाश पासवान, कपिलदेव साह, अनुज कुमार, आलोक राम, मधुबन पासवान, अभिनव सागर आदि शामिल हुए। 

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